Birth Anniversaary
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बीजेपी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिवस 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाएगी
- Thursday December 19, 2019
- Reported by: अखिलेश शर्मा
भारतीय जनता पार्टी (BJP) 25 दिसंबर का दिन देश भर में 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाएगी. इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है. इस मौके पर अटल बिहारी वाजपेयी के लिए काव्यांजलि के लिए कवि सम्मेलन आयोजित होगा.
- ndtv.in
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सुमित्रानंदन पंत: एक कवि जिसने जीवन के संघर्ष में तलाशी सुंदरता...
- Saturday May 20, 2017
- Written by: अनिता शर्मा
सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को अल्मोड़ा ज़िले के कौसानी गांव में हुआ. कहते हैं कि जन्म-भूमि के नैसर्गिक सौन्दर्य ने उनके भीतर के कवि को बाहर लाने का काम किया.
- ndtv.in
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सौ साल बाद भी प्रासंगिक हैं प्रेमचंद, रंगमंच पर भी असर बरकरार
- Friday July 31, 2015
- Reported by Suryakant Pathak
भारतीय मनोरंजन उद्योग के केंद्र मुंबई में फिल्म के विषय, निर्माण की तकनीक के बेहद विकसित हो जाने के बावजूद रंगमंच पर प्रेमचंद आज भी अपने खासे असर के साथ मौजूद हैं। मुंबई में प्रेमचंद की कहानियों की रंगमंचीय प्रस्तुतियों का सिलसिला कई दशकों से अनवरत चल रहा है।
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बीजेपी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिवस 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाएगी
- Thursday December 19, 2019
- Reported by: अखिलेश शर्मा
भारतीय जनता पार्टी (BJP) 25 दिसंबर का दिन देश भर में 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाएगी. इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है. इस मौके पर अटल बिहारी वाजपेयी के लिए काव्यांजलि के लिए कवि सम्मेलन आयोजित होगा.
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सुमित्रानंदन पंत: एक कवि जिसने जीवन के संघर्ष में तलाशी सुंदरता...
- Saturday May 20, 2017
- Written by: अनिता शर्मा
सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को अल्मोड़ा ज़िले के कौसानी गांव में हुआ. कहते हैं कि जन्म-भूमि के नैसर्गिक सौन्दर्य ने उनके भीतर के कवि को बाहर लाने का काम किया.
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सौ साल बाद भी प्रासंगिक हैं प्रेमचंद, रंगमंच पर भी असर बरकरार
- Friday July 31, 2015
- Reported by Suryakant Pathak
भारतीय मनोरंजन उद्योग के केंद्र मुंबई में फिल्म के विषय, निर्माण की तकनीक के बेहद विकसित हो जाने के बावजूद रंगमंच पर प्रेमचंद आज भी अपने खासे असर के साथ मौजूद हैं। मुंबई में प्रेमचंद की कहानियों की रंगमंचीय प्रस्तुतियों का सिलसिला कई दशकों से अनवरत चल रहा है।
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