Jail Conditions
- सब
- ख़बरें
- वीडियो
-
Mumbai Crime Diary: अबू सलेम- वह गैंगस्टर जो तीन बार दे चुका है मौत को चकमा
- Friday December 20, 2024
- Written by: Jitendra Dikshit, Edited by: सूर्यकांत पाठक
कहते हैं कि बिल्ली की नौ जिंदगियां होतीं है. कुछ ऐसा ही मामला अबू सलेम का भी है. मैं अगर किसी अंडरवर्ल्ड डॉन को सबसे शातिर दिमाग मानता हूं तो वो डॉन है अबू सलेम. अगर अबू सलेम अब से 22 साल पहले पुर्तगाल में न पकड़ा जाता तो शायद अब तक भारत में फांसी के फंदे पर लटका दिया जाता. उसका वही हश्र होता जो कि मुंबई बमकांड के आरोपी याकूब मेमन का हुआ था, जिसे कि 30 जुलाई 2015 को नागपुर की जेल में फांसी दे दी गई थी. अबू सलेम भी 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की साजिश का हिस्सा था, लेकिन उसे फांसी के बजाय उम्रकैद की सजा हुई.
-
ndtv.in
-
क्यों हो रही है कैदियों की इलेक्ट्रानिक निगरानी की बात, क्या यह निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा
- Tuesday December 3, 2024
- Written by: राजेश कुमार आर्य
सुप्रीम कोर्ट की एक रिपोर्ट में जमानत पर या दूसरे तरीकों से रिहा हुए कैदियों की इलेक्ट्रानिक उपकरणों से निगरानी की वकालत की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी निगरानी से जेलों में से कैदियों की भीड़ कम होगी. इस निगरानी के कुछ नैतिक पहलू भी हैं.
-
ndtv.in
-
आर्यन खान के सामने कोर्ट ने रखी थीं 14 शर्तें, उल्लंघन करने पर फिर जाना पड़ सकता है जेल
- Saturday October 30, 2021
- Edited by: अभिषेक पारीक
कोर्ट ने आर्यन सहित तीनों आरोपियों को जमानत देते हुए 14 शर्तें रखी थीं. तीनों के लिए इन शर्तों को मानना अनिवार्य है. इन 14 शर्तों में किसी भी एक का उल्लंघन होने पर आर्यन सहित तीनों आरोपियों को एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है.
-
ndtv.in
-
देश की जेलों में कैदियों के हालात सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा - जेलों में एक समांतर प्रणाली चल रही है?
- Friday November 23, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश की जेलों की दयनीय हालत पर केन्द्र की खिंचाई की और सवाल किया कि ‘अधिकारियों की नजरों में’ कैदियों को इंसान माना जाता है या नहीं.
-
ndtv.in
-
बिहार की जेलों में कैदियों की सबसे ज्यादा मौज? सुप्रीम कोर्ट कराएगा देश की जेलों का CAG ऑडिट
- Tuesday February 21, 2017
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव, Edited by: सुनील कुमार सिरीज
2015-16 के आंकड़ों की मानें तो बिहार की जेलों में बंद कैदियों को सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता है. बिहार सरकार एक कैदी पर साल में औसतन 83,691 रुपये खर्च करती है, जबकि राजस्थान सरकार सिर्फ तीन हजार रुपये सालाना खर्च करती है. पंजाब में ये आंकड़ा 16,669 रुपये है, जबकि नगालैंड में 65,468 रुपये सालाना प्रति कैदी. ये आंकड़े किसी को भी चौंकाने के लिए काफी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इन पर अचरज जताया है.
-
ndtv.in
-
Mumbai Crime Diary: अबू सलेम- वह गैंगस्टर जो तीन बार दे चुका है मौत को चकमा
- Friday December 20, 2024
- Written by: Jitendra Dikshit, Edited by: सूर्यकांत पाठक
कहते हैं कि बिल्ली की नौ जिंदगियां होतीं है. कुछ ऐसा ही मामला अबू सलेम का भी है. मैं अगर किसी अंडरवर्ल्ड डॉन को सबसे शातिर दिमाग मानता हूं तो वो डॉन है अबू सलेम. अगर अबू सलेम अब से 22 साल पहले पुर्तगाल में न पकड़ा जाता तो शायद अब तक भारत में फांसी के फंदे पर लटका दिया जाता. उसका वही हश्र होता जो कि मुंबई बमकांड के आरोपी याकूब मेमन का हुआ था, जिसे कि 30 जुलाई 2015 को नागपुर की जेल में फांसी दे दी गई थी. अबू सलेम भी 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की साजिश का हिस्सा था, लेकिन उसे फांसी के बजाय उम्रकैद की सजा हुई.
-
ndtv.in
-
क्यों हो रही है कैदियों की इलेक्ट्रानिक निगरानी की बात, क्या यह निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा
- Tuesday December 3, 2024
- Written by: राजेश कुमार आर्य
सुप्रीम कोर्ट की एक रिपोर्ट में जमानत पर या दूसरे तरीकों से रिहा हुए कैदियों की इलेक्ट्रानिक उपकरणों से निगरानी की वकालत की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी निगरानी से जेलों में से कैदियों की भीड़ कम होगी. इस निगरानी के कुछ नैतिक पहलू भी हैं.
-
ndtv.in
-
आर्यन खान के सामने कोर्ट ने रखी थीं 14 शर्तें, उल्लंघन करने पर फिर जाना पड़ सकता है जेल
- Saturday October 30, 2021
- Edited by: अभिषेक पारीक
कोर्ट ने आर्यन सहित तीनों आरोपियों को जमानत देते हुए 14 शर्तें रखी थीं. तीनों के लिए इन शर्तों को मानना अनिवार्य है. इन 14 शर्तों में किसी भी एक का उल्लंघन होने पर आर्यन सहित तीनों आरोपियों को एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है.
-
ndtv.in
-
देश की जेलों में कैदियों के हालात सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा - जेलों में एक समांतर प्रणाली चल रही है?
- Friday November 23, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश की जेलों की दयनीय हालत पर केन्द्र की खिंचाई की और सवाल किया कि ‘अधिकारियों की नजरों में’ कैदियों को इंसान माना जाता है या नहीं.
-
ndtv.in
-
बिहार की जेलों में कैदियों की सबसे ज्यादा मौज? सुप्रीम कोर्ट कराएगा देश की जेलों का CAG ऑडिट
- Tuesday February 21, 2017
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव, Edited by: सुनील कुमार सिरीज
2015-16 के आंकड़ों की मानें तो बिहार की जेलों में बंद कैदियों को सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता है. बिहार सरकार एक कैदी पर साल में औसतन 83,691 रुपये खर्च करती है, जबकि राजस्थान सरकार सिर्फ तीन हजार रुपये सालाना खर्च करती है. पंजाब में ये आंकड़ा 16,669 रुपये है, जबकि नगालैंड में 65,468 रुपये सालाना प्रति कैदी. ये आंकड़े किसी को भी चौंकाने के लिए काफी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इन पर अचरज जताया है.
-
ndtv.in