Russia Ukraine Blog
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रूस और यूक्रेन ही नहीं, अमेरिका को भी भारत पर ही विश्वास
- Wednesday August 28, 2024
- हरीश चंद्र बर्णवाल
दुनिया के ग्लोबल साउथ देशों के साथ-साथ यूरोप और अमेरिका भी चाहते हैं कि युद्ध जल्द से जल्द खत्म हो, लेकिन जिन शर्तों पर युद्ध खत्म होगा, उन शर्तों पर बातचीत के लिए राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को आमने-सामने बैठना बहुत ज़रूरी है. वहीं, रूस, यूक्रेन और अमेरिका अच्छी तरह समझ चुके हैं कि बातचीत के लिए सभी पक्षों को एक साथ बैठाने का काम इस समय दुनिया में सिर्फ़ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ही कर सकता है.
- ndtv.in
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नैतिक बल के बिना ग्लोबल लीडर का बाहुबल
- Wednesday April 27, 2022
- रवीश कुमार
ग्लोबल लीडर फेल हो चुके हैं. म्यांमार से लेकर श्रीलंका या नाइजीरिया से लेकर बोलिविया कहीं आप देख लीजिए, इनकी पहल से न तो लोकतंत्र बहाल हो रहा है और न युद्ध रुक रहा है. ग्लोबल लीडर बनने के नाम पर दो महीने से केवल यात्राएं हो रही हैं और मीडिया का कवरेज़ हो रहा है.
- ndtv.in
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Blog: यूक्रेन के नरक बन चुके एक कस्बे में जहां छोटे बच्चों के स्कूल में बिछाईं गईं लैंडमाइन
- Monday April 25, 2022
- Reported by: विष्णु सोम, Edited by: वर्तिका
Ukraine War: रूसी सैनिकों की अति की दास्तां कई लोगों ने बयां कीं. एक व्यक्ति ने मुझे बताया कि एक कार जिस पर साफ तौर से "बच्चे" लिखा हुआ था, उसे रूसी सैनिकों ने निशाना बनाया, उसे पता नहीं कि उसके भीतर कितने बच्चे मारे गए."
- ndtv.in
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यूक्रेन में फंसे छात्र ज़िंदगी बचाकर लौटे, अब देश में ज़िंदगी बनाने का बड़ा सवाल...
- Tuesday March 8, 2022
- रवीश कुमार
सुमी से निकलने के समय से हम एक छात्र के संपर्क में थे. वह बता रहा था कि रास्ते में हर एक किलोमीटर पर यूक्रेन की सेना का चेक पोस्ट मिल रहा था. एक जगह पर रेड क्रास की टीम भी मिली.
- ndtv.in
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यूक्रेन में भारतीय छात्र कड़ाही में बर्फ पिघला कर पी रहे पानी, गोदी मीडिया विश्व गुरु का ढिंढोरा पीट रहा...
- Friday March 4, 2022
- रवीश कुमार
भारत के ये बच्चे बर्फ समेट रहे हैं ताकि कमरे में ले जाकर इसे पिघला कर पी सकें. भारत के ये बच्चे पानी के लिए बर्फ बटोर रहे हैं औऱ यहां कड़ाही में बर्फ गर्म कर रहे हैं ताकि पी सकें. गोदी मीडिया ढिंढोरा पीट रहा है कि भारत विश्व गुरु बन गया है. छात्रों के पास पानी नहीं है. 3 मार्च की रात से पानी की सप्लाई बंद है.
- ndtv.in
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यूक्रेन में युद्ध - छात्रों के लिए जितना प्रयास, उससे ज्यादा प्रचार
- Friday March 4, 2022
- रवीश कुमार
अपनी जेबें संभाल लीजिए, महंगाई का हमला होने वाला है. ऐसा नहीं था कि महंगाई चली गई थी, लेकिन जिस स्तर पर छुपकर आपकी जेबों को कुतर रही थी, अब वह जेबों से निकलकर पूरे कुर्ते को चट कर जाने वाली है. दो साल से कम कमाई और बेकारी की मार झेल रही जनता को अपनी जेब उलटनी पड़ सकती है ताकि जो भी खुदरा खुदरी बचा है वह भी निकल आए. जल्दी ही सारे एक्सपर्ट आपको बताने लगेंगे कि अंतरराष्ट्रीय कारणों से यह सब हो रहा है. इस समय चुनाव के कारण ये एक्सपर्ट चुप हैं.
- ndtv.in
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तबाही की पुतिन की मुहिम कहां थमेगी?
- Thursday March 3, 2022
- रवीश कुमार
आसमान से बम गिर रहे हैं और सामने से गोली आ रही है लेकिन दिमाग़ जहां था वहीं अटका हुआ है. जिससे पता चलता है कि दिमाग़ को खत्म करने की जंग इस दुनिया में हर जगह जीती जा चुकी है. इसका बमों और मिसाइलों से कोई लेना-देना नहीं है. प्रोपेगैंडा इतना मज़बूत है कि बहुत से लोग युद्ध को सही बताते हैं और रंग और नस्ल के नाम पर नफरत इतनी मज़बूत हैं कि मरने की हालत में भी कोई गोरा किसी काले को धक्का देकर अलग कर रहा होता है. मानवाधिकार का बखरा लग गया है. कई तरह के अधिकारों में बंट गया है. लोग अपने-अपने धर्माधिकार, नस्लाधिकार, जात्याधिकार, रंगाधिकार, क्षेत्राधिकार और सर्वाधिकार को श्रेष्ठ बताने और दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं. ग़नीमत है यूरोपीय और व्हाइट श्रेष्ठता से भरे किसी जानकार ने भूरे रंग के बारुद को ब्राउन साहिब नहीं पुकारा है.
- ndtv.in
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युद्ध ख़त्म होने से पहले हार चुका है रूस...
- Tuesday March 1, 2022
- प्रियदर्शन
अभी युद्ध (Russia Ukraine War) का एक हफ़्ता भी नहीं हुआ है कि रूस 5 लाख करोड़ से ज्यादा गवां चुका है.उसके बाज़ार ध्वस्त हैं, उस पर तरह-तरह की पाबंदी है. रूबल लुढ़का हुआ है.अब नाटो के देश शिकंजा कस रहे हैं.
- ndtv.in
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हज़ारों भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकालने में देरी क्यों हुई?
- Tuesday March 1, 2022
- रवीश कुमार
24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था. आज चार दिनों बाद रूस को वैसी सफलता नहीं मिली है जिसका दावा किया गया था. ऐसी खबरें हैं कि यूक्रेन ने रूस का जमकर मुकाबला किया है और बड़ी संख्या में रूसी सैनिक मारे गए और रूसी लड़ाकू विमान भी गिराए गए हैं. इसके बाद भी रूसी सेना के टैंक यूक्रेन की सड़कों पर बिना किसी रोक टोक के चलते देखे जा सकते हैं. यूक्रेन ने अपील की है कि उसे तुरंत यूरोपीयन यूनियन में शामिल किया जाए. इस अपील के ज़रिए यूक्रेन संदेश दे रहा है कि वह रूस के मनोवैज्ञानिक दबाव में नहीं आया है और यूरोपियन यूनियन को बता रहा है कि अगर इन चीज़ों को लेकर झगड़ा शुरू हुआ है तो उसे औपचारिक रूप दिया जाए.
- ndtv.in
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रूसी हमले के बीच यूक्रेन में बंकरों के भरोसे भारतीय छात्र, प्रतिबंध के भरोसे सुपर पावर
- Friday February 25, 2022
- एनडीटीवी
जिन पर तबाही आई है, उनकी तस्वीरें कितनी कम हैं, जिससे तबाही मच रही है, उसी की तस्वीरों से यूक्रेन पर हमले का कवरेज भरा है. कई घंटों तक दुनिया के कई चैनलों का कवरेज देखने के बाद लगा कि युद्ध का कवरेज दरअसल टैंकों और मिसाइलों का कवरेज होता है,मरने वाले लोगों का नहीं.
- ndtv.in
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यूक्रेन आखिर किसकी युद्ध पिपासा का परिणाम है?
- Friday February 25, 2022
- प्रियदर्शन
जहां तक युद्ध का सवाल है- हर हाल में युद्ध विनाशकारी होते हैं. वे कुछ तानाशाहों को छोड़ किसी को फायदा नहीं पहुंचाते. पूरी की पूरी बीसवीं सदी इंसानियत ने युद्ध करते गुज़ारी है. दो-दो विश्वयुद्धों में आठ से दस करोड़ लोगों के मारे जाने का आंकड़ा बनता है.
- ndtv.in
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यूक्रेन को बर्बाद करने निकला बेलगाम रूस, ग्लोबल लीडर बेबस
- Friday February 25, 2022
- रवीश कुमार
रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है. यूक्रेन ने भी रूस पर हमले का एलान कर दिया है. अब यह जंग कहां जाकर और कब जाकर रुकेगी, किसी को नहीं पता है. अभी तक नेटो और अमरीका अपने सैनिकों को जंग में भेजने से इंकार कर रहे हैं लेकिन इनके करीब होने के कारण रूस यूक्रेन पर हमला बोल दिया है.
- ndtv.in
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क्या अमेरिका यूक्रेन को लेकर पुतिन से युद्ध करेगा?
- Tuesday February 22, 2022
- रवीश कुमार
यूक्रेन में तनाव है और युद्ध की आशंका ने दुनिया को अस्थिरता से घेर लिया है. युद्ध अपने साथ प्रोपेगैंडा लेकर आता है. इराक युद्ध के समय पश्चिमी देशों का प्रोपेगैंडा सच बनकर छाया हुआ था जिस पर ब्रिटेन की संसद की बनाई चिल्कॉट कमेटी ने बताया था कि इराक पर हमला करने से पहले ब्रिटेन ने अपनी जनता से झूठ बोला था कि सद्दाम हुसैन के पास रसायनिक हथियार हैं. इराक युद्ध में ब्रिटेन की सेना भेजने वाले तबके प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था लेकिन इस दौरान रणनीति बनाने में हुई गलतियों को लेकर माफी भी मांगी थी. इस संदर्भ में हमें यह देखना ही चाहिए कि कौन सा देश कितना सही बोल रहा है और कितना हंगामा मचा रहा है. इस हंगामे का लाभ कौन उठाने वाला है और क्या करने वाला है. लेकिन हम और आप इससे प्रभावित ज़रूर हैं. आज रायटर समाचार एजेंसी ने ट्वीट किया है कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत सितंबर 2014 के बाद सबसे अधिक स्तर पर पहुंच गई है. सितंबर 2014 में कच्चे तेल का भाव 99.38 डॉलर प्रति बैरल हो गया था जो सोमवार के दिन 98.87 डॉलर प्रति बैरल हो गया?
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रूस और यूक्रेन ही नहीं, अमेरिका को भी भारत पर ही विश्वास
- Wednesday August 28, 2024
- हरीश चंद्र बर्णवाल
दुनिया के ग्लोबल साउथ देशों के साथ-साथ यूरोप और अमेरिका भी चाहते हैं कि युद्ध जल्द से जल्द खत्म हो, लेकिन जिन शर्तों पर युद्ध खत्म होगा, उन शर्तों पर बातचीत के लिए राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को आमने-सामने बैठना बहुत ज़रूरी है. वहीं, रूस, यूक्रेन और अमेरिका अच्छी तरह समझ चुके हैं कि बातचीत के लिए सभी पक्षों को एक साथ बैठाने का काम इस समय दुनिया में सिर्फ़ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ही कर सकता है.
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नैतिक बल के बिना ग्लोबल लीडर का बाहुबल
- Wednesday April 27, 2022
- रवीश कुमार
ग्लोबल लीडर फेल हो चुके हैं. म्यांमार से लेकर श्रीलंका या नाइजीरिया से लेकर बोलिविया कहीं आप देख लीजिए, इनकी पहल से न तो लोकतंत्र बहाल हो रहा है और न युद्ध रुक रहा है. ग्लोबल लीडर बनने के नाम पर दो महीने से केवल यात्राएं हो रही हैं और मीडिया का कवरेज़ हो रहा है.
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Blog: यूक्रेन के नरक बन चुके एक कस्बे में जहां छोटे बच्चों के स्कूल में बिछाईं गईं लैंडमाइन
- Monday April 25, 2022
- Reported by: विष्णु सोम, Edited by: वर्तिका
Ukraine War: रूसी सैनिकों की अति की दास्तां कई लोगों ने बयां कीं. एक व्यक्ति ने मुझे बताया कि एक कार जिस पर साफ तौर से "बच्चे" लिखा हुआ था, उसे रूसी सैनिकों ने निशाना बनाया, उसे पता नहीं कि उसके भीतर कितने बच्चे मारे गए."
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यूक्रेन में फंसे छात्र ज़िंदगी बचाकर लौटे, अब देश में ज़िंदगी बनाने का बड़ा सवाल...
- Tuesday March 8, 2022
- रवीश कुमार
सुमी से निकलने के समय से हम एक छात्र के संपर्क में थे. वह बता रहा था कि रास्ते में हर एक किलोमीटर पर यूक्रेन की सेना का चेक पोस्ट मिल रहा था. एक जगह पर रेड क्रास की टीम भी मिली.
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यूक्रेन में भारतीय छात्र कड़ाही में बर्फ पिघला कर पी रहे पानी, गोदी मीडिया विश्व गुरु का ढिंढोरा पीट रहा...
- Friday March 4, 2022
- रवीश कुमार
भारत के ये बच्चे बर्फ समेट रहे हैं ताकि कमरे में ले जाकर इसे पिघला कर पी सकें. भारत के ये बच्चे पानी के लिए बर्फ बटोर रहे हैं औऱ यहां कड़ाही में बर्फ गर्म कर रहे हैं ताकि पी सकें. गोदी मीडिया ढिंढोरा पीट रहा है कि भारत विश्व गुरु बन गया है. छात्रों के पास पानी नहीं है. 3 मार्च की रात से पानी की सप्लाई बंद है.
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यूक्रेन में युद्ध - छात्रों के लिए जितना प्रयास, उससे ज्यादा प्रचार
- Friday March 4, 2022
- रवीश कुमार
अपनी जेबें संभाल लीजिए, महंगाई का हमला होने वाला है. ऐसा नहीं था कि महंगाई चली गई थी, लेकिन जिस स्तर पर छुपकर आपकी जेबों को कुतर रही थी, अब वह जेबों से निकलकर पूरे कुर्ते को चट कर जाने वाली है. दो साल से कम कमाई और बेकारी की मार झेल रही जनता को अपनी जेब उलटनी पड़ सकती है ताकि जो भी खुदरा खुदरी बचा है वह भी निकल आए. जल्दी ही सारे एक्सपर्ट आपको बताने लगेंगे कि अंतरराष्ट्रीय कारणों से यह सब हो रहा है. इस समय चुनाव के कारण ये एक्सपर्ट चुप हैं.
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तबाही की पुतिन की मुहिम कहां थमेगी?
- Thursday March 3, 2022
- रवीश कुमार
आसमान से बम गिर रहे हैं और सामने से गोली आ रही है लेकिन दिमाग़ जहां था वहीं अटका हुआ है. जिससे पता चलता है कि दिमाग़ को खत्म करने की जंग इस दुनिया में हर जगह जीती जा चुकी है. इसका बमों और मिसाइलों से कोई लेना-देना नहीं है. प्रोपेगैंडा इतना मज़बूत है कि बहुत से लोग युद्ध को सही बताते हैं और रंग और नस्ल के नाम पर नफरत इतनी मज़बूत हैं कि मरने की हालत में भी कोई गोरा किसी काले को धक्का देकर अलग कर रहा होता है. मानवाधिकार का बखरा लग गया है. कई तरह के अधिकारों में बंट गया है. लोग अपने-अपने धर्माधिकार, नस्लाधिकार, जात्याधिकार, रंगाधिकार, क्षेत्राधिकार और सर्वाधिकार को श्रेष्ठ बताने और दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं. ग़नीमत है यूरोपीय और व्हाइट श्रेष्ठता से भरे किसी जानकार ने भूरे रंग के बारुद को ब्राउन साहिब नहीं पुकारा है.
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युद्ध ख़त्म होने से पहले हार चुका है रूस...
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अभी युद्ध (Russia Ukraine War) का एक हफ़्ता भी नहीं हुआ है कि रूस 5 लाख करोड़ से ज्यादा गवां चुका है.उसके बाज़ार ध्वस्त हैं, उस पर तरह-तरह की पाबंदी है. रूबल लुढ़का हुआ है.अब नाटो के देश शिकंजा कस रहे हैं.
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हज़ारों भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकालने में देरी क्यों हुई?
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- रवीश कुमार
24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था. आज चार दिनों बाद रूस को वैसी सफलता नहीं मिली है जिसका दावा किया गया था. ऐसी खबरें हैं कि यूक्रेन ने रूस का जमकर मुकाबला किया है और बड़ी संख्या में रूसी सैनिक मारे गए और रूसी लड़ाकू विमान भी गिराए गए हैं. इसके बाद भी रूसी सेना के टैंक यूक्रेन की सड़कों पर बिना किसी रोक टोक के चलते देखे जा सकते हैं. यूक्रेन ने अपील की है कि उसे तुरंत यूरोपीयन यूनियन में शामिल किया जाए. इस अपील के ज़रिए यूक्रेन संदेश दे रहा है कि वह रूस के मनोवैज्ञानिक दबाव में नहीं आया है और यूरोपियन यूनियन को बता रहा है कि अगर इन चीज़ों को लेकर झगड़ा शुरू हुआ है तो उसे औपचारिक रूप दिया जाए.
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रूसी हमले के बीच यूक्रेन में बंकरों के भरोसे भारतीय छात्र, प्रतिबंध के भरोसे सुपर पावर
- Friday February 25, 2022
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जिन पर तबाही आई है, उनकी तस्वीरें कितनी कम हैं, जिससे तबाही मच रही है, उसी की तस्वीरों से यूक्रेन पर हमले का कवरेज भरा है. कई घंटों तक दुनिया के कई चैनलों का कवरेज देखने के बाद लगा कि युद्ध का कवरेज दरअसल टैंकों और मिसाइलों का कवरेज होता है,मरने वाले लोगों का नहीं.
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यूक्रेन आखिर किसकी युद्ध पिपासा का परिणाम है?
- Friday February 25, 2022
- प्रियदर्शन
जहां तक युद्ध का सवाल है- हर हाल में युद्ध विनाशकारी होते हैं. वे कुछ तानाशाहों को छोड़ किसी को फायदा नहीं पहुंचाते. पूरी की पूरी बीसवीं सदी इंसानियत ने युद्ध करते गुज़ारी है. दो-दो विश्वयुद्धों में आठ से दस करोड़ लोगों के मारे जाने का आंकड़ा बनता है.
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यूक्रेन को बर्बाद करने निकला बेलगाम रूस, ग्लोबल लीडर बेबस
- Friday February 25, 2022
- रवीश कुमार
रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है. यूक्रेन ने भी रूस पर हमले का एलान कर दिया है. अब यह जंग कहां जाकर और कब जाकर रुकेगी, किसी को नहीं पता है. अभी तक नेटो और अमरीका अपने सैनिकों को जंग में भेजने से इंकार कर रहे हैं लेकिन इनके करीब होने के कारण रूस यूक्रेन पर हमला बोल दिया है.
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क्या अमेरिका यूक्रेन को लेकर पुतिन से युद्ध करेगा?
- Tuesday February 22, 2022
- रवीश कुमार
यूक्रेन में तनाव है और युद्ध की आशंका ने दुनिया को अस्थिरता से घेर लिया है. युद्ध अपने साथ प्रोपेगैंडा लेकर आता है. इराक युद्ध के समय पश्चिमी देशों का प्रोपेगैंडा सच बनकर छाया हुआ था जिस पर ब्रिटेन की संसद की बनाई चिल्कॉट कमेटी ने बताया था कि इराक पर हमला करने से पहले ब्रिटेन ने अपनी जनता से झूठ बोला था कि सद्दाम हुसैन के पास रसायनिक हथियार हैं. इराक युद्ध में ब्रिटेन की सेना भेजने वाले तबके प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था लेकिन इस दौरान रणनीति बनाने में हुई गलतियों को लेकर माफी भी मांगी थी. इस संदर्भ में हमें यह देखना ही चाहिए कि कौन सा देश कितना सही बोल रहा है और कितना हंगामा मचा रहा है. इस हंगामे का लाभ कौन उठाने वाला है और क्या करने वाला है. लेकिन हम और आप इससे प्रभावित ज़रूर हैं. आज रायटर समाचार एजेंसी ने ट्वीट किया है कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत सितंबर 2014 के बाद सबसे अधिक स्तर पर पहुंच गई है. सितंबर 2014 में कच्चे तेल का भाव 99.38 डॉलर प्रति बैरल हो गया था जो सोमवार के दिन 98.87 डॉलर प्रति बैरल हो गया?
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