Famous Ghazal
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Jagjit Singh: भारी आवाज की वजह से कभी बॉलीवुड ने किया किनारा, बाद में ऐसे बने गजल के बेताज बादशाह
- Thursday October 9, 2025
- Reported by: आईएएनएस, Edited by: शिखा यादव
जब भी गजल की बात होती है, एक नाम अनायास ही जुबान पर आता है, वो है जगजीत सिंह. राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्मे इस महान गायक ने अपनी मखमली आवाज और भावनाओं की गहराई से गजल को न केवल एक नया मुकाम दिया, बल्कि इसे हर दिल तक पहुंचाया.
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नहीं रहे मशहूर सिंगर पंकज उधास, फैंस ने नम आखों से दी श्रद्धांजलि, बोले- दिल छू लेने वाला गायक दिल तोड़ गया
- Tuesday February 27, 2024
- Written by: शालिनी सेंगर
पंकज उधास के निधन की खबर आने के बाद हर कोई उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रहा है. खासकर म्यूजिक जगत में इस खबर से मातम पसरा है.
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तन्हा दिलों को सुकून देती हैं पंकज उधास की ये पांच गजल, आखिरी वाली को तो आज भी बार-बार सुनते हैं फैंस
- Monday February 26, 2024
- Edited by: आनंद कश्यप
RIP Pankaj Udhas: पंकज उधास यानी गजलों की दुनिया का वो नाम जिनकी मखमली आवाज हर शमा को रोशन कर जाए. हर टूटे दिल को, तन्हा दिल को पुरसुकून कर जाए. दिल को छू लेने वाली वो रूहानी सी आवाज हमेशा के लिए रुखसत ले चुकी है.
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महान शायर Mirza Ghalib के 10 शेर, जिनके बिना जिंदगी है अधूरी
- Friday December 27, 2019
- Written by: नंदन सिंह
Mirza Ghalib Shayar: उर्दू के महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib Quotes) का जन्म 27 दिसंबर, 1797 को हुआ था और उनका निधन 15 फरवरी, 1869 को हुआ.
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Mirza Ghalib: महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के बॉलीवुड से लेकर असल जिंदगी तक में हिट 10 शेर
- Thursday December 27, 2018
- Reported by: नरेंद्र सैनी
मिर्जा गालिब का जन्म 27 दिसंबर, 1797 को हुआ था और उनकी असली नाम मिर्जा असुद्ल्लाह बेग खान था. उनका जन्म उस दौर में हुआ जब मुगल कमजोर हो चुके थे और अंग्रेजों का पूरे देश पर शासन था.
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जावेद अख्तर का दावा : बहादुर शाह का नहीं, मेरे दादा का है‘ना किसी की आंख का नूर हूं’
- Friday December 4, 2015
- Edited by: Bhasha
प्रख्यात शायर और गीतकार जावेद अख्तर ने दावा किया है कि अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की लिखी बताई जाने वाली मशहूर गजल ‘ना किसी की आंख का नूर हूं’, दरअसल उनके दादा मुज़तर ख़ैराबादी ने लिखी थी।
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Jagjit Singh: भारी आवाज की वजह से कभी बॉलीवुड ने किया किनारा, बाद में ऐसे बने गजल के बेताज बादशाह
- Thursday October 9, 2025
- Reported by: आईएएनएस, Edited by: शिखा यादव
जब भी गजल की बात होती है, एक नाम अनायास ही जुबान पर आता है, वो है जगजीत सिंह. राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्मे इस महान गायक ने अपनी मखमली आवाज और भावनाओं की गहराई से गजल को न केवल एक नया मुकाम दिया, बल्कि इसे हर दिल तक पहुंचाया.
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नहीं रहे मशहूर सिंगर पंकज उधास, फैंस ने नम आखों से दी श्रद्धांजलि, बोले- दिल छू लेने वाला गायक दिल तोड़ गया
- Tuesday February 27, 2024
- Written by: शालिनी सेंगर
पंकज उधास के निधन की खबर आने के बाद हर कोई उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रहा है. खासकर म्यूजिक जगत में इस खबर से मातम पसरा है.
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तन्हा दिलों को सुकून देती हैं पंकज उधास की ये पांच गजल, आखिरी वाली को तो आज भी बार-बार सुनते हैं फैंस
- Monday February 26, 2024
- Edited by: आनंद कश्यप
RIP Pankaj Udhas: पंकज उधास यानी गजलों की दुनिया का वो नाम जिनकी मखमली आवाज हर शमा को रोशन कर जाए. हर टूटे दिल को, तन्हा दिल को पुरसुकून कर जाए. दिल को छू लेने वाली वो रूहानी सी आवाज हमेशा के लिए रुखसत ले चुकी है.
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महान शायर Mirza Ghalib के 10 शेर, जिनके बिना जिंदगी है अधूरी
- Friday December 27, 2019
- Written by: नंदन सिंह
Mirza Ghalib Shayar: उर्दू के महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib Quotes) का जन्म 27 दिसंबर, 1797 को हुआ था और उनका निधन 15 फरवरी, 1869 को हुआ.
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Mirza Ghalib: महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के बॉलीवुड से लेकर असल जिंदगी तक में हिट 10 शेर
- Thursday December 27, 2018
- Reported by: नरेंद्र सैनी
मिर्जा गालिब का जन्म 27 दिसंबर, 1797 को हुआ था और उनकी असली नाम मिर्जा असुद्ल्लाह बेग खान था. उनका जन्म उस दौर में हुआ जब मुगल कमजोर हो चुके थे और अंग्रेजों का पूरे देश पर शासन था.
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जावेद अख्तर का दावा : बहादुर शाह का नहीं, मेरे दादा का है‘ना किसी की आंख का नूर हूं’
- Friday December 4, 2015
- Edited by: Bhasha
प्रख्यात शायर और गीतकार जावेद अख्तर ने दावा किया है कि अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की लिखी बताई जाने वाली मशहूर गजल ‘ना किसी की आंख का नूर हूं’, दरअसल उनके दादा मुज़तर ख़ैराबादी ने लिखी थी।
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