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This Article is From Feb 21, 2019

दिल्ली : करोल बाग में डेढ़ सौ होटल बंद, यात्री परेशान; कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट

करोल बाग होटल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बालन ने कहा- कहीं आग लगती है तो क्या सारी दुकानें बंद करा दी जाती हैं?

दिल्ली : करोल बाग में डेढ़ सौ होटल बंद, यात्री परेशान; कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट
दिल्ली के करोल बाग में आग लगने की घटना के बाद इलाके की 150 होटलें बंद कर दी गई हैं.
नई दिल्ली:

करोल बाग के 150 होटल बंद हो गए हैं. करोल बाग के होटलों में कुल साढ़े पांच हजार कमरे हैं और होटल कारोबार से पांच हजार लोग जुड़े हैं. इन होटलों में करीब 12000 टूरिस्ट हर माह रुकते हैं. होटलें बंद होने से इनमें काम करने वाले कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है.

करोल बाग के एक होटल में आग लगने के बाद इस इलाके के करीब डेढ़ सौ होटलों को बंद कर दिया गया है. इन होटलों के बंद होने से जहां हजारों लोगों के रोजगार पर असर पड़ रहा है वहीं दिल्ली आने वाले यात्रियों को भी परेशान होना पड़ रहा है.

होटलों  में पहले से बुकिंग कराने वाले लोगों को अब कमरा नहीं मिल रहा है. इसको लेकर विवाद हो रहे हैं. एक होटल में मैनेजर और ग्राहक बहस करते हुए दिखाई दिए. राकेश के परिवार के लोगों ने होटल में बुकिंग करा रखी थी लेकिन अचानक होटल के बाहर मेंटेंनेस का बोर्ड लगाकर होटल के दरवाजे टूरिस्टों के लिए बंद कर दिए गए. होटल मालिक और ग्राहक दोनों परेशान हैं.

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एक व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने बुकिंग करा रखी थी. मुंबई से लोग आए हैं. अब कहां लेकर जाऊं? सारे होटल बंद हैं और फाइव स्टार के चार्जेज ज्यादा हैं. एक होटल के मैनेजर मुरली ने बताया कि अभी फायर डिपार्टमेंट ने सारे होटल बंद करा दिए हैं. पानी तक नहीं आ रहा है. इसीलिए होटल फिलहाल बंद कर दिया है.

करोल बाग में जितेंद्र जोशी ने भी अपना होटल बंद कर रखा है. उनका स्टाफ खाली बैठा है और काउंटर पर सन्नाटा पसरा है. फायर डिपार्टमेंट का निर्देश है कि जब तक पांच हजार लीटर की अलग से टंकी नहीं लगती है तब तक होटल बंद रखो. जितेंद्र जोशी ने कहा कि हमारे पास दस हजार लीटर का टैंक है लेकिन अब कहा जा रहा है कि पांच हजार का अलग से टैंक रखो.

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करोल बाग में करीब ढाई सौ से तीन सौ होटल हैं जहां 12000 टूरिस्ट हर महीने रुकते हैं. अब फायर डिपार्टमेंट और नगर निगम ने पंद्रह दिनों के लिए करीब डेढ़ सौ होटलों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं. जिनके लाइसेंस सस्पेंड नहीं किए गए हैं वे भी अब अपने होटल बंद कर चुके हैं.

होटल एसोसिएशन और नगर निगम के अपने-अपने तर्क हैं. करोल बाग होटल एसोसिएशन के  पूर्व अध्यक्ष बालन का कहना है कि कहीं आग लगती है तो क्या सारी दुकानें बंद करा दी जाती हैं? हम सारे नियम मानने को तैयार हैं लेकिन छोटी-छोटी चीजों तो लेकर हमें परेशान किया जा रहा है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर आदेश गुप्ता ने कहा कि फायर डिपार्टमेंट ने लाइसेंस सस्पेंड किया तो हमने भी कर दिया है. लेकिन हम प्रताड़ित नहीं करना चाहते हैं.

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करोल बाग के होटल अर्पित में आग लगने से 17 लोगों की जान चली गई लेकिन तीन जांच के बाद भी लापरवाह सरकारी अधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. करोलबाग में अगर ढाई सौ होटलों में से डेढ़ सौ होटलों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए तो आप सोच सकते हैं कि फायर डिपार्टमेंट और नगर निगम के अधिकारी कैसी जानलेवा लापरवाही बरत रहे हैं. जांच तो कई हुईं लेकिन हर बार की तरह जिम्मेदारी किसी भी अधिकारी की नहीं है.

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