Patanjali Misleading Ads
- सब
- ख़बरें
- वीडियो
-
रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को बड़ी राहत, SC ने भ्रामक विज्ञापन मामले में माफीनामा किया मंजूर
- Tuesday August 13, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: रितु शर्मा
सुप्रीम कोर्ट ने आज भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु स्वामी रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का मामला बंद कर दिया है.
- ndtv.in
-
"आप लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे": पतंजलि केस में सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
- Wednesday April 10, 2024
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए पतंजलि (Patanjali) के संस्थापकों रामदेव (Ramdev) और बालकृष्ण द्वारा दायर नया माफीनामा खारिज कर दिया है. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए अमानुल्ला की पीठ ने इस मामले में केंद्र के रवैये पर असंतोष भी जताया. कोर्ट ने कंपनी के संस्थापकों के साथ "हाथ मिलाकर" चलने के लिए राज्य के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई.
- ndtv.in
-
"नतीजा भुगतने को तैयार रहें...", SC ने ठुकराया रामदेव, बालकृष्ण का माफ़ीनामा
- Wednesday April 10, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: पीयूष
न्यायमूर्ति कोहली ने कहा, "जब तक मामला अदालत में नहीं आया, अवमाननाकर्ताओं ने हमें हलफनामा भेजना उचित नहीं समझा. उन्होंने इसे पहले मीडिया को भेजा, कल शाम 7.30 बजे तक यह हमारे लिए अपलोड नहीं किया गया था, वे स्पष्ट रूप से प्रचार में विश्वास करते हैं." .
- ndtv.in
-
भ्रामक विज्ञापन मामला: योग गुरु रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण की आज सुप्रीम कोर्ट में पेशी
- Tuesday April 2, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था.
- ndtv.in
-
भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी
- Thursday March 21, 2024
- Edited by: पीयूष
Patanjal Misleading Ads Case: न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किए गए अदालत के नोटिसों का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. उन्हें नोटिस जारी कर पूछा गया था कि अदालत को दिए गए वचन का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए.
- ndtv.in
-
रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को बड़ी राहत, SC ने भ्रामक विज्ञापन मामले में माफीनामा किया मंजूर
- Tuesday August 13, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: रितु शर्मा
सुप्रीम कोर्ट ने आज भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु स्वामी रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का मामला बंद कर दिया है.
- ndtv.in
-
"आप लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे": पतंजलि केस में सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
- Wednesday April 10, 2024
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए पतंजलि (Patanjali) के संस्थापकों रामदेव (Ramdev) और बालकृष्ण द्वारा दायर नया माफीनामा खारिज कर दिया है. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए अमानुल्ला की पीठ ने इस मामले में केंद्र के रवैये पर असंतोष भी जताया. कोर्ट ने कंपनी के संस्थापकों के साथ "हाथ मिलाकर" चलने के लिए राज्य के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई.
- ndtv.in
-
"नतीजा भुगतने को तैयार रहें...", SC ने ठुकराया रामदेव, बालकृष्ण का माफ़ीनामा
- Wednesday April 10, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: पीयूष
न्यायमूर्ति कोहली ने कहा, "जब तक मामला अदालत में नहीं आया, अवमाननाकर्ताओं ने हमें हलफनामा भेजना उचित नहीं समझा. उन्होंने इसे पहले मीडिया को भेजा, कल शाम 7.30 बजे तक यह हमारे लिए अपलोड नहीं किया गया था, वे स्पष्ट रूप से प्रचार में विश्वास करते हैं." .
- ndtv.in
-
भ्रामक विज्ञापन मामला: योग गुरु रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण की आज सुप्रीम कोर्ट में पेशी
- Tuesday April 2, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था.
- ndtv.in
-
भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी
- Thursday March 21, 2024
- Edited by: पीयूष
Patanjal Misleading Ads Case: न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किए गए अदालत के नोटिसों का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. उन्हें नोटिस जारी कर पूछा गया था कि अदालत को दिए गए वचन का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए.
- ndtv.in