Premchand Story
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Munshi Premchand: खुद भी पढ़िए और अपने बच्चों को भी पढ़ाएं मुंशी प्रेमचंद की ये 5 कहानियां
- Tuesday October 8, 2019
हिंदी साहित्य को नई उचाइयों तक पहुंचाने वाले मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि 8 अक्टूबर को मनाई जाती है. साहित्य में प्रेमचंद के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. प्रेमचंद को उपन्यास के सम्राट माने जाते हैं. प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था. प्रेमचंद की कई कहानियां ग्रामीण भारत पर हैं. उन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से किसानों की हालत का वर्णन किया.
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प्रेमचंद की कहानियां को आज भी भूले नहीं हैं लोग
- Monday July 31, 2017
साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का स्थान उस ऊंचाई पर हैं जहां बिरले पहुंच पाये हैं. उनकी कहानियों में ग्रामीण भारत खासतौर पर किसानों की स्थिति का जो वर्णन है वह किसानों की आज की हालत से कोई खास भिन्न नहीं है.
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प्रेमचंद और रूसी लेखक दोस्तोएवेस्की की कहानियों पर बनी फिल्म
- Tuesday June 13, 2017
राज ने फिल्म प्रेमचंद और दोस्तोएवेस्की कहानियों की दुनिया का विलय करने के बारे में बताया, "दोनों लेखक दुनिया के दो अलग हिस्सों से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए तुरंत इसे मिलाने का प्रयास नहीं किया."
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प्रेमचंद की इस नायिका ने मारा था दहेज लोभी पति के चेहरे पर तमाचा...!
- Saturday October 8, 2016
- NDTV
उपन्यासकार प्रेमचन्द ने कई महान कृतिया दी हैं. जिनमें से एक है 'निर्मला'. निर्मला का का निर्माण काल 1923 ई. और प्रकाशन का समय 1927 ई. है. प्रेमचन्द्र के उन उपन्यासों में निर्मला बहुत आगे माना जाता है जिन्होंने साहित्य के मानक स्थापित किए. इस उपन्यास में प्रेमचंद ने समाज में औरत के स्त्री और उसकी दशा का चित्रण पेश किया है.
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प्रेमचंद की कहानी: पूस की रात
- Friday October 7, 2016
- NDTV
प्रेमचंद की कहानी: पूस की रात कथा सम्राट प्रेमचंद ने हिन्दी के खजाने में कई अनमोल रत्न जोड़े हैं. प्रेमचंद का लेखन और उनकी रचानाएं जितनी प्रासंगिक उस समय में थीं, जब वह रची गईं, उतनी ही आज भी हैं. प्रेमचंद के उपन्यास और कहानियों में किसानों, मजदूरों और वर्ग में बंटे हुए समाज का मार्मिक चित्रण हैं.
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दयाशंकर मिश्र का ब्लॉग : प्रेमचंद की याद में हामिद का टूटा हुआ चिमटा
- Friday July 31, 2015
- Dayashankar Mishra
आज हिंदी कहानी के युगपुरुष की 135वीं जयंती पर दयाशंकर मिश्र उनके मासूम पात्र को नए जमाने में रखकर जो फैंटेसी गढ़ रहे हैं, उसमें गरीबी से जीता हामिद सांप्रदायिकता से पस्तहाल नजर आता है...
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प्रेमचंद@135 : समय से कितने आगे थे, 'लिव इन' पर एक सदी पहले ही लिख चुके थे
- Friday July 31, 2015
- Reported by Suryakant Pathak
'लिव इन रिलेशन' जैसे संबंध आज के दौर में सामने आए हैं, लेकिन प्रेमचंद ने तो उस जमाने में जब 'गौना' के बगैर पति-पत्नी आपस मे मिल भी नहीं सकते थे, 'मिस पद्मा' जैसी कहानी लिखी जिसका विषय 'लिव इन रिलेशन' है।
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Munshi Premchand: खुद भी पढ़िए और अपने बच्चों को भी पढ़ाएं मुंशी प्रेमचंद की ये 5 कहानियां
- Tuesday October 8, 2019
हिंदी साहित्य को नई उचाइयों तक पहुंचाने वाले मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि 8 अक्टूबर को मनाई जाती है. साहित्य में प्रेमचंद के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. प्रेमचंद को उपन्यास के सम्राट माने जाते हैं. प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था. प्रेमचंद की कई कहानियां ग्रामीण भारत पर हैं. उन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से किसानों की हालत का वर्णन किया.
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प्रेमचंद की कहानियां को आज भी भूले नहीं हैं लोग
- Monday July 31, 2017
साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का स्थान उस ऊंचाई पर हैं जहां बिरले पहुंच पाये हैं. उनकी कहानियों में ग्रामीण भारत खासतौर पर किसानों की स्थिति का जो वर्णन है वह किसानों की आज की हालत से कोई खास भिन्न नहीं है.
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प्रेमचंद और रूसी लेखक दोस्तोएवेस्की की कहानियों पर बनी फिल्म
- Tuesday June 13, 2017
राज ने फिल्म प्रेमचंद और दोस्तोएवेस्की कहानियों की दुनिया का विलय करने के बारे में बताया, "दोनों लेखक दुनिया के दो अलग हिस्सों से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए तुरंत इसे मिलाने का प्रयास नहीं किया."
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प्रेमचंद की इस नायिका ने मारा था दहेज लोभी पति के चेहरे पर तमाचा...!
- Saturday October 8, 2016
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उपन्यासकार प्रेमचन्द ने कई महान कृतिया दी हैं. जिनमें से एक है 'निर्मला'. निर्मला का का निर्माण काल 1923 ई. और प्रकाशन का समय 1927 ई. है. प्रेमचन्द्र के उन उपन्यासों में निर्मला बहुत आगे माना जाता है जिन्होंने साहित्य के मानक स्थापित किए. इस उपन्यास में प्रेमचंद ने समाज में औरत के स्त्री और उसकी दशा का चित्रण पेश किया है.
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प्रेमचंद की कहानी: पूस की रात
- Friday October 7, 2016
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प्रेमचंद की कहानी: पूस की रात कथा सम्राट प्रेमचंद ने हिन्दी के खजाने में कई अनमोल रत्न जोड़े हैं. प्रेमचंद का लेखन और उनकी रचानाएं जितनी प्रासंगिक उस समय में थीं, जब वह रची गईं, उतनी ही आज भी हैं. प्रेमचंद के उपन्यास और कहानियों में किसानों, मजदूरों और वर्ग में बंटे हुए समाज का मार्मिक चित्रण हैं.
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दयाशंकर मिश्र का ब्लॉग : प्रेमचंद की याद में हामिद का टूटा हुआ चिमटा
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आज हिंदी कहानी के युगपुरुष की 135वीं जयंती पर दयाशंकर मिश्र उनके मासूम पात्र को नए जमाने में रखकर जो फैंटेसी गढ़ रहे हैं, उसमें गरीबी से जीता हामिद सांप्रदायिकता से पस्तहाल नजर आता है...
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प्रेमचंद@135 : समय से कितने आगे थे, 'लिव इन' पर एक सदी पहले ही लिख चुके थे
- Friday July 31, 2015
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'लिव इन रिलेशन' जैसे संबंध आज के दौर में सामने आए हैं, लेकिन प्रेमचंद ने तो उस जमाने में जब 'गौना' के बगैर पति-पत्नी आपस मे मिल भी नहीं सकते थे, 'मिस पद्मा' जैसी कहानी लिखी जिसका विषय 'लिव इन रिलेशन' है।
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