Fire In Karol Bagh
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दिल्ली : करोल बाग में डेढ़ सौ होटल बंद, यात्री परेशान; कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट
- Thursday February 21, 2019
करोल बाग के 150 होटल बंद हो गए हैं. करोल बाग के होटलों में कुल साढ़े पांच हजार कमरे हैं और होटल कारोबार से पांच हजार लोग जुड़े हैं. इन होटलों में करीब 12000 टूरिस्ट हर माह रुकते हैं. होटलें बंद होने से इनमें काम करने वाले कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है.
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नियमों को ताक पर रखकर सालों से चल रहा था होटल, निगम की लापरवाही ने लील ली 17 जिंदगियां
- Tuesday February 12, 2019
दिल्ली के करोलबाग में अर्पित होटल (Hotel Arpit Palace) में हुए दर्दनाक हादसे के बाद दिल्ली सरकार और नगर निगम ने अलग-अलग जांच कमेटी बनाई है. लेकिन देश की राजधानी में अर्पित होटल जैसे दर्जनों होटल निगम की नाक के नीचे कायदे कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
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दिल्ली आग हादसा TIMELINE: नींद की आगोश में थे लोग, अचानक आग ने कर दी 17 जिंदगियां खाक, जानें कितने बजे क्या हुआ
- Tuesday February 12, 2019
Time line of fire in Karol Bagh fire incident: दिल्ली में मंगलवार की सुबह एक बड़ा हादसा हुआ. दिल्ली के करोलबाग में एक होटल में आग लगने की घटना में 17 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
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दिल्ली-एनसीआर में साल दर साल लगती रही आग और स्वाहा होते रहे शासन-प्रशासन के दावे, ये घटनाएं हैं सबूत
- Tuesday February 12, 2019
- NDTVKhabar News Desk
दिल्ली के करोलबाग (Karol Bagh) स्थित होटल अर्पित पैलेस में लगी आग में मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है. अभी भी मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है. बताया जा रहा है कि मृतकों की संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है. ज्यादातर मौतें दम घुटने की वजह से हुई हैं. हालांकि, अब तक आग लगने की वजह का पता नहीं चल पाया है. इधर दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है. इस घटना में म्यांमार के दो लोगों की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि वहां से 8 लोगों का ग्रुप आया था, जिनमें 2 लोग के शव की पहचान हुई है. होटल कर्मचारी हरी सिंह ने बताया कि होटल में कुल 65 कमरे हैं, जिनमें से सभी भरे हुए थे. 20 से 25 होटल का स्टाफ भी था. यह पहला मौका नहीं है, जब दिल्ली-एनसीआर में आगजनी की घटना में लोगों की जान गई हो. इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि शासन-प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है.
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