हिंदी साहित्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि (Munshi Premchand Death Anniversary) 8 अक्टूबर को मनाई जाती है. साहित्य में प्रेमचंद (Premchand) के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. प्रेमचंद उपन्यास के सम्राट माने जाते हैं. प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था. प्रेमचंद (Munshi Premchand) की कई कहानियां ग्रामीण भारत पर हैं. उन्होंने अपनी कहानियों (Munshi Premchand ki Kahaniyan) के माध्यम से किसानों की हालत का वर्णन किया है. प्रेमचंद देशभक्त थे और यही कारण था कि उनकी पहली कहानी संग्रह 'सोज़े-वतन' पर अंग्रेजी सरकार ने रोक लगा दी थी. 'सोज़े-वतन' का अर्थ 'राष्ट्र का विलाप' है. हमीरपुर के जिला कलेक्टर ने प्रेमचंद पर जनता को भड़काने का आरोप लगाया और उनकी 'सोज़े-वतन' की सभी प्रतियां जब्त कर नष्ट कर दी गई. साथ प्रेमचंद को भविष्य में इस तरह का लेखन न करने की चेतावनी दी गई. इसके कारण उन्हें नाम बदलकर लिखना पड़ा. इसके बाद से ही उन्होंने नवाब राय की जगह प्रेमचंद नाम से लिखना शुरू किया. 'प्रेमचंद' नाम से उनकी पहली कहानी 'बड़े घर की बेटी' प्रकाशित हुई. प्रेमचंद की कहानियों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है और यही कारण है कि स्कूल के समय में हमें हिंदी की किताबों में प्रेमचंद की कई कहानियां पढ़ने को मिली हैं. आइये जानते हैं प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियों (Munshi Premchand Stories) के बारे में...
प्रेमचंद की 5 सर्वश्रेष्ठ कहानियां
कफन
कफन कहानी प्रेमचंद की अन्य कहानियों से एकदम भिन्न है. कफन एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था की कहानी है जो श्रम के प्रति आदमी में हतोत्साह पैदा करती है क्योंकि उस श्रम की कोई सार्थकता उसे नहीं दिखायी देती है.
ईदगाह
प्रेमचंद की ये कहानी अधिकतर लोगों ने स्कूल में हिंदी की किताब में पढ़ी होगी. हामिद नाम का एक लड़का अपनी दादी के साथ रहता था. उसके माता पिता की मृत्यु हो चुकी थी. एक बार ईदगाह के दिन मेला था उसके सभी दोस्त बहुत से पैसे लिए मेला देखने जाते हैं, लेकिन हामिद के पास केवल 3 पैसे होते हैं जिससे वह अपनी दादी के लिए चिमटा खरीद लेता है. हामिद की दादी बहुत खुश होती हैं और उनकी आंखों में आसू आ जाते हैं.
गोदान
गोदान उपन्यास प्रेमचंद का अंतिम और सबसे महत्त्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है. प्रेमचंद का गोदान, किसान जीवन के संघर्ष एवं वेदना को अभिव्यक्त करने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण रचना है. कहानी का मुख्य चरित्र हरि है जो एक गाय का मालिक बनाना चाहता है. आजीवन दुर्धर्ष संघर्ष के वावजूद उसकी एक गाय की आकांक्षा पूर्ण नहीं हो पाती.
दो बैलों की कथा
दो बैलों की कथा दो बैल हीरा और मोती की कहानी है. यह दोनों प्यार के भूखे हैं. अपने मालिक से बेइंतहा मोहब्बत करते हैं. यह दोनों अपने मालिक से बिछड़ जाते हैं और एक नए स्थान पर जाते हैं. वहां इनके साथ बहुत अत्याचार होता है. उसके बाद वह वहां से भागने का निर्णय लेते हैं. इसमें उन दोनों की मदद नए घर की एक छोटी बच्ची मदद करती है. जो दोनों को चोरी चुपके खाना देती थी. वह एक रात इनकी खूटी खोल देती है और दोनों को भगाने में मदद करती है. इस तरह दोनों वापस अपने घर आते हैं.
पूस की रात
पूस की रात की मूल समस्या गरीबी की है. जो किसान राष्ट्र के जीवन का आधार है, उसके पास इतनी ताकत भी नहीं है कि ‘पूस की रात' की कड़कती सर्दी से बचने के लिए एक कंबल खरीद सके.
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