Arun Jaitley Blog
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पत्रकार परिसर के मुन्ना टेलर को नया जीवन दे गए जेटली
- Saturday August 24, 2019
- अखिलेश शर्मा
दोनों में न कोई रिश्ता, न कोई बातचीत. फर्क यह कि आज जेटली नहीं रहे और मोहम्मद मुन्ना टेलर हंसी-खुशी अपने बच्चों के साथ जीवन काट रहा है. लेकिन जेटली नहीं होते तो शायद मोहम्मद मुन्ना आज का दिन नहीं देख पाता.
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अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के साथ 'दिल और दिमाग' से काम करने वाले नेताओं का दौर भी गया...
- Saturday August 24, 2019
- प्रभात उपाध्याय
. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली पिछली सरकार में जब जेटली (Arun Jaitley) मंत्री थे, तो वे अक्सर सरकार के संकटमोचक की भूमिका में नजर आते. मसला कोई भी हो, जेटली के पास जवाब जरूर होता. राफेल जैसे पेचीदा मामले पर जब विपक्ष ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया, तो रक्षामंत्री से पहले अरुण जेटली (Arun Jaitley) इन हमलों का जवाब देने के लिए मैदान में खड़े दिखाई दिये.
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रवीश कुमार का ब्लॉग: अलविदा जेटली जी...
- Saturday August 24, 2019
- रवीश कुमार
सुरक्षित जीवन को छोड़ असुरक्षित का चुनाव आसान नहीं होता है. 1974 में शुरू हुए जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में जेटली शामिल हुए थे. आपातकाल की घोषणा के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया क्योंकि रामलीला मैदान में जेपी के साथ वे भी मौजूद थे. बग़ावत से सियासी सफ़र शुरू करने वाले जेटली आख़िर तक पार्टी के वफ़ादार बने रहे. एक ही चुनाव लड़े मगर हार गए. राज्य सभा के सांसद रहे. मगर अपनी काबिलियत के बल पर जनता में हमेशा ही जन प्रतिनिधि बने रहे. उन्हें कभी इस तरह नहीं देखा गया कि किसी की कृपा मात्र से राज्य सभी की कुर्सी मिली है. जननेता नहीं तो क्या हुआ, राजनेता तो थे ही.
- ndtv.in
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संस्थाओं की बर्बादी के बीच जनता की मदहोशी, यही तो हैं अच्छे दिन
- Monday January 28, 2019
- रवीश कुमार
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के बाद सीबीआई जो सफाई देती है वो और भी गंभीर है. एजेंसी का कहना है कि सर्च से संबंधित सूचनाएं लीक गईं इसलिए उनका तबादला किया गया. कमाल है. अगर ऐसा हुआ तो उस सूचना से फायदा किसे हुआ है, किसे लीक की गईं थीं सूचनाएं. अब उस एस पी को ही आरोपी बना दिया गया है. अगर सीबीआई का एस पी गुप्त सूचनाएं लीक करे तो क्या सिर्फ तबादले की कार्रवाई होनी चाहिए? किसकी आंखों में धूल झोंकने का खेल खेला जा रहा है? किसकी आंखों में चमक पैदा करने के लिए तबादले का खेल खेला जा रहा है? सीबीआई कहती है कि उसके खिलाफ जांच हो रही है मगर यह जवाब नहीं दे सकी कि एस पी मिश्रा ने किसकी अनुमति से एफ आई आर की?
- ndtv.in
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प्रधानमंत्री लूट बंद करने का भाषण दे रहे हैं, वित्त मंत्री कथित लुटेरों के लिए ब्लाग लिख रहे हैं
- Saturday January 26, 2019
- रवीश कुमार
हम सब जानते हैं कि सीबीआई की साख दो कौड़ी की नहीं है. इसका काम है नागरिकों को फंसाना और मुकदमों को उलझना. हाल के दिनों में सीबीआई ने खुद से साबित किया है जब उसके दो निदेशकों की लड़ाई सड़क पर आ गई. दोनों एक दूसरे पर रिश्वत से लेकर केस को प्रभावित करने के आरोप लगाने लगे हैं. लेकिन जब देश के वित्त मंत्री सीबीआई की जांच पर सवाल उठा रहे हैं तो उसी के साथ प्रभावित भी कर रहे हैं.
- ndtv.in
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क्या अपने अंतिम बजट में मोदी सरकार खोलेगी खजाना?
- Thursday January 17, 2019
- अखिलेश शर्मा
एक फरवरी को मोदी सरकार अपना अंतिम बजट पेश करेगी. चुनाव से सिर्फ दो महीने पहले आने वाला यह बजट अंतरिम होगा. यानी परंपरा के मुताबिक सरकार इसके जरिए चुनाव होकर नई सरकार बनने तक तीन महीनों के लिए होने वाले खर्च का इंतजाम करेगी. परंपरा यह भी है कि जाती हुई सरकार कोई बड़ा नीतिगत ऐलान इस अंतरिम बजट में नहीं करती है. लेकिन सवाल उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार परंपरा को ताक पर रखकर इस अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट में आने वाले चुनावों के मद्देनजर बड़े ऐलान कर सकती है, ताकि वोटरों को लुभाया जा सके? कुछ ऐसे ऐलान हैं जिनका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है. सरकार के भीतर इन्हें लेकर चर्चा भी है.
- ndtv.in
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अमेरिका से अरुण जेटली का विपक्ष पर 'ब्लॉग वार': कुछ लोगों को लगता है, उनका जन्म ही 'राज' करने के लिए हुआ है
- Thursday January 17, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भले ही अभी अपने इलाज के लिए अमेरिका में हों, मगर उनकी सक्रियता अभी कम नहीं हुई है. ब्लॉग के जरिए अक्सर विपक्ष पर हमला बोलने वाले अरुण जेटली ने एक बार फिर से इलाज के दौरान ही ब्लॉग लिखा है और कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी है.
- ndtv.in
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अरुण जेटली को कैसे समझ आ गया एक GST रेट, क्या आप समझ पाए...?
- Wednesday December 26, 2018
- रवीश कुमार
4 अगस्त, 2016 को हमने एक लेख लिखा था. उस हफ्ते राज्यसभा में GST को लेकर बहस हुई थी. कांग्रेस और BJP के नेताओं की बहस को सुनते हुए मैंने लिखा था, "राज्यसभा में वित्तमंत्री अरुण जेटली और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की भाषा और देहभाषा ऐसी थी, जैसे दोनों एक चैप्टर पढ़कर आए हों और उसे अपना पर्चा बताने का प्रयास कर रहे हों...
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क्या उर्जित पटेल सरकार का दबाव झेल नहीं पाए?
- Tuesday December 11, 2018
- रवीश कुमार
इस बीच आप सीबीआई का हाल देख चुके हैं. जिस सवाल के साथ 2018 का साल शुरू हुआ था लगता है उस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला है. साल के ख़त्म होने पर नहीं मिला है. कौन है जिसके इशारे पर या जिसके शौक के लिए भारत की इन तमाम संस्थाओं की साख को दांव पर लगाया जा रहा है. उर्जित पटेल जो हमेशा सरकार के दबाव में काम करने वाले गवर्नर के तौर पर ही देखे गए, अचानक क्या हुआ कि वे दबाव से निकलने के लिए तड़प उठे.
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क्या रफ़ाल सौदे में कहीं कुछ छुपाया जा रहा है?
- Wednesday November 14, 2018
- रवीश कुमार
रफाल विमान सौदा सिर्फ सरकार के लिए ही टेस्ट नहीं है, बल्कि मीडिया के लिए भी परीक्षा है. आप दर्शक मीडिया की भूमिका को लेकर कई सवाल करते भी रहते हैं. यह बहुत अच्छा है कि आप मीडिया और गोदी मीडिया के फर्क को समझ रहे हैं. हम सबको परख रहे हैं.
- ndtv.in
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सरकार का पिंड नहीं छूटा नोटबंदी कांड से
- Friday November 9, 2018
- सुधीर जैन
कल यानी गुरुवार को नोटबंदी की दूसरी बरसी थी. विश्वप्रसिद्ध अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के हादसे को याद दिलाया. उन्होंने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था को चैपट करने में नोटबंदी की क्या और कितनी भूमिका रही.
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क्या भारत में पत्रकारों के सवालों पर अंकुश नहीं?
- Thursday November 8, 2018
- रवीश कुमार
अमरीका में मध्यावधि चुनाव के नतीजे आए हैं. उन नतीज़ों पर अलग से चर्चा हो सकती है, होनी भी चाहिए लेकिन एक बात की चर्चा हिन्दुस्तान के पत्रकारों के बीच ज़्यादा है. उनके बीच भी है जो भारत की मीडिया को गोदी मीडिया में बदलते हुए देख रहे हैं.
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पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों से निपटने की सरकार की कोशिश
- Thursday October 4, 2018
- रवीश कुमार
आख़िर कब तक सरकार भी देखती और कब तक लोग भी देखते. पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस के दाम बढ़ते-बढ़ते कहां तक जाएंगे किसी को नहीं पता. कई महीनों से जनता पेट्रोल डीज़ल और रसोई गैस के दाम दिए जा रही थी और यह मान लिया गया था कि जनता इस बार उफ्फ तक नहीं कर रही है क्योंकि वह सरकार के ख़िलाफ़ नारे नहीं लगा रही है.
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क्या माल्या को भागने से रोका जा सकता था?
- Friday September 14, 2018
- रवीश कुमार
बहुत से लोग माल्या के भारत परित्याग प्रकरण को लेकर परेशान हैं. भारत की तमाम सुरक्षा प्रक्रियाओं से गुज़रते हुए विजय माल्या ने जिस तरह से भारत का परित्याग किया है वह इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि उनके पहले और उनके बाद भी कई लोगों ने भारत का परित्याग किया है.
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पत्रकार परिसर के मुन्ना टेलर को नया जीवन दे गए जेटली
- Saturday August 24, 2019
- अखिलेश शर्मा
दोनों में न कोई रिश्ता, न कोई बातचीत. फर्क यह कि आज जेटली नहीं रहे और मोहम्मद मुन्ना टेलर हंसी-खुशी अपने बच्चों के साथ जीवन काट रहा है. लेकिन जेटली नहीं होते तो शायद मोहम्मद मुन्ना आज का दिन नहीं देख पाता.
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अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के साथ 'दिल और दिमाग' से काम करने वाले नेताओं का दौर भी गया...
- Saturday August 24, 2019
- प्रभात उपाध्याय
. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली पिछली सरकार में जब जेटली (Arun Jaitley) मंत्री थे, तो वे अक्सर सरकार के संकटमोचक की भूमिका में नजर आते. मसला कोई भी हो, जेटली के पास जवाब जरूर होता. राफेल जैसे पेचीदा मामले पर जब विपक्ष ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया, तो रक्षामंत्री से पहले अरुण जेटली (Arun Jaitley) इन हमलों का जवाब देने के लिए मैदान में खड़े दिखाई दिये.
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रवीश कुमार का ब्लॉग: अलविदा जेटली जी...
- Saturday August 24, 2019
- रवीश कुमार
सुरक्षित जीवन को छोड़ असुरक्षित का चुनाव आसान नहीं होता है. 1974 में शुरू हुए जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में जेटली शामिल हुए थे. आपातकाल की घोषणा के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया क्योंकि रामलीला मैदान में जेपी के साथ वे भी मौजूद थे. बग़ावत से सियासी सफ़र शुरू करने वाले जेटली आख़िर तक पार्टी के वफ़ादार बने रहे. एक ही चुनाव लड़े मगर हार गए. राज्य सभा के सांसद रहे. मगर अपनी काबिलियत के बल पर जनता में हमेशा ही जन प्रतिनिधि बने रहे. उन्हें कभी इस तरह नहीं देखा गया कि किसी की कृपा मात्र से राज्य सभी की कुर्सी मिली है. जननेता नहीं तो क्या हुआ, राजनेता तो थे ही.
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संस्थाओं की बर्बादी के बीच जनता की मदहोशी, यही तो हैं अच्छे दिन
- Monday January 28, 2019
- रवीश कुमार
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के बाद सीबीआई जो सफाई देती है वो और भी गंभीर है. एजेंसी का कहना है कि सर्च से संबंधित सूचनाएं लीक गईं इसलिए उनका तबादला किया गया. कमाल है. अगर ऐसा हुआ तो उस सूचना से फायदा किसे हुआ है, किसे लीक की गईं थीं सूचनाएं. अब उस एस पी को ही आरोपी बना दिया गया है. अगर सीबीआई का एस पी गुप्त सूचनाएं लीक करे तो क्या सिर्फ तबादले की कार्रवाई होनी चाहिए? किसकी आंखों में धूल झोंकने का खेल खेला जा रहा है? किसकी आंखों में चमक पैदा करने के लिए तबादले का खेल खेला जा रहा है? सीबीआई कहती है कि उसके खिलाफ जांच हो रही है मगर यह जवाब नहीं दे सकी कि एस पी मिश्रा ने किसकी अनुमति से एफ आई आर की?
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प्रधानमंत्री लूट बंद करने का भाषण दे रहे हैं, वित्त मंत्री कथित लुटेरों के लिए ब्लाग लिख रहे हैं
- Saturday January 26, 2019
- रवीश कुमार
हम सब जानते हैं कि सीबीआई की साख दो कौड़ी की नहीं है. इसका काम है नागरिकों को फंसाना और मुकदमों को उलझना. हाल के दिनों में सीबीआई ने खुद से साबित किया है जब उसके दो निदेशकों की लड़ाई सड़क पर आ गई. दोनों एक दूसरे पर रिश्वत से लेकर केस को प्रभावित करने के आरोप लगाने लगे हैं. लेकिन जब देश के वित्त मंत्री सीबीआई की जांच पर सवाल उठा रहे हैं तो उसी के साथ प्रभावित भी कर रहे हैं.
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क्या अपने अंतिम बजट में मोदी सरकार खोलेगी खजाना?
- Thursday January 17, 2019
- अखिलेश शर्मा
एक फरवरी को मोदी सरकार अपना अंतिम बजट पेश करेगी. चुनाव से सिर्फ दो महीने पहले आने वाला यह बजट अंतरिम होगा. यानी परंपरा के मुताबिक सरकार इसके जरिए चुनाव होकर नई सरकार बनने तक तीन महीनों के लिए होने वाले खर्च का इंतजाम करेगी. परंपरा यह भी है कि जाती हुई सरकार कोई बड़ा नीतिगत ऐलान इस अंतरिम बजट में नहीं करती है. लेकिन सवाल उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार परंपरा को ताक पर रखकर इस अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट में आने वाले चुनावों के मद्देनजर बड़े ऐलान कर सकती है, ताकि वोटरों को लुभाया जा सके? कुछ ऐसे ऐलान हैं जिनका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है. सरकार के भीतर इन्हें लेकर चर्चा भी है.
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अमेरिका से अरुण जेटली का विपक्ष पर 'ब्लॉग वार': कुछ लोगों को लगता है, उनका जन्म ही 'राज' करने के लिए हुआ है
- Thursday January 17, 2019
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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भले ही अभी अपने इलाज के लिए अमेरिका में हों, मगर उनकी सक्रियता अभी कम नहीं हुई है. ब्लॉग के जरिए अक्सर विपक्ष पर हमला बोलने वाले अरुण जेटली ने एक बार फिर से इलाज के दौरान ही ब्लॉग लिखा है और कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी है.
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अरुण जेटली को कैसे समझ आ गया एक GST रेट, क्या आप समझ पाए...?
- Wednesday December 26, 2018
- रवीश कुमार
4 अगस्त, 2016 को हमने एक लेख लिखा था. उस हफ्ते राज्यसभा में GST को लेकर बहस हुई थी. कांग्रेस और BJP के नेताओं की बहस को सुनते हुए मैंने लिखा था, "राज्यसभा में वित्तमंत्री अरुण जेटली और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की भाषा और देहभाषा ऐसी थी, जैसे दोनों एक चैप्टर पढ़कर आए हों और उसे अपना पर्चा बताने का प्रयास कर रहे हों...
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क्या उर्जित पटेल सरकार का दबाव झेल नहीं पाए?
- Tuesday December 11, 2018
- रवीश कुमार
इस बीच आप सीबीआई का हाल देख चुके हैं. जिस सवाल के साथ 2018 का साल शुरू हुआ था लगता है उस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला है. साल के ख़त्म होने पर नहीं मिला है. कौन है जिसके इशारे पर या जिसके शौक के लिए भारत की इन तमाम संस्थाओं की साख को दांव पर लगाया जा रहा है. उर्जित पटेल जो हमेशा सरकार के दबाव में काम करने वाले गवर्नर के तौर पर ही देखे गए, अचानक क्या हुआ कि वे दबाव से निकलने के लिए तड़प उठे.
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क्या रफ़ाल सौदे में कहीं कुछ छुपाया जा रहा है?
- Wednesday November 14, 2018
- रवीश कुमार
रफाल विमान सौदा सिर्फ सरकार के लिए ही टेस्ट नहीं है, बल्कि मीडिया के लिए भी परीक्षा है. आप दर्शक मीडिया की भूमिका को लेकर कई सवाल करते भी रहते हैं. यह बहुत अच्छा है कि आप मीडिया और गोदी मीडिया के फर्क को समझ रहे हैं. हम सबको परख रहे हैं.
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सरकार का पिंड नहीं छूटा नोटबंदी कांड से
- Friday November 9, 2018
- सुधीर जैन
कल यानी गुरुवार को नोटबंदी की दूसरी बरसी थी. विश्वप्रसिद्ध अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के हादसे को याद दिलाया. उन्होंने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था को चैपट करने में नोटबंदी की क्या और कितनी भूमिका रही.
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क्या भारत में पत्रकारों के सवालों पर अंकुश नहीं?
- Thursday November 8, 2018
- रवीश कुमार
अमरीका में मध्यावधि चुनाव के नतीजे आए हैं. उन नतीज़ों पर अलग से चर्चा हो सकती है, होनी भी चाहिए लेकिन एक बात की चर्चा हिन्दुस्तान के पत्रकारों के बीच ज़्यादा है. उनके बीच भी है जो भारत की मीडिया को गोदी मीडिया में बदलते हुए देख रहे हैं.
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पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों से निपटने की सरकार की कोशिश
- Thursday October 4, 2018
- रवीश कुमार
आख़िर कब तक सरकार भी देखती और कब तक लोग भी देखते. पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस के दाम बढ़ते-बढ़ते कहां तक जाएंगे किसी को नहीं पता. कई महीनों से जनता पेट्रोल डीज़ल और रसोई गैस के दाम दिए जा रही थी और यह मान लिया गया था कि जनता इस बार उफ्फ तक नहीं कर रही है क्योंकि वह सरकार के ख़िलाफ़ नारे नहीं लगा रही है.
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क्या माल्या को भागने से रोका जा सकता था?
- Friday September 14, 2018
- रवीश कुमार
बहुत से लोग माल्या के भारत परित्याग प्रकरण को लेकर परेशान हैं. भारत की तमाम सुरक्षा प्रक्रियाओं से गुज़रते हुए विजय माल्या ने जिस तरह से भारत का परित्याग किया है वह इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि उनके पहले और उनके बाद भी कई लोगों ने भारत का परित्याग किया है.
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