Justice Khanwilkar
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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर देश के अगले लोकपाल बनेंगे
- Thursday February 8, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर देश के अगले लोकपाल नियुक्त होंगे. सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी की उच्च स्तरीय समिति ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी.
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आज रिटायर हो रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एएम खानविलकर, वकीलों ने की जमकर तारीफ
- Friday July 29, 2022
- Reported by: आशीष भार्गव
परंपरा के रूप में जस्टिस खानविलकर CJI एन वी रमना की बेंच में बैठे. इस दौरान वरिष्ठ वकीलों ने जस्टिस खानविलकर की जमकर तारीफ की.
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जानें कौन हैं सुप्रीम कोर्ट के वे 5 जज, जिन्होंने आधार की संवैधानिकता पर दिया बड़ा फैसला
- Wednesday September 26, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार का लक्ष्य कल्याणकारी योजनाओं को समाज के वंचित तबके तक पहुंचाना है और वह ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि समुदाय के दृष्टिकोण से भी लोगों के सम्मान का ख्याल रखती है. शीर्ष अदालत ने कहा कि आधार जनहित में बड़ा काम कर रहा है और आधार का मतलब है अनोखा और सर्वश्रेष्ठ होने के मुकाबले अनोखा होना बेहतर है. संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार को अब बैंक खाते से लिंक करने की जरूरत नहीं होगा. साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्कूलों में भी अब आधार की अनिवार्यता नहीं होगी.
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इन 5 जजों ने धारा 377 पर दिया ऐतिहासिक फैसला, कहा- समलैंगिकता अपराध नहीं
- Thursday September 6, 2018
- Written by: नवनीत मिश्र
समलैंगिकता पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं.जानिए इनके बारे में.
- ndtv.in
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? केंद्र ने कहा- धारा 377 का मसला हम सुप्रीम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं
- Wednesday July 11, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
समलैंगिकता अपराध है या नहीं, इसे तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मंगलवार से जारी सुनवाई में कई तरह की बातें आने के बाद बुधवा को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ से कहा कि समलैंगिकता संबंधी धारा 377 की संवैधानिकता के मसले को हम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं.
- ndtv.in
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में धारा 377 पर आज से सुनवाई, 10 बड़ी बातें
- Tuesday July 10, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली IPC धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ आज मंगलवार यानी 10 जुलाई मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी. इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चार हफ्ते के लिए सुनवाई टालने के आग्रह को ठुकरा दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुनवाई टाली नहीं जाएगी. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 2009 में अपने एक फैसले में कहा था कि आपसी सहमति से समलैंगिकों के बीच बने यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं होंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को दरकिनार करते हुए समलैंगिक यौन संबंधों को आईपीसी की धारा 377 के तहत ‘अवैध’ घोषित कर दिया था.
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को करेगा सुनवाई, केंद्र की सुनवाई टालने संबंधी याचिका ठुकराई
- Monday July 9, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली IPC धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई यानी मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चार हफ्ते के लिए सुनवाई टालने के आग्रह को ठुकरा दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुनवाई टाली नहीं जाएगी. बता दें कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस मामले में सरकार को हलफनामा दाखिल करना है जो इस केस में महत्वपूर्ण हो सकता है. इसलिए केस को चार हफ्ते के लिए टाला जाए. CJI ने केंद्र से कहा कि मंगलवार को कल याचिकाकर्ता बहस करेंगे. केंद्र उसके बाद कर सकता है.
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई से करेगी सुनवाई
- Friday July 6, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली आईपीसी की धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई से सुनवाई शुरू करेगी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंग्टन आर नरीमन, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांग चुका है.
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बोफोर्स मामले की सुनवाई से अलग हुए जस्टिस खानविलकर, अब दूसरी बेंच करेगी सुनवाई
- Tuesday February 13, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को चुनोती दी है हालांकि अभी याचिका रिजिस्ट्री में लंबित है्. सीबीआई ने कहा कि याचिका अभी डिफेक्ट में है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता अजय अग्रवाल से पूछा था कि किस हैसियत से उन्होंने बोफोर्स तोप सौदा मामले को निरस्त करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है?
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यूनिटेक ने उच्चतम न्यायालय को बताया, आदेश का पालन किया, ब्याज राशि जमा करवाई
- Tuesday May 9, 2017
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए ब्याज राशि जमा करवा दी है. इसके तहत कंपनी ने अपनी गुड़गांव परियोजना के 39 क्रेताओं की 16.55 करोड़ रुपये की राशि पर 14 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि जमा करवा दी है.
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सेना के 12,000 असैन्य सहायकों की मदद के लिए आगे आया उच्चतम न्यायालय
- Tuesday January 3, 2017
- Reported by: भाषा
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह जोखिम भरे इलाकों में सेना के लिए काम करने वाले सहायकों (पोर्टर) को बेहतर भुगतान, चिकित्सा सुविधा, बढ़ी हुई आर्थिक सहायता और सेवा से अलग होने की स्थिति में 50,000 रुपये की प्रस्तावित राशि से अधिक का अनुदान देने के लिए एक योजना तैयार करे.
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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर देश के अगले लोकपाल बनेंगे
- Thursday February 8, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर देश के अगले लोकपाल नियुक्त होंगे. सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी की उच्च स्तरीय समिति ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी.
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आज रिटायर हो रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एएम खानविलकर, वकीलों ने की जमकर तारीफ
- Friday July 29, 2022
- Reported by: आशीष भार्गव
परंपरा के रूप में जस्टिस खानविलकर CJI एन वी रमना की बेंच में बैठे. इस दौरान वरिष्ठ वकीलों ने जस्टिस खानविलकर की जमकर तारीफ की.
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जानें कौन हैं सुप्रीम कोर्ट के वे 5 जज, जिन्होंने आधार की संवैधानिकता पर दिया बड़ा फैसला
- Wednesday September 26, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार का लक्ष्य कल्याणकारी योजनाओं को समाज के वंचित तबके तक पहुंचाना है और वह ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि समुदाय के दृष्टिकोण से भी लोगों के सम्मान का ख्याल रखती है. शीर्ष अदालत ने कहा कि आधार जनहित में बड़ा काम कर रहा है और आधार का मतलब है अनोखा और सर्वश्रेष्ठ होने के मुकाबले अनोखा होना बेहतर है. संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार को अब बैंक खाते से लिंक करने की जरूरत नहीं होगा. साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्कूलों में भी अब आधार की अनिवार्यता नहीं होगी.
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इन 5 जजों ने धारा 377 पर दिया ऐतिहासिक फैसला, कहा- समलैंगिकता अपराध नहीं
- Thursday September 6, 2018
- Written by: नवनीत मिश्र
समलैंगिकता पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं.जानिए इनके बारे में.
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? केंद्र ने कहा- धारा 377 का मसला हम सुप्रीम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं
- Wednesday July 11, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
समलैंगिकता अपराध है या नहीं, इसे तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मंगलवार से जारी सुनवाई में कई तरह की बातें आने के बाद बुधवा को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ से कहा कि समलैंगिकता संबंधी धारा 377 की संवैधानिकता के मसले को हम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं.
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में धारा 377 पर आज से सुनवाई, 10 बड़ी बातें
- Tuesday July 10, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली IPC धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ आज मंगलवार यानी 10 जुलाई मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी. इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चार हफ्ते के लिए सुनवाई टालने के आग्रह को ठुकरा दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुनवाई टाली नहीं जाएगी. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 2009 में अपने एक फैसले में कहा था कि आपसी सहमति से समलैंगिकों के बीच बने यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं होंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को दरकिनार करते हुए समलैंगिक यौन संबंधों को आईपीसी की धारा 377 के तहत ‘अवैध’ घोषित कर दिया था.
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को करेगा सुनवाई, केंद्र की सुनवाई टालने संबंधी याचिका ठुकराई
- Monday July 9, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली IPC धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई यानी मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चार हफ्ते के लिए सुनवाई टालने के आग्रह को ठुकरा दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुनवाई टाली नहीं जाएगी. बता दें कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस मामले में सरकार को हलफनामा दाखिल करना है जो इस केस में महत्वपूर्ण हो सकता है. इसलिए केस को चार हफ्ते के लिए टाला जाए. CJI ने केंद्र से कहा कि मंगलवार को कल याचिकाकर्ता बहस करेंगे. केंद्र उसके बाद कर सकता है.
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई से करेगी सुनवाई
- Friday July 6, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली आईपीसी की धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई से सुनवाई शुरू करेगी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंग्टन आर नरीमन, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांग चुका है.
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बोफोर्स मामले की सुनवाई से अलग हुए जस्टिस खानविलकर, अब दूसरी बेंच करेगी सुनवाई
- Tuesday February 13, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को चुनोती दी है हालांकि अभी याचिका रिजिस्ट्री में लंबित है्. सीबीआई ने कहा कि याचिका अभी डिफेक्ट में है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता अजय अग्रवाल से पूछा था कि किस हैसियत से उन्होंने बोफोर्स तोप सौदा मामले को निरस्त करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है?
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यूनिटेक ने उच्चतम न्यायालय को बताया, आदेश का पालन किया, ब्याज राशि जमा करवाई
- Tuesday May 9, 2017
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए ब्याज राशि जमा करवा दी है. इसके तहत कंपनी ने अपनी गुड़गांव परियोजना के 39 क्रेताओं की 16.55 करोड़ रुपये की राशि पर 14 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि जमा करवा दी है.
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सेना के 12,000 असैन्य सहायकों की मदद के लिए आगे आया उच्चतम न्यायालय
- Tuesday January 3, 2017
- Reported by: भाषा
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह जोखिम भरे इलाकों में सेना के लिए काम करने वाले सहायकों (पोर्टर) को बेहतर भुगतान, चिकित्सा सुविधा, बढ़ी हुई आर्थिक सहायता और सेवा से अलग होने की स्थिति में 50,000 रुपये की प्रस्तावित राशि से अधिक का अनुदान देने के लिए एक योजना तैयार करे.
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