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ट्रेन का AC कोच बना शादी का हॉल, लगने लगी मेहंदी, गाने लगे भजन, बच्चों ने किया हुड़दंग, पैसेंजर्स का हुआ बुरा हाल
- Wednesday June 11, 2025
- Edited by: संज्ञा सिंह
एक बड़े परिवार ने उस जगह पर कब्ज़ा कर लिया, और इसे मेहंदी, तंबोला, भजन और बड़े पैमाने पर भोजन के साथ एक शोरगुल भरे माहौल में बदल दिया.
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UP: आगरा के पास पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन के कोच में लगी आग, कोई हताहत नहीं
- Wednesday October 25, 2023
- भाषा
रेलवे के एक सूत्र ने बताया कि ट्रेन के आगरा स्टेशन से रवाना होने के बाद दोपहर 3:45 बजे इंजन के बाद चौथे डिब्बे में आग लग गई. सूत्र ने कहा कि ट्रेन को रोका गया और डिब्बे को खाली कराया गया.
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ndtv.in
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पातालकोट बिका बाज़ार में...
- Monday February 4, 2019
- राकेश कुमार मालवीय
सत्तर साल पहले के भारतीयों ने भी जब संविधान की प्रस्तावना आत्मार्पित की, तब समता, स्वतंत्रता, न्याय की बात का बड़ा ध्यान रखा. लेकिन उदारीकरण के बाद के केवल तीसरे दशक तक ही पूंजी के तांडव ने वह तमाशा किया, जिसमें केवल अपने लाभ के लिए संसाधनों पर कब्जा, कब्जे से अधिकतम लूट. लूट किसी भी कीमत पर. इसकी ताजा मिसाल पातालकोट का वह हिस्सा है, जिसे किसी और ने नहीं, सरकार ने एक कंपनी को साहसिक गतिविधियों के नाम पर दिया. कंपनी ने बहुत बेहयाई से वहां अपने कब्जे की बागड़ भी लगाकर 'लाभ कमाने की फैक्टरी' भी चालू कर ली.
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एक बड़े परिवार ने उस जगह पर कब्ज़ा कर लिया, और इसे मेहंदी, तंबोला, भजन और बड़े पैमाने पर भोजन के साथ एक शोरगुल भरे माहौल में बदल दिया.
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UP: आगरा के पास पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन के कोच में लगी आग, कोई हताहत नहीं
- Wednesday October 25, 2023
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रेलवे के एक सूत्र ने बताया कि ट्रेन के आगरा स्टेशन से रवाना होने के बाद दोपहर 3:45 बजे इंजन के बाद चौथे डिब्बे में आग लग गई. सूत्र ने कहा कि ट्रेन को रोका गया और डिब्बे को खाली कराया गया.
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- राकेश कुमार मालवीय
सत्तर साल पहले के भारतीयों ने भी जब संविधान की प्रस्तावना आत्मार्पित की, तब समता, स्वतंत्रता, न्याय की बात का बड़ा ध्यान रखा. लेकिन उदारीकरण के बाद के केवल तीसरे दशक तक ही पूंजी के तांडव ने वह तमाशा किया, जिसमें केवल अपने लाभ के लिए संसाधनों पर कब्जा, कब्जे से अधिकतम लूट. लूट किसी भी कीमत पर. इसकी ताजा मिसाल पातालकोट का वह हिस्सा है, जिसे किसी और ने नहीं, सरकार ने एक कंपनी को साहसिक गतिविधियों के नाम पर दिया. कंपनी ने बहुत बेहयाई से वहां अपने कब्जे की बागड़ भी लगाकर 'लाभ कमाने की फैक्टरी' भी चालू कर ली.
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