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"पत्नी नहीं है महिला": पति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांगा तलाक
- Monday March 14, 2022
- Reported by: ANI
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने शुक्रवार को पत्नी से पति की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है, जिसमें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच के 29-07-2021 के आदेश को चुनौती दी गई थी.
- ndtv.in
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लोन एप्लिकेशन हुई खारिज तो नाराज शख्स ने फूंक डाला बैंक, पुलिस ने किया गिरफ्तार
- Tuesday January 11, 2022
- Reported by: ANI
आरोपी को लोन की जरूरत थी, जिसके लिए उसने बैंक से संपर्क किया था. हालांकि बैंक ने उसकी लोन एप्लिकेशन को खारिज कर दिया. पुलिस के मुताबिक, दस्तावेजों के वैरिफिकेशन के बाद लोन की अर्जी को अस्वीकार कर दिया था.
- ndtv.in
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आर्यन खान मामले में 'गवाह' पर दो और आरोप, धोखाधड़ी मामले में आरोपी है किरण गोसावी
- Friday October 29, 2021
- Reported by: ANI
गोसावी के खिलाफ कथित तौर पर कई दस्तावेज बनाने और कई जगहों पर उनका इस्तेमाल करने के मामले में भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 465 (जालसाजी) और धारा 468 (धोखाधड़ी) जोड़ी गई है.
- ndtv.in
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राजद्रोह की धारा के खिलाफ डाली गई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कही ये बात
- Tuesday February 9, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: पवन पांडे
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस. ए. बोबडे ने कहा कि याचिकाकर्ता इससे कैसे प्रभावित है? आप पर क्या कॉज ऑफ एक्शन है. आपके खिलाफ कोई केस नहीं है. हमने पहले ही तय कर रखा है कि जब तक कोई कॉज ऑफ एक्शन नहीं होगा तो आप इसी तरह कानून को चुनौती नहीं दे सकते हैं. हमारे पास ऐसा कोई केस नहीं है जो जेल में सड़ रहा हो. आप अगर ठोस केस के साथ आते हैं तो देखेंगे.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट के ये हैं 5 जज, जिन्होंने समलैंगिकता के बाद अब व्यभिचार को किया अपराध से बाहर
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
158 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यभिचार को आपराधिक कृत्य बताने वाले दंडात्मक प्रावधान को सर्वसम्मति से निरस्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने 157 साल पुराने व्यभिचार को रद्द कर दिया और कहा कि किसी पुरुष द्वारा विवाहित महिला से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार कानून असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार कानून मनमाना और भेदभावपूर्ण है. यह लैंगिक समानता के खिलाफ है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इस पीठ ने ही धारा 377 पर अपना अहम फैसला सुनाया था. इससे पहले इसी बेंच ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से अलग किया था. तो चलिए जानते हैं उन पांचों जजों के बारे में...
- ndtv.in
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जानें क्या है IPC 497? सुप्रीम कोर्ट ने 158 साल पुराने व्यभिचार कानून को किया खत्म
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार-रोधी कानून को रद्द कर दिया है और कहा है कि व्यभिचार अपराध नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि यह तलाक का आधार हो सकता है लेकिन यह कानून महिला के जीने के अधिकार पर असर डालता है.
- ndtv.in
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नशे में एक्सीडेंट से होने वाली मौत पर 'गैर इरादतन हत्या' का मामला दर्ज करने की सिफारिश
- Thursday February 9, 2017
- Written by: श्रीराम शर्मा
सरकार सड़क हादसों में लगाम लगाने के लिए यातायात नियमों को और सख्त बनाने पर लगातार जोर दे रही है, बावजूद इसके सड़क हादसों में कोई कमी नहीं आ रही है. सरकार की अगली कोशिश शराब पीकर वाहन चलाने के दौरान होने वाली मौत के मामले को गैर इरादतन हत्या के तौर पर शामिल करने की है.
- ndtv.in
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भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विस्तृत समीक्षा के पक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
- Friday February 26, 2016
- Edited by: Bhasha
देशद्रोह संबंधी कानून को लेकर चल रही चर्चा के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय दंड संहिता को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार ढालने के लिए विस्तृत समीक्षा की जरूरत है और ‘प्राचीन’ पुलिस प्रणाली में बदलाव लाने की आवश्यकता है।
- ndtv.in
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हिट एंड रन को लेकर सख्त कानून की तैयारी
- Thursday July 23, 2015
- Reported by Parimal Kumar
हिट एंड रन यानी टक्कर मार कर फरार होना। अगर सीसीटीवी कैमरे ना हों तो कई वारदातों की हकीकत शायद ही सामने आ पाए। ऐसे में पीड़ित को इंसाफ और मुजरिम को सज़ा की बात बेमानी है, लेकिन सरकार अब हिट एंड रन के ऐसे मामलों में सख़्त कानून लाने जा रही है।
- ndtv.in
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"पत्नी नहीं है महिला": पति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांगा तलाक
- Monday March 14, 2022
- Reported by: ANI
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने शुक्रवार को पत्नी से पति की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है, जिसमें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच के 29-07-2021 के आदेश को चुनौती दी गई थी.
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लोन एप्लिकेशन हुई खारिज तो नाराज शख्स ने फूंक डाला बैंक, पुलिस ने किया गिरफ्तार
- Tuesday January 11, 2022
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आरोपी को लोन की जरूरत थी, जिसके लिए उसने बैंक से संपर्क किया था. हालांकि बैंक ने उसकी लोन एप्लिकेशन को खारिज कर दिया. पुलिस के मुताबिक, दस्तावेजों के वैरिफिकेशन के बाद लोन की अर्जी को अस्वीकार कर दिया था.
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आर्यन खान मामले में 'गवाह' पर दो और आरोप, धोखाधड़ी मामले में आरोपी है किरण गोसावी
- Friday October 29, 2021
- Reported by: ANI
गोसावी के खिलाफ कथित तौर पर कई दस्तावेज बनाने और कई जगहों पर उनका इस्तेमाल करने के मामले में भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 465 (जालसाजी) और धारा 468 (धोखाधड़ी) जोड़ी गई है.
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राजद्रोह की धारा के खिलाफ डाली गई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कही ये बात
- Tuesday February 9, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: पवन पांडे
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस. ए. बोबडे ने कहा कि याचिकाकर्ता इससे कैसे प्रभावित है? आप पर क्या कॉज ऑफ एक्शन है. आपके खिलाफ कोई केस नहीं है. हमने पहले ही तय कर रखा है कि जब तक कोई कॉज ऑफ एक्शन नहीं होगा तो आप इसी तरह कानून को चुनौती नहीं दे सकते हैं. हमारे पास ऐसा कोई केस नहीं है जो जेल में सड़ रहा हो. आप अगर ठोस केस के साथ आते हैं तो देखेंगे.
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सुप्रीम कोर्ट के ये हैं 5 जज, जिन्होंने समलैंगिकता के बाद अब व्यभिचार को किया अपराध से बाहर
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
158 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यभिचार को आपराधिक कृत्य बताने वाले दंडात्मक प्रावधान को सर्वसम्मति से निरस्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने 157 साल पुराने व्यभिचार को रद्द कर दिया और कहा कि किसी पुरुष द्वारा विवाहित महिला से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार कानून असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार कानून मनमाना और भेदभावपूर्ण है. यह लैंगिक समानता के खिलाफ है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इस पीठ ने ही धारा 377 पर अपना अहम फैसला सुनाया था. इससे पहले इसी बेंच ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से अलग किया था. तो चलिए जानते हैं उन पांचों जजों के बारे में...
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जानें क्या है IPC 497? सुप्रीम कोर्ट ने 158 साल पुराने व्यभिचार कानून को किया खत्म
- Thursday September 27, 2018
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सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार-रोधी कानून को रद्द कर दिया है और कहा है कि व्यभिचार अपराध नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि यह तलाक का आधार हो सकता है लेकिन यह कानून महिला के जीने के अधिकार पर असर डालता है.
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नशे में एक्सीडेंट से होने वाली मौत पर 'गैर इरादतन हत्या' का मामला दर्ज करने की सिफारिश
- Thursday February 9, 2017
- Written by: श्रीराम शर्मा
सरकार सड़क हादसों में लगाम लगाने के लिए यातायात नियमों को और सख्त बनाने पर लगातार जोर दे रही है, बावजूद इसके सड़क हादसों में कोई कमी नहीं आ रही है. सरकार की अगली कोशिश शराब पीकर वाहन चलाने के दौरान होने वाली मौत के मामले को गैर इरादतन हत्या के तौर पर शामिल करने की है.
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भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विस्तृत समीक्षा के पक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
- Friday February 26, 2016
- Edited by: Bhasha
देशद्रोह संबंधी कानून को लेकर चल रही चर्चा के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय दंड संहिता को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार ढालने के लिए विस्तृत समीक्षा की जरूरत है और ‘प्राचीन’ पुलिस प्रणाली में बदलाव लाने की आवश्यकता है।
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हिट एंड रन को लेकर सख्त कानून की तैयारी
- Thursday July 23, 2015
- Reported by Parimal Kumar
हिट एंड रन यानी टक्कर मार कर फरार होना। अगर सीसीटीवी कैमरे ना हों तो कई वारदातों की हकीकत शायद ही सामने आ पाए। ऐसे में पीड़ित को इंसाफ और मुजरिम को सज़ा की बात बेमानी है, लेकिन सरकार अब हिट एंड रन के ऐसे मामलों में सख़्त कानून लाने जा रही है।
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