केंद्र का कहना है कि नये क़ानूनो के तहत जल्दी मिलेगा न्याय लेकिन क़ानून के जानकारों का कहना है कि नये क़ानून लोगों से लेकर कोर्ट्स तक के लिए कई मुश्किलें खड़ी कर सकता है।