Blog Of Ravish Kumar
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रवीश कुमार का प्राइम टाइम : 20 हज़ार देने वाले का पता लगे, 20 करोड़ देने वाला छुप जाये
- Thursday October 6, 2022
पारदर्शिता की नई परिभाषा अगर आपको समझनी है तो 2017 में पास इलेक्टोरल बॉन्ड के कानून से समझ सकते हैं. इस कानून के पास होने के बाद आप कभी नहीं जान सकते कि किसी एक दल को कई सौ या कई हज़ार करोड़ रुपये का चंदा किस कंपनी या कंपनियों के किस समूह से मिलता है?
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जगा जगा के थक गए, झंडा तो कभी गंगा अभियान
- Thursday August 4, 2022
- Ravish Kumar
सोचिए कि जब हम देश को इतना प्यार करते हैं तो क्यों किसी को बार-बार देशभक्ति जगाने के लिए आगे आना पड़ता है।हमने सुना है और पाया भी है कि प्यार में तो रातों की नींद उड़ जाती है, लेकिन आपका इस देश से यह कैसा प्यार है कि देशभक्ति सो जाती है।
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कौन हैं 'जुमलाजीवी', कौन हैं 'तानाशाह'...
- Friday July 15, 2022
- Ravish Kumar
स्पीकर ओम बिड़ला के जवाब के बाद भी इन शब्दों को संसदीय कार्यवाही और बाहर की राजनीति में इस्तमाल को लेकर देखा ही जा सकता है कि इन्हें लेकर किस तरह की सतर्कता बरती जा रही है और किस तरह के ख़तरे पैदा हो रहे हैं .
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कश्मीरी पंडितों के दर्द का हमसफर कहां है? विकास के चक्र में साइकिल कहां है?
- Saturday June 4, 2022
- Ravish Kumar
विद्या कसम पर लोग डाउट नहीं करते हैं, इसलिए विद्या कमस खा कर कहता हूं कि मुझे सचमुच नहीं पता था कि हमारे नेता साइकिल दिवस भी मना सकते हैं, जो साल भर हाइवे और हाइवे के बाद एक्सप्रेस-वे और एक्सप्रेस-वे के बाद सुपर एक्सप्रेस-वे का सपना दिखाते रहते हैं. इनकी योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करते रहते हैं.
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विकास की चांदनी रात में महंगाई की धूप सताती है...
- Thursday June 2, 2022
- Ravish Kumar
दो तिमाही से विकास दर नीचे ढुलक रहा है और बल्कि सितंबर की तिमाही की तुलना में एक प्रतिशत से अधिक घट गया है. प्रति व्यक्ति वार्षिक आय भी घट गई है. कोविड के पहले जितनी थी, उससे कम हो गई है. 2019-20 में 94,270 रुपये थी जो 2021-222 में 91,481 रुपये हो गई है.
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स्कूल में गोलीबारी से दहला अमरीका, नफ़रत के आगे नतमस्तक हैं नेता
- Thursday May 26, 2022
- Ravish Kumar
हिंसा से आप आधी-अधूरी लड़ाई नहीं लड़ सकते. ऐसा नहीं हो सकता कि दूसरे देश पर युद्ध थोप दें और अपने देश के भीतर चल रहे नफरत के संग्राम से नज़र मोड़ लें. हिंसा को सही बताने वाले ऐसे नगीनों से आप भारत में भी टकरा सकते हैं. जो इन दिनों इतिसाह का बदला लेने का मंत्र लोगों के कानों में दिन रात फूंक रहे हैं.
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गर्व का पर्व, गर्व ही गर्व और गर्म ही गर्म...
- Tuesday April 26, 2022
- Ravish Kumar
भारत में पर्व की कमी नहीं है मगर गर्व की कमी थी. व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी ने कई साल लगाकर पहले बेरोज़गारी और आर्थिक तंगी में डूबे लोगों के अतीत की हीन भावना का बोध कराया फिर उन्हें वर्तमान आर्थिक हीनता से निकालने के लिए गर्व का गेम थमा दिया.
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एग्ज़िट पोल के दिन एग्ज़िट खोल, जानिए क्या है माजरा...
- Tuesday March 8, 2022
- Ravish Kumar
हम एग्ज़िट पोल की जगह एग्ज़िट खोल लेकर आए हैं. एग्ज़िट खोल की खोज मैंने की है लेकिन आप अपने नाम से पेटेंट करा सकते हैं. एग्ज़िट खोल के तहत आपको अपनी जेबों की सिलाई अपने आप खुल जाएगी और जगह जगह से आपकी बचत का पैसा निकलने लगेगा.
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एक और ट्रस्ट के बहाने जमीन खरीद का मामला, अयोध्या के अधिकारियों के रिश्तेदारों ने की खरीद
- Wednesday December 22, 2021
- Ravish Kumar
अयोध्या में कुछ भी ग़लत नहीं होता है, क्योंकि यहां एक सिस्टम है. जिस पर आरोप लगता है वही जांच करता है और फैसला देता है कि कुछ भी ग़लत नहीं हुआ है. इस सिस्टम के कुछ डिपार्टमेंट की जानकारी बुधवार के इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट से मिलती है जिसमें बताया गया है कि जिस ट्रस्ट के खिलाफ ज़मीन के मामले की जांच हो रही है उसी ट्रस्ट की दूसरी ग़ैर विवादित ज़मीन उन अधिकारियों के रिश्तेदारों ने खरीदे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट पर आने से पहले जून की रिपोर्ट को याद करना ज़रूरी है जिसे हमारे सहयोगी आलोक, कमाल और प्रमोद ने की थी और मीडिया में कुछ जगहों पर इसकी रिपोर्टिंग हुई थी.
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क्या चुनाव सुधार बिल निजता का हनन नहीं...?
- Wednesday December 22, 2021
- Ravish Kumar
आधार ऐसे ही आता है. स्वेच्छा के नाम पर आता है तब भी धीरे-धीरे अनिवार्य बन जाता है. व्यवहार में आधार को लेकर अनिवार्य और स्वेच्छा का फर्क मिट गया है. गिनती के लोग होंगे जो आधार नंबर मांगे जाने पर चेक करते होंगे कि अनिवार्य है या स्वेच्छा. ऐसी आदत हो गई है कि अब सारे विकल्पों को छोड़ कर आधार ही सबसे पहले जमा कर दिया जाता है. कोरोना के टीके के लिए भी आधार अनिवार्य नहीं बनाया गया लेकिन इसका अध्ययन होगा तो पता चल जाएगा कि वैकल्पिक होने के बाद भी कितने लोगों ने टीका लगाने के लिए आधार का प्रयोग किया है.
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विकास की राजनीति को विरासत का सहारा
- Monday December 27, 2021
- Ravish Kumar
यूपी की राजनीति में विकास अकेला नहीं चल पा रहा है. इसे धक्का देने के लिए एक नया शब्द लाया गया है विरासत. विरासत अरबी का शब्द है. शायद इसका इस्तेमाल इसलिए हो रहा है ताकि व से विरासत और व से विकास की तुकबंदी हो सके. गौर करने की बात है कि अब विकास रोजगार की बात नहीं करता है. विकास महंगाई से परेशान जनता की बात नहीं करता है. विकास अस्पतालों में डॉक्टरों के ख़ाली पदों की बात नहीं करता है. विकास कस्बों के खस्ताहाल कालेजों और सरकारी स्कूलों की बात नहीं करता है. विकास पेंशन की भी बात नहीं करता है. विकास की बात हो सके इसके लिए भाषणों में विरासत का तड़का दिया जा रहा है ताकि श्रोताओं में ताली बजाने और नारे लगाने का जोश भरा जा सके. क्या विरासत इसलिए ज़ुबान पर है ताकि धर्म का सीधे-सीधे नाम लेने पर चुनावी आचार संहिताओं को ढोना न पड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरासत और विकास की बात करने लगे हैं.
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विकास की राजनीति को विरासत का सहारा
- Monday December 20, 2021
- Ravish Kumar
यूपी की राजनीति में विकास अकेला नहीं चल पा रहा है. इसे धक्का देने के लिए एक नया शब्द लाया गया है विरासत. विरासत अरबी का शब्द है. शायद इसका इस्तेमाल इसलिए हो रहा है ताकि व से विरासत और व से विकास की तुकबंदी हो सके. गौर करने की बात है कि अब विकास रोजगार की बात नहीं करता है. विकास महंगाई से परेशान जनता की बात नहीं करता है. विकास अस्पतालों में डॉक्टरों के ख़ाली पदों की बात नहीं करता है. विकास कस्बों के खस्ताहाल कालेजों और सरकारी स्कूलों की बात नहीं करता है. विकास पेंशन की भी बात नहीं करता है. विकास की बात हो सके इसके लिए भाषणों में विरासत का तड़का दिया जा रहा है ताकि श्रोताओं में ताली बजाने और नारे लगाने का जोश भरा जा सके. क्या विरासत इसलिए ज़ुबान पर है ताकि धर्म का सीधे-सीधे नाम लेने पर चुनावी आचार संहिताओं को ढोना न पड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरासत और विकास की बात करने लगे हैं.
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हड़ताल के लिए बैंकरों ने कटाया अपना वेतन, करोड़ों की सैलरी कटा रोक पाएंगे निजीकरण
- Thursday December 16, 2021
- Ravish Kumar
क्या आपको पता है कि निजीकरण के खिलाफ़ बैंक कर्मियों ने हड़ताल करने के लिए दो दिन की सैलरी कटाई है. बैंकरों ने एक दिन की तीन-तीन हज़ार की सैलरी कटाई है. सभी कर्मचारियों ने दो दिनों की हड़ताल के लिए कितनी सैलरी कटाई है, हमें कुल राशि का हिसाब नहीं मिल सका लेकिन कुछ लोगों ने अनुमान के आधार पर बताया कि कम से कम एक हज़ार करोड़ तो दो दिन के कट ही जाएंगे.
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आंदोलन के भीतर का संघर्ष धर्म देखिए, नागरिक धर्म सिखा गया है किसान आंदोलन
- Monday December 13, 2021
- Ravish Kumar
दिल्ली की सीमाओं से किसान चले गए लेकिन इस आंदोलन की यादों के साथ वे जीवन भर चलते रहेंगे. इस एक साल में उनके बीच ऐसे गहरे रिश्ते बन गए कि उनसे बिछड़ना जीत के जश्न को ग़मगीन कर गया. गांवों में लौटे किसान आंदोलन की यादों में डूबे हैं.
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यूपी के जिला अस्पताल और वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था
- Monday December 27, 2021
- Ravish Kumar
चुनावों के कारण यूपी की सरकार हर दिन अख़बारों में विज्ञापन दे रही है जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बहुत ही सुंदर दावे किए जा रहे हैं. मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने से लेकर डॉक्टरों की नियुक्ति के दावों से यह धारणा मज़बूत होती है कि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं.
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रवीश कुमार का प्राइम टाइम : 20 हज़ार देने वाले का पता लगे, 20 करोड़ देने वाला छुप जाये
- Thursday October 6, 2022
पारदर्शिता की नई परिभाषा अगर आपको समझनी है तो 2017 में पास इलेक्टोरल बॉन्ड के कानून से समझ सकते हैं. इस कानून के पास होने के बाद आप कभी नहीं जान सकते कि किसी एक दल को कई सौ या कई हज़ार करोड़ रुपये का चंदा किस कंपनी या कंपनियों के किस समूह से मिलता है?
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जगा जगा के थक गए, झंडा तो कभी गंगा अभियान
- Thursday August 4, 2022
- Ravish Kumar
सोचिए कि जब हम देश को इतना प्यार करते हैं तो क्यों किसी को बार-बार देशभक्ति जगाने के लिए आगे आना पड़ता है।हमने सुना है और पाया भी है कि प्यार में तो रातों की नींद उड़ जाती है, लेकिन आपका इस देश से यह कैसा प्यार है कि देशभक्ति सो जाती है।
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कौन हैं 'जुमलाजीवी', कौन हैं 'तानाशाह'...
- Friday July 15, 2022
- Ravish Kumar
स्पीकर ओम बिड़ला के जवाब के बाद भी इन शब्दों को संसदीय कार्यवाही और बाहर की राजनीति में इस्तमाल को लेकर देखा ही जा सकता है कि इन्हें लेकर किस तरह की सतर्कता बरती जा रही है और किस तरह के ख़तरे पैदा हो रहे हैं .
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कश्मीरी पंडितों के दर्द का हमसफर कहां है? विकास के चक्र में साइकिल कहां है?
- Saturday June 4, 2022
- Ravish Kumar
विद्या कसम पर लोग डाउट नहीं करते हैं, इसलिए विद्या कमस खा कर कहता हूं कि मुझे सचमुच नहीं पता था कि हमारे नेता साइकिल दिवस भी मना सकते हैं, जो साल भर हाइवे और हाइवे के बाद एक्सप्रेस-वे और एक्सप्रेस-वे के बाद सुपर एक्सप्रेस-वे का सपना दिखाते रहते हैं. इनकी योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करते रहते हैं.
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विकास की चांदनी रात में महंगाई की धूप सताती है...
- Thursday June 2, 2022
- Ravish Kumar
दो तिमाही से विकास दर नीचे ढुलक रहा है और बल्कि सितंबर की तिमाही की तुलना में एक प्रतिशत से अधिक घट गया है. प्रति व्यक्ति वार्षिक आय भी घट गई है. कोविड के पहले जितनी थी, उससे कम हो गई है. 2019-20 में 94,270 रुपये थी जो 2021-222 में 91,481 रुपये हो गई है.
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स्कूल में गोलीबारी से दहला अमरीका, नफ़रत के आगे नतमस्तक हैं नेता
- Thursday May 26, 2022
- Ravish Kumar
हिंसा से आप आधी-अधूरी लड़ाई नहीं लड़ सकते. ऐसा नहीं हो सकता कि दूसरे देश पर युद्ध थोप दें और अपने देश के भीतर चल रहे नफरत के संग्राम से नज़र मोड़ लें. हिंसा को सही बताने वाले ऐसे नगीनों से आप भारत में भी टकरा सकते हैं. जो इन दिनों इतिसाह का बदला लेने का मंत्र लोगों के कानों में दिन रात फूंक रहे हैं.
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गर्व का पर्व, गर्व ही गर्व और गर्म ही गर्म...
- Tuesday April 26, 2022
- Ravish Kumar
भारत में पर्व की कमी नहीं है मगर गर्व की कमी थी. व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी ने कई साल लगाकर पहले बेरोज़गारी और आर्थिक तंगी में डूबे लोगों के अतीत की हीन भावना का बोध कराया फिर उन्हें वर्तमान आर्थिक हीनता से निकालने के लिए गर्व का गेम थमा दिया.
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एग्ज़िट पोल के दिन एग्ज़िट खोल, जानिए क्या है माजरा...
- Tuesday March 8, 2022
- Ravish Kumar
हम एग्ज़िट पोल की जगह एग्ज़िट खोल लेकर आए हैं. एग्ज़िट खोल की खोज मैंने की है लेकिन आप अपने नाम से पेटेंट करा सकते हैं. एग्ज़िट खोल के तहत आपको अपनी जेबों की सिलाई अपने आप खुल जाएगी और जगह जगह से आपकी बचत का पैसा निकलने लगेगा.
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एक और ट्रस्ट के बहाने जमीन खरीद का मामला, अयोध्या के अधिकारियों के रिश्तेदारों ने की खरीद
- Wednesday December 22, 2021
- Ravish Kumar
अयोध्या में कुछ भी ग़लत नहीं होता है, क्योंकि यहां एक सिस्टम है. जिस पर आरोप लगता है वही जांच करता है और फैसला देता है कि कुछ भी ग़लत नहीं हुआ है. इस सिस्टम के कुछ डिपार्टमेंट की जानकारी बुधवार के इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट से मिलती है जिसमें बताया गया है कि जिस ट्रस्ट के खिलाफ ज़मीन के मामले की जांच हो रही है उसी ट्रस्ट की दूसरी ग़ैर विवादित ज़मीन उन अधिकारियों के रिश्तेदारों ने खरीदे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट पर आने से पहले जून की रिपोर्ट को याद करना ज़रूरी है जिसे हमारे सहयोगी आलोक, कमाल और प्रमोद ने की थी और मीडिया में कुछ जगहों पर इसकी रिपोर्टिंग हुई थी.
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क्या चुनाव सुधार बिल निजता का हनन नहीं...?
- Wednesday December 22, 2021
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आधार ऐसे ही आता है. स्वेच्छा के नाम पर आता है तब भी धीरे-धीरे अनिवार्य बन जाता है. व्यवहार में आधार को लेकर अनिवार्य और स्वेच्छा का फर्क मिट गया है. गिनती के लोग होंगे जो आधार नंबर मांगे जाने पर चेक करते होंगे कि अनिवार्य है या स्वेच्छा. ऐसी आदत हो गई है कि अब सारे विकल्पों को छोड़ कर आधार ही सबसे पहले जमा कर दिया जाता है. कोरोना के टीके के लिए भी आधार अनिवार्य नहीं बनाया गया लेकिन इसका अध्ययन होगा तो पता चल जाएगा कि वैकल्पिक होने के बाद भी कितने लोगों ने टीका लगाने के लिए आधार का प्रयोग किया है.
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विकास की राजनीति को विरासत का सहारा
- Monday December 27, 2021
- Ravish Kumar
यूपी की राजनीति में विकास अकेला नहीं चल पा रहा है. इसे धक्का देने के लिए एक नया शब्द लाया गया है विरासत. विरासत अरबी का शब्द है. शायद इसका इस्तेमाल इसलिए हो रहा है ताकि व से विरासत और व से विकास की तुकबंदी हो सके. गौर करने की बात है कि अब विकास रोजगार की बात नहीं करता है. विकास महंगाई से परेशान जनता की बात नहीं करता है. विकास अस्पतालों में डॉक्टरों के ख़ाली पदों की बात नहीं करता है. विकास कस्बों के खस्ताहाल कालेजों और सरकारी स्कूलों की बात नहीं करता है. विकास पेंशन की भी बात नहीं करता है. विकास की बात हो सके इसके लिए भाषणों में विरासत का तड़का दिया जा रहा है ताकि श्रोताओं में ताली बजाने और नारे लगाने का जोश भरा जा सके. क्या विरासत इसलिए ज़ुबान पर है ताकि धर्म का सीधे-सीधे नाम लेने पर चुनावी आचार संहिताओं को ढोना न पड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरासत और विकास की बात करने लगे हैं.
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विकास की राजनीति को विरासत का सहारा
- Monday December 20, 2021
- Ravish Kumar
यूपी की राजनीति में विकास अकेला नहीं चल पा रहा है. इसे धक्का देने के लिए एक नया शब्द लाया गया है विरासत. विरासत अरबी का शब्द है. शायद इसका इस्तेमाल इसलिए हो रहा है ताकि व से विरासत और व से विकास की तुकबंदी हो सके. गौर करने की बात है कि अब विकास रोजगार की बात नहीं करता है. विकास महंगाई से परेशान जनता की बात नहीं करता है. विकास अस्पतालों में डॉक्टरों के ख़ाली पदों की बात नहीं करता है. विकास कस्बों के खस्ताहाल कालेजों और सरकारी स्कूलों की बात नहीं करता है. विकास पेंशन की भी बात नहीं करता है. विकास की बात हो सके इसके लिए भाषणों में विरासत का तड़का दिया जा रहा है ताकि श्रोताओं में ताली बजाने और नारे लगाने का जोश भरा जा सके. क्या विरासत इसलिए ज़ुबान पर है ताकि धर्म का सीधे-सीधे नाम लेने पर चुनावी आचार संहिताओं को ढोना न पड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरासत और विकास की बात करने लगे हैं.
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हड़ताल के लिए बैंकरों ने कटाया अपना वेतन, करोड़ों की सैलरी कटा रोक पाएंगे निजीकरण
- Thursday December 16, 2021
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क्या आपको पता है कि निजीकरण के खिलाफ़ बैंक कर्मियों ने हड़ताल करने के लिए दो दिन की सैलरी कटाई है. बैंकरों ने एक दिन की तीन-तीन हज़ार की सैलरी कटाई है. सभी कर्मचारियों ने दो दिनों की हड़ताल के लिए कितनी सैलरी कटाई है, हमें कुल राशि का हिसाब नहीं मिल सका लेकिन कुछ लोगों ने अनुमान के आधार पर बताया कि कम से कम एक हज़ार करोड़ तो दो दिन के कट ही जाएंगे.
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आंदोलन के भीतर का संघर्ष धर्म देखिए, नागरिक धर्म सिखा गया है किसान आंदोलन
- Monday December 13, 2021
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दिल्ली की सीमाओं से किसान चले गए लेकिन इस आंदोलन की यादों के साथ वे जीवन भर चलते रहेंगे. इस एक साल में उनके बीच ऐसे गहरे रिश्ते बन गए कि उनसे बिछड़ना जीत के जश्न को ग़मगीन कर गया. गांवों में लौटे किसान आंदोलन की यादों में डूबे हैं.
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यूपी के जिला अस्पताल और वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था
- Monday December 27, 2021
- Ravish Kumar
चुनावों के कारण यूपी की सरकार हर दिन अख़बारों में विज्ञापन दे रही है जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बहुत ही सुंदर दावे किए जा रहे हैं. मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने से लेकर डॉक्टरों की नियुक्ति के दावों से यह धारणा मज़बूत होती है कि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं.
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