Five Best Ghazal of Pankaj Udhas: पंकज उधास यानी गजलों की दुनिया का वो नाम जिनकी मखमली आवाज हर शमा को रोशन कर जाए. हर टूटे दिल को, तन्हा दिल को पुरसुकून कर जाए. दिल को छू लेने वाली वो रूहानी सी आवाज हमेशा के लिए रुखसत ले चुकी है. पंकज उधास दुनिया को छोड़ कर जा चुके हैं लेकिन शेर, शायरी और गजलों की महफिल जब भी सजेगी उनकी आवाज के बिना मुकम्मल न हो सकेगी. 26 फरवरी को उनका निधन हो गया है. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. इस बात की जानकारी उनके परिवार ने सोशल मीडिया पर दी है. उन्हें अलविदा कहने से पहले जरूर सुनिए वो चंद गजलें जो पंकज उधास को हमेशा हमेशा के लिए जिंदा रखेंगे.
पंकज उधास की पांच गजलें
चिट्ठी आई है, आई है...
उनकी पांच सबसे खूबसूरत गजलों की बात है तो फिल्म नाम की गजल चिट्ठी आई है से ही बात शुरू करते हैं. ये वो गजल है जिसने हर उस दिल के तार छेड़े जो अपने वतन से दूर किसी और मुल्क में दिन गुजार रहे थे. अपनों से दूर रहने का दर्द क्या होता है वो इस गजल से साफ छलकता है.
ए गमे जिंदगी कुछ तो दे मशवरा
एक टूटा हुआ दिल हो तो उसका सहारा मयकदा ही होता है. ऐसे में ये सवाल कितना मौजू सा है कि एक तरफ उसका घर और एक तरफ मयकदा. पंकज उधास अपनी मीठी सी आवाज में जिंदगी से यही गुजारिश कर रहे हैं कि किसे चुने, सही मशवरा तो दे.
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चांदी जैसा रंग है तेरा
अपने महबूब की तारीफ करना हो तो इससे बेहतर और खूबसूरत अल्फाज क्या होंगे. रंग चांदी जैसा और बाल सोने से चमकते हुए. जब इन लफ्जों के साथ तारीफ होंगी तो भला कौन रूठा रहेगा.
और आहिस्ता कीजिए बातें
जब दो दिल मिले और गुफ्तगू का सिलसिला छिड़े तो बातें आहिस्ता करना जरूरी है. क्यों जरूरी है ये जानना है तो आपको पंकज उधास की आवाज से सजी गजल और आहिस्ता कीजिए बातें. जरूर सुननी चाहिए.
जिएं तो जिएं कैसे
इस सवाल का जवाब हर वो दिल जानना चाहता है जिसका महबूब उसे धोखा देकर गया है. क्यों कि दिल ऐसा बेमुरव्वत है जो किसी और का हो तो अपना नहीं रहता. और जब तन्हा होता है तो बार बार एक ही बात कहता है कि लगता नहीं दिल कहीं. बिन आपके...
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