Criminal Code
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मर्डर अब '302' नहीं, '103'... IPC खत्म, आज से लागू हो गए कानून, हर एक बात जानिए
- Monday July 1, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
देश में सोमवार, 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे. कानून की यह संहिताएं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) हैं. नए कानूनों में कुछ धाराएं हटा दी गई हैं तो कुछ नई धाराएं जोड़ी गई हैं. कानून में नई धाराएं शामिल होने के बाद पुलिस, वकील और अदालतों के साथ-साथ आम लोगों के कामकाज में भी काफी बदलाव आ जाएगा.
- ndtv.in
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1 जुलाई से नए आपराधिक कानून होंगे लागू, जानें क्या-क्या बदल जाएगा
- Sunday June 30, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा
नए कानूनों में, महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार या इलाज मुहैया कराया जाएगा. यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि पीड़ित को आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल तुरंत मिले.
- ndtv.in
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राम मंदिर निर्माण के लिए दान के नाम पर QR कोड के जरिए ठगी, VHP ने किया सावधान
- Sunday December 31, 2023
- Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: सूर्यकांत पाठक
ऐसे वक्त में जब अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह नजदीक आ रहा है, मंदिर के नाम पर श्रद्धालुओं को लूटने वाला एक रैकेट सामने आया है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इसे लेकर लोगों को सावधान करते हुए चेताया है. वीएचपी ने बताया है कि कैसे साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर मंदिर के नाम पर दान मांग रहे हैं. इन मैसेजों में एक QR कोड भी होता है जिसे स्कैन करवाकर लोगों से राशि ली जा रही है. यह पैसा ठगों के पास चला जाता है.
- ndtv.in
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"देशद्रोह की धारा को अलविदा": राज्यसभा में नया आपराधिक संहिता बिल पारित होने पर पीएम मोदी
- Thursday December 21, 2023
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Edited by: सूर्यकांत पाठक
पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को तीन आपराधिक न्याय विधेयकों (Criminal Justice Bills) के पारित होने की सराहना की. नए कानून देश में औपनिवेशिक युग में बनाए गए कानूनों की जगह लेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि यह सार्वजनिक सेवा और कल्याण पर केंद्रित कानूनों के साथ एक नए युग की शुरुआत है.
- ndtv.in
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मॉब लिंचिंग और नाबालिग से रेप के लिए सजा-ए-मौत, नए आपराधिक कानूनों में नया और क्या?
- Thursday December 21, 2023
- Edited by: स्वेता गुप्ता
भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता (The Indian Penal Code) से बदला जाएगा, क्योंकि सरकार औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को खत्म करना चाहती है. गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि नए कानूनों में मॉब लिंचिंग और नाबालिगों से रेप जैसे अपराधों के लिए मौत की सजा शामिल होगी.
- ndtv.in
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नए क्रिमिनल कोड में फर्जी नोट चलाना, सरकार को धमकाने के लिए अपहरण भी आतंकवाद होगा
- Tuesday December 12, 2023
- Edited by: अभिषेक पारीक
साथ ही सरकार ने भारतीय न्याय संहिता या बीएनएस में दो नए सेक्शन जोड़े हैं, जो आपराधिक प्रक्रिया संहिता सहित मौजूदा आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए बनाए गए तीन विधेयकों में से एक हैं.
- ndtv.in
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क्रिमिनल लॉ को बदलने की जल्दबाजी न करें : ममता बनर्जी ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी
- Wednesday November 29, 2023
- Reported by: सुनील प्रभु, Edited by: अंजलि कर्मकार
नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं. इनके संसद के शीतकालीन सत्र में पारित होने की उम्मीद है.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट गिरफ्तारी के 15 दिनों के भीतर रिमांड पर लेने के 1992 के फैसले पर करेगा विचार
- Monday August 7, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: अभिषेक पारीक
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच ने इस मामले को बड़ी पीठ के पास रैफर कर दिया है. जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने सोमवार को तमिलनाडु के मंत्री सैंथिल बालाजी मामले में फैसला सुनाते हुए यह अहम कदम उठाया है.
- ndtv.in
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CM मान ने बेअदबी से जुड़े दो बिलों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी
- Tuesday May 30, 2023
- Reported by: शरद शर्मा, Edited by: अभिषेक पारीक
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है और यहां पर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना बहुत जरूरी है. ऐसे में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ कठोर सजा बहुत जरूरी है.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट बोला: व्यभिचार अपराध नहीं, पति, पत्नी का मालिक नहीं, पढ़ें इस मामले की पूरी टाइमलाइन
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार कानून को रद्द कर दिया और अब से यह अपराध नहीं रहा. सुप्रीम कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से व्यभिचार से संबंधित दंडात्मक प्रावधान को असंवैधानिक करार देते हुए उसे मनमाना और महिलाओं की व्यक्तिकता को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए निरस्त किया. मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा, "व्यभिचार अपराध नहीं हो सकता. यह निजता का मामला है. पति, पत्नी का मालिक नहीं है. महिलाओं के साथ पुरूषों के समान ही व्यवहार किया जाना. इस मामले में हुई सुनवाई से संबंधित घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट के ये हैं 5 जज, जिन्होंने समलैंगिकता के बाद अब व्यभिचार को किया अपराध से बाहर
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
158 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यभिचार को आपराधिक कृत्य बताने वाले दंडात्मक प्रावधान को सर्वसम्मति से निरस्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने 157 साल पुराने व्यभिचार को रद्द कर दिया और कहा कि किसी पुरुष द्वारा विवाहित महिला से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार कानून असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार कानून मनमाना और भेदभावपूर्ण है. यह लैंगिक समानता के खिलाफ है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इस पीठ ने ही धारा 377 पर अपना अहम फैसला सुनाया था. इससे पहले इसी बेंच ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से अलग किया था. तो चलिए जानते हैं उन पांचों जजों के बारे में...
- ndtv.in
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158 साल पुराने व्यभिचार कानून को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द, संविधान पीठ ने कहा- यह अपराध नहीं
- Thursday September 27, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
- ndtv.in
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व्यभिचार मामले पर सुप्रीम कोर्ट बोला- महिला के साथ गैरसमानता का बर्ताव करना असंवैधानिक
- Thursday September 27, 2018
- आशीष भार्गव
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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बाबा राम रहीम केस : नई दंड नीति पर सोचने का वक़्त
- Tuesday August 29, 2017
- सुधीर जैन
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को सज़ा ने देश के माहौल में कितना फर्क़ डाला है? इस सवाल पर सोचना शुरू करें तो हमें अपनी दंड नीति की समीक्षा करनी पड़ेगी. एक अपराधशास्त्री की हैसियत से यहां सिर्फ उन बातों की चर्चा करना ठीक होगा जो विवादास्पद न हों.
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मर्डर अब '302' नहीं, '103'... IPC खत्म, आज से लागू हो गए कानून, हर एक बात जानिए
- Monday July 1, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
देश में सोमवार, 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे. कानून की यह संहिताएं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) हैं. नए कानूनों में कुछ धाराएं हटा दी गई हैं तो कुछ नई धाराएं जोड़ी गई हैं. कानून में नई धाराएं शामिल होने के बाद पुलिस, वकील और अदालतों के साथ-साथ आम लोगों के कामकाज में भी काफी बदलाव आ जाएगा.
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1 जुलाई से नए आपराधिक कानून होंगे लागू, जानें क्या-क्या बदल जाएगा
- Sunday June 30, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा
नए कानूनों में, महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार या इलाज मुहैया कराया जाएगा. यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि पीड़ित को आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल तुरंत मिले.
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राम मंदिर निर्माण के लिए दान के नाम पर QR कोड के जरिए ठगी, VHP ने किया सावधान
- Sunday December 31, 2023
- Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: सूर्यकांत पाठक
ऐसे वक्त में जब अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह नजदीक आ रहा है, मंदिर के नाम पर श्रद्धालुओं को लूटने वाला एक रैकेट सामने आया है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इसे लेकर लोगों को सावधान करते हुए चेताया है. वीएचपी ने बताया है कि कैसे साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर मंदिर के नाम पर दान मांग रहे हैं. इन मैसेजों में एक QR कोड भी होता है जिसे स्कैन करवाकर लोगों से राशि ली जा रही है. यह पैसा ठगों के पास चला जाता है.
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"देशद्रोह की धारा को अलविदा": राज्यसभा में नया आपराधिक संहिता बिल पारित होने पर पीएम मोदी
- Thursday December 21, 2023
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Edited by: सूर्यकांत पाठक
पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को तीन आपराधिक न्याय विधेयकों (Criminal Justice Bills) के पारित होने की सराहना की. नए कानून देश में औपनिवेशिक युग में बनाए गए कानूनों की जगह लेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि यह सार्वजनिक सेवा और कल्याण पर केंद्रित कानूनों के साथ एक नए युग की शुरुआत है.
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मॉब लिंचिंग और नाबालिग से रेप के लिए सजा-ए-मौत, नए आपराधिक कानूनों में नया और क्या?
- Thursday December 21, 2023
- Edited by: स्वेता गुप्ता
भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता (The Indian Penal Code) से बदला जाएगा, क्योंकि सरकार औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को खत्म करना चाहती है. गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि नए कानूनों में मॉब लिंचिंग और नाबालिगों से रेप जैसे अपराधों के लिए मौत की सजा शामिल होगी.
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नए क्रिमिनल कोड में फर्जी नोट चलाना, सरकार को धमकाने के लिए अपहरण भी आतंकवाद होगा
- Tuesday December 12, 2023
- Edited by: अभिषेक पारीक
साथ ही सरकार ने भारतीय न्याय संहिता या बीएनएस में दो नए सेक्शन जोड़े हैं, जो आपराधिक प्रक्रिया संहिता सहित मौजूदा आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए बनाए गए तीन विधेयकों में से एक हैं.
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क्रिमिनल लॉ को बदलने की जल्दबाजी न करें : ममता बनर्जी ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी
- Wednesday November 29, 2023
- Reported by: सुनील प्रभु, Edited by: अंजलि कर्मकार
नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं. इनके संसद के शीतकालीन सत्र में पारित होने की उम्मीद है.
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सुप्रीम कोर्ट गिरफ्तारी के 15 दिनों के भीतर रिमांड पर लेने के 1992 के फैसले पर करेगा विचार
- Monday August 7, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: अभिषेक पारीक
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच ने इस मामले को बड़ी पीठ के पास रैफर कर दिया है. जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने सोमवार को तमिलनाडु के मंत्री सैंथिल बालाजी मामले में फैसला सुनाते हुए यह अहम कदम उठाया है.
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CM मान ने बेअदबी से जुड़े दो बिलों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी
- Tuesday May 30, 2023
- Reported by: शरद शर्मा, Edited by: अभिषेक पारीक
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है और यहां पर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना बहुत जरूरी है. ऐसे में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ कठोर सजा बहुत जरूरी है.
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सुप्रीम कोर्ट बोला: व्यभिचार अपराध नहीं, पति, पत्नी का मालिक नहीं, पढ़ें इस मामले की पूरी टाइमलाइन
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार कानून को रद्द कर दिया और अब से यह अपराध नहीं रहा. सुप्रीम कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से व्यभिचार से संबंधित दंडात्मक प्रावधान को असंवैधानिक करार देते हुए उसे मनमाना और महिलाओं की व्यक्तिकता को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए निरस्त किया. मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा, "व्यभिचार अपराध नहीं हो सकता. यह निजता का मामला है. पति, पत्नी का मालिक नहीं है. महिलाओं के साथ पुरूषों के समान ही व्यवहार किया जाना. इस मामले में हुई सुनवाई से संबंधित घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा.
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सुप्रीम कोर्ट के ये हैं 5 जज, जिन्होंने समलैंगिकता के बाद अब व्यभिचार को किया अपराध से बाहर
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
158 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यभिचार को आपराधिक कृत्य बताने वाले दंडात्मक प्रावधान को सर्वसम्मति से निरस्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने 157 साल पुराने व्यभिचार को रद्द कर दिया और कहा कि किसी पुरुष द्वारा विवाहित महिला से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार कानून असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार कानून मनमाना और भेदभावपूर्ण है. यह लैंगिक समानता के खिलाफ है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इस पीठ ने ही धारा 377 पर अपना अहम फैसला सुनाया था. इससे पहले इसी बेंच ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से अलग किया था. तो चलिए जानते हैं उन पांचों जजों के बारे में...
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158 साल पुराने व्यभिचार कानून को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द, संविधान पीठ ने कहा- यह अपराध नहीं
- Thursday September 27, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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व्यभिचार मामले पर सुप्रीम कोर्ट बोला- महिला के साथ गैरसमानता का बर्ताव करना असंवैधानिक
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157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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बाबा राम रहीम केस : नई दंड नीति पर सोचने का वक़्त
- Tuesday August 29, 2017
- सुधीर जैन
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को सज़ा ने देश के माहौल में कितना फर्क़ डाला है? इस सवाल पर सोचना शुरू करें तो हमें अपनी दंड नीति की समीक्षा करनी पड़ेगी. एक अपराधशास्त्री की हैसियत से यहां सिर्फ उन बातों की चर्चा करना ठीक होगा जो विवादास्पद न हों.
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