Romila Thapar
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रोमिला थापर का बायो डाटा मांगे जाने से आहत हैं जेएनयू के इतिहास के छात्र
- Wednesday September 11, 2019
- Reported by: भाषा, Edited by: अर्चित गुप्ता
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इतिहास के छात्र-छात्राओं ने कहा है कि वे इतिहासकार रोमिला थापर से बायो डाटा मांगने के प्रशासन के कदम से ‘‘आहत’’ हैं. उन्होंने कहा कि थापर का विश्वविद्यालय में होना जेएनयू के लिए प्रतिष्ठा की बात है. जेएनयू प्रशासन ने प्रोफेसर एमेरिटा के रूप में सेवा निरंतरता के लिए आकलन के वास्ते थापर से बायो डाटा जमा करने को कहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कदम की कई तबकों की ओर से आलोचना की जा रही है. जवाहर लाल नेहरू शिक्षक संघ ने प्रशासन के इक कदम को ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ करार दिया जिसके बाद विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार ने कहा कि 11 अन्य से भी बायो डाटा जमा करने को कहा गया है.
- ndtv.in
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कौन हैं रोमिला थापर जिनके सीवी को लेकर छिड़ गया है विवाद?
- Tuesday September 3, 2019
- Written by: अर्चित गुप्ता
इतिहासकार रोमिला थापर (RomilaThapar) का सीवी मांगने पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. #RomilaThapar ट्वीटर पर ट्रेंड कर रहा है और लोग लगातार इस मामले पर अपने विचार रख रहे हैं. इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और रोमिला से सीवी मांगने पर कई छात्रों, शिक्षकों और इतिहासकारों ने इसका विरोध किया है. वहीं, थापर (RomilaThapar) से सीवी मांगने के मामले पर जेएनयू प्रशासन का कहना है कि उसने यह पत्र उनकी सेवा को खत्म करने के लिए नहीं बल्कि विश्वविद्यालय की सर्वोच्च वैधानिक निकाय कार्यकारिणी परिषद द्वारा समीक्षा करने की जानकारी देने के लिए लिखा है और ऐसा अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयें जैसे एमआईटी और प्रिसंटन विश्वविद्यालय में भी होता है. वहीं रोमिला थापर का कहना है कि 'यह जीवन भर का सम्मान है.' रोमिला थापर जानी मानी इतिहासकार और प्रोफेसर इमेरिटस हैं. प्राचीन भारतीय इतिहास की विशेषज्ञ रोमिला थापर 1970 से 1991 तक जेएनयू में प्रोफेसर रहीं. रिटायर होने के बाद उन्हें 1993 में प्रोफेसर इमेरिटस का दर्जा दिया गया.
- ndtv.in
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रोमिला थापर के सीवी मामले पर जावेद अख्तर का तंज, बोले- वे उनकी बीए की डिग्री कन्फर्म करना चाहते हैं...
- Monday September 2, 2019
- Written by: नरेंद्र सैनी
जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने इतिहासकार रोमिला थापर (Romila Thapar) को लेकर ट्वीट किया हैः 'नाराज होने की जरूरत नहीं है. बेशक वे जानते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर की सम्मानित इतिहासकार हैं...'
- ndtv.in
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वीसी को सीवी चाहिए तो प्रो रोमिला थापर को दे देनी चाहिए
- Monday September 2, 2019
- रवीश कुमार
यह शुभ संकेत है. रोमिला थापर की सीवी को लेकर जिज्ञासा पैदा होना बेहद शुभ संकेत है. लक्स अंडर गार्मेंट का विज्ञापन था. जब लाइफ़ में हो आराम तो आइडिया आता है. तो आइडिया आ गया होगा. चल गुरु, एक मीटिंग में कंसल्ट करते हैं. फिर रोमिला थापर को इंसल्ट करते हैं. उनसे उनकी सीवी मांगते हैं. पता तो करें कि कोई प्रो रोमिला थापर कैसे बनता है. कितनी किताबें लिखता है. कितनी किताबें पढ़ता है. इस टॉपिक पर चर्चा भी ख़ूब होगी. बेरोज़गारी, मंदी, कश्मीर और असम सब ठिकाने लग जाएंगे. सवाल करने वालों को गूगली दे दी जाए.
- ndtv.in
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JNU ने इतिहासकार रोमिला थापर से मांगा बायोडाटा, शिक्षक संघ ने बताया राजनीति से प्रेरित कदम
- Sunday September 1, 2019
- भाषा
जवाहरलाल नेहरू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इतिहासकार रोमिला थापर से प्रोफेसर एमेरिटस पद पर बने रहने के लिए बायोडाटा मांगने के फैसले को ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’ बताया.
- ndtv.in
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भीमा कोरेगांव मामला : रोमिला थापर और अन्य की पुनर्विचार याचिका पर कल सुनवाई
- Thursday October 25, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
भीमा कोरेगांव मामले में रोमिला थापर व अन्य की पुनर्विचार याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी.
- ndtv.in
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देश में 'बेहद खराब माहौल' के खिलाफ अब इतिहासकारों ने उठाई आवाज
- Thursday October 29, 2015
- Reported by Bhasha
देश में 'बेहद खराब माहौल' से पैदा चिंताओं पर कोई भरोसे दिलाने वाला बयान ना देने पर अब 50 से ज्यादा इतिहासकारों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ आवाज उठाई। रोमिला थापर, इरफान हबीब और मृदुला मुखर्जी सहित 53 इतिहासकारों ने सहमत द्वारा जारी संयुक्त बयान में हालिया घटनाक्रमों पर गंभीर चिंता जताई है।
- ndtv.in
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रोमिला थापर का बायो डाटा मांगे जाने से आहत हैं जेएनयू के इतिहास के छात्र
- Wednesday September 11, 2019
- Reported by: भाषा, Edited by: अर्चित गुप्ता
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इतिहास के छात्र-छात्राओं ने कहा है कि वे इतिहासकार रोमिला थापर से बायो डाटा मांगने के प्रशासन के कदम से ‘‘आहत’’ हैं. उन्होंने कहा कि थापर का विश्वविद्यालय में होना जेएनयू के लिए प्रतिष्ठा की बात है. जेएनयू प्रशासन ने प्रोफेसर एमेरिटा के रूप में सेवा निरंतरता के लिए आकलन के वास्ते थापर से बायो डाटा जमा करने को कहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कदम की कई तबकों की ओर से आलोचना की जा रही है. जवाहर लाल नेहरू शिक्षक संघ ने प्रशासन के इक कदम को ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ करार दिया जिसके बाद विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार ने कहा कि 11 अन्य से भी बायो डाटा जमा करने को कहा गया है.
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कौन हैं रोमिला थापर जिनके सीवी को लेकर छिड़ गया है विवाद?
- Tuesday September 3, 2019
- Written by: अर्चित गुप्ता
इतिहासकार रोमिला थापर (RomilaThapar) का सीवी मांगने पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. #RomilaThapar ट्वीटर पर ट्रेंड कर रहा है और लोग लगातार इस मामले पर अपने विचार रख रहे हैं. इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और रोमिला से सीवी मांगने पर कई छात्रों, शिक्षकों और इतिहासकारों ने इसका विरोध किया है. वहीं, थापर (RomilaThapar) से सीवी मांगने के मामले पर जेएनयू प्रशासन का कहना है कि उसने यह पत्र उनकी सेवा को खत्म करने के लिए नहीं बल्कि विश्वविद्यालय की सर्वोच्च वैधानिक निकाय कार्यकारिणी परिषद द्वारा समीक्षा करने की जानकारी देने के लिए लिखा है और ऐसा अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयें जैसे एमआईटी और प्रिसंटन विश्वविद्यालय में भी होता है. वहीं रोमिला थापर का कहना है कि 'यह जीवन भर का सम्मान है.' रोमिला थापर जानी मानी इतिहासकार और प्रोफेसर इमेरिटस हैं. प्राचीन भारतीय इतिहास की विशेषज्ञ रोमिला थापर 1970 से 1991 तक जेएनयू में प्रोफेसर रहीं. रिटायर होने के बाद उन्हें 1993 में प्रोफेसर इमेरिटस का दर्जा दिया गया.
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रोमिला थापर के सीवी मामले पर जावेद अख्तर का तंज, बोले- वे उनकी बीए की डिग्री कन्फर्म करना चाहते हैं...
- Monday September 2, 2019
- Written by: नरेंद्र सैनी
जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने इतिहासकार रोमिला थापर (Romila Thapar) को लेकर ट्वीट किया हैः 'नाराज होने की जरूरत नहीं है. बेशक वे जानते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर की सम्मानित इतिहासकार हैं...'
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वीसी को सीवी चाहिए तो प्रो रोमिला थापर को दे देनी चाहिए
- Monday September 2, 2019
- रवीश कुमार
यह शुभ संकेत है. रोमिला थापर की सीवी को लेकर जिज्ञासा पैदा होना बेहद शुभ संकेत है. लक्स अंडर गार्मेंट का विज्ञापन था. जब लाइफ़ में हो आराम तो आइडिया आता है. तो आइडिया आ गया होगा. चल गुरु, एक मीटिंग में कंसल्ट करते हैं. फिर रोमिला थापर को इंसल्ट करते हैं. उनसे उनकी सीवी मांगते हैं. पता तो करें कि कोई प्रो रोमिला थापर कैसे बनता है. कितनी किताबें लिखता है. कितनी किताबें पढ़ता है. इस टॉपिक पर चर्चा भी ख़ूब होगी. बेरोज़गारी, मंदी, कश्मीर और असम सब ठिकाने लग जाएंगे. सवाल करने वालों को गूगली दे दी जाए.
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JNU ने इतिहासकार रोमिला थापर से मांगा बायोडाटा, शिक्षक संघ ने बताया राजनीति से प्रेरित कदम
- Sunday September 1, 2019
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जवाहरलाल नेहरू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इतिहासकार रोमिला थापर से प्रोफेसर एमेरिटस पद पर बने रहने के लिए बायोडाटा मांगने के फैसले को ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’ बताया.
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भीमा कोरेगांव मामला : रोमिला थापर और अन्य की पुनर्विचार याचिका पर कल सुनवाई
- Thursday October 25, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
भीमा कोरेगांव मामले में रोमिला थापर व अन्य की पुनर्विचार याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी.
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देश में 'बेहद खराब माहौल' के खिलाफ अब इतिहासकारों ने उठाई आवाज
- Thursday October 29, 2015
- Reported by Bhasha
देश में 'बेहद खराब माहौल' से पैदा चिंताओं पर कोई भरोसे दिलाने वाला बयान ना देने पर अब 50 से ज्यादा इतिहासकारों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ आवाज उठाई। रोमिला थापर, इरफान हबीब और मृदुला मुखर्जी सहित 53 इतिहासकारों ने सहमत द्वारा जारी संयुक्त बयान में हालिया घटनाक्रमों पर गंभीर चिंता जताई है।
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