विज्ञापन

Assam New Law

'Assam New Law' - 2 News Result(s)
  • LEGAL EXPLAINER: असम, हिमाचल और उत्तराखंड के नए क़ानून और UCC

    LEGAL EXPLAINER: असम, हिमाचल और उत्तराखंड के नए क़ानून और UCC

    संविधान के अनुच्छेद-44 के तहत यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड को पारित करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया, लेकिन इससे जुड़े नियम अभी लागू नहीं हुए. मुस्लिम शादियों के रजिस्ट्रेशन को ज़रूरी बनाने के लिए असम का नया क़ानून, लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से 21 करने के लिए हिमाचल प्रदेश का प्रस्तावित क़ानून, इन सभी क़ानूनों पर बहस से देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में सहमति का माहौल बढ़ेगा. इन मामलों से जुड़े 9 क़ानूनी पहलुओं को समझना ज़रूरी है...

  • असम: मदरसों को स्कूलों में बदलने को लेकर हाई कोर्ट ने दी हरी झंडी, 13 लोगों की याचिका खारिज

    असम: मदरसों को स्कूलों में बदलने को लेकर हाई कोर्ट ने दी हरी झंडी, 13 लोगों की याचिका खारिज

    गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम निरसन विधेयक-2020 की वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि परिवर्तन सिर्फ 'प्रांतीय' मदरसों के लिए है, जो सरकारी स्कूल हैं, न कि निजी या सामुदायिक मदरसों के लिए. 

'Assam New Law' - 2 News Result(s)
  • LEGAL EXPLAINER: असम, हिमाचल और उत्तराखंड के नए क़ानून और UCC

    LEGAL EXPLAINER: असम, हिमाचल और उत्तराखंड के नए क़ानून और UCC

    संविधान के अनुच्छेद-44 के तहत यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड को पारित करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया, लेकिन इससे जुड़े नियम अभी लागू नहीं हुए. मुस्लिम शादियों के रजिस्ट्रेशन को ज़रूरी बनाने के लिए असम का नया क़ानून, लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से 21 करने के लिए हिमाचल प्रदेश का प्रस्तावित क़ानून, इन सभी क़ानूनों पर बहस से देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में सहमति का माहौल बढ़ेगा. इन मामलों से जुड़े 9 क़ानूनी पहलुओं को समझना ज़रूरी है...

  • असम: मदरसों को स्कूलों में बदलने को लेकर हाई कोर्ट ने दी हरी झंडी, 13 लोगों की याचिका खारिज

    असम: मदरसों को स्कूलों में बदलने को लेकर हाई कोर्ट ने दी हरी झंडी, 13 लोगों की याचिका खारिज

    गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम निरसन विधेयक-2020 की वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि परिवर्तन सिर्फ 'प्रांतीय' मदरसों के लिए है, जो सरकारी स्कूल हैं, न कि निजी या सामुदायिक मदरसों के लिए.