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दाऊद इब्राहिम हमारे चाचा हैं... नकली मुंबई पुलिस बनकर स्कैमर ने पत्रकार को किया फोन, आगे जो हुआ, हैरत में पड़े लोग
- Thursday April 25, 2024
- Edited by: संज्ञा सिंह
एक हैरतअंगेज मामला मुंबई में सामने आया है. यहां एक खोजी पत्रकार ने 'दाऊद इब्राहिम चाचा हैं हमारे' कहकर ऑनलाइन स्कैम करने वाले नकली मुंबई पुलिस अफसर को मात दी.
- ndtv.in
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पैंडोरा पेपर्स का खुलासा, एक दर्जन से अधिक देशों और सरकारों के प्रमुखों ने टैक्स हैवंस में छिपाए लाखों
- Monday October 4, 2021
- Reported by: एएफपी
"पेंडोरा पेपर्स" की जांच में करीब 600 पत्रकार शामिल हैं. यह वैश्विक स्तर पर 14 वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनियों के करीब 1.19 करोड़ लीक दस्तावेजों पर आधारित है. करीब 35 वर्तमान और पूर्व नेताओं का ICIJ द्वारा विश्लेषित दस्तावेजों में नाम आया है.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट से केरल के पत्रकार की यूपी में गिरफ्तारी की जांच कराने की मांग
- Tuesday December 1, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (Kerala Union of Working journalists) ने उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) द्वारा पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique kappan) की कथित अवैध गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक सेवानिवृत्त जज से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में यूपी सरकार (UP Government) के दावों पर सवाल उठाए गए हैं. यूनियन ने कहा है कि कप्पन की रिहाई की मांग करने वाली याचिका के जवाब में यूपी सरकार द्वारा दी गई दलीलें झूठी और तुच्छ हैं. हलफनामे में कहा गया है कि 56 दिनों तक सिद्दीक को हिरासत में रखना गैरकानूनी है. साथ ही पुलिस द्वारा उसे हिरासत में यातना देने का भी आरोप लगाया गया है.
- ndtv.in
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रवीश कुमार का ब्लॉग : लोगों की आंखें अंधी, कान बहरे, मुंह से ज़ुबान ग़ायब है, चीन में सच बताने के लिए कोई बचा नहीं
- Sunday July 14, 2019
- रवीश कुमार
''उन्मुक्त आवाज़ की जगह सिमट गई है. आप स्वतंत्र पत्रकार हैं, कहना ख़तरनाक हो गया है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शासन में ऐसे पत्रकार ग़ायब हो गए हैं. सरकार ने दर्जनों पत्रकारों को प्रताड़ित किया है और जेल में बंद कर दिया है. समाचार संस्थाओं ने गहराई से की जाने वाली रिपोर्टिंग बंद कर दी है. चीन में शी जिनपिंग के साथ मज़बूत नेता का उफान फिर से आया है. इसका नतीजा यह हुआ है कि चीन के प्रेस में आलोचनात्मक रिपोर्टिंग बंद हो गई है. यह संपूर्ण सेंसरशिप का दौर है. हमारे जैसे पत्रकार करीब करीब विलुप्त हो गए हैं'. 43 साल की पत्रकार ज़ांग वेनमिन का यह बयान न्यूयार्क टाइम्स में छपा है.
- ndtv.in
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दाऊद इब्राहिम हमारे चाचा हैं... नकली मुंबई पुलिस बनकर स्कैमर ने पत्रकार को किया फोन, आगे जो हुआ, हैरत में पड़े लोग
- Thursday April 25, 2024
- Edited by: संज्ञा सिंह
एक हैरतअंगेज मामला मुंबई में सामने आया है. यहां एक खोजी पत्रकार ने 'दाऊद इब्राहिम चाचा हैं हमारे' कहकर ऑनलाइन स्कैम करने वाले नकली मुंबई पुलिस अफसर को मात दी.
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पैंडोरा पेपर्स का खुलासा, एक दर्जन से अधिक देशों और सरकारों के प्रमुखों ने टैक्स हैवंस में छिपाए लाखों
- Monday October 4, 2021
- Reported by: एएफपी
"पेंडोरा पेपर्स" की जांच में करीब 600 पत्रकार शामिल हैं. यह वैश्विक स्तर पर 14 वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनियों के करीब 1.19 करोड़ लीक दस्तावेजों पर आधारित है. करीब 35 वर्तमान और पूर्व नेताओं का ICIJ द्वारा विश्लेषित दस्तावेजों में नाम आया है.
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सुप्रीम कोर्ट से केरल के पत्रकार की यूपी में गिरफ्तारी की जांच कराने की मांग
- Tuesday December 1, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (Kerala Union of Working journalists) ने उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) द्वारा पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique kappan) की कथित अवैध गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक सेवानिवृत्त जज से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में यूपी सरकार (UP Government) के दावों पर सवाल उठाए गए हैं. यूनियन ने कहा है कि कप्पन की रिहाई की मांग करने वाली याचिका के जवाब में यूपी सरकार द्वारा दी गई दलीलें झूठी और तुच्छ हैं. हलफनामे में कहा गया है कि 56 दिनों तक सिद्दीक को हिरासत में रखना गैरकानूनी है. साथ ही पुलिस द्वारा उसे हिरासत में यातना देने का भी आरोप लगाया गया है.
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- Sunday July 14, 2019
- रवीश कुमार
''उन्मुक्त आवाज़ की जगह सिमट गई है. आप स्वतंत्र पत्रकार हैं, कहना ख़तरनाक हो गया है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शासन में ऐसे पत्रकार ग़ायब हो गए हैं. सरकार ने दर्जनों पत्रकारों को प्रताड़ित किया है और जेल में बंद कर दिया है. समाचार संस्थाओं ने गहराई से की जाने वाली रिपोर्टिंग बंद कर दी है. चीन में शी जिनपिंग के साथ मज़बूत नेता का उफान फिर से आया है. इसका नतीजा यह हुआ है कि चीन के प्रेस में आलोचनात्मक रिपोर्टिंग बंद हो गई है. यह संपूर्ण सेंसरशिप का दौर है. हमारे जैसे पत्रकार करीब करीब विलुप्त हो गए हैं'. 43 साल की पत्रकार ज़ांग वेनमिन का यह बयान न्यूयार्क टाइम्स में छपा है.
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