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पाकिस्तान में भगत सिंह को न्याय दिलाने के लिए उनका मुकदमा दोबारा शुरू करने की मांग
- Sunday March 24, 2024
- Reported by: भाषा
ब्रिटिश शासकों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को हुकूमत के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में मुकदमा चलाने के बाद 23 मार्च, 1931 को यहां शादमान चौक पर फांसी दे दी थी.
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Shaheed Diwas 2023: जानिए क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस, क्या है इस दिन का इतिहास और महत्व
- Thursday March 23, 2023
- Written by: सीमा ठाकुर
Shaheed Diwas: हर साल 23 मार्च के दिन शहीद दिवस मनाया जाता है. जानिए इस दिन से जुड़ी जानकारी और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य यहां.
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Shaheed Diwas 2022: देश की आजादी में क्या है इस दिन का योगदान, जानें भगत सिंह से जुड़े कुछ अनसुने फैक्ट्स
- Wednesday March 23, 2022
- Written by: शालिनी सेंगर
Shaheed Diwas: भारत की आजादी की लड़ाई में अहम योगदान निभाने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को आज ही के दिन यानी 23 मार्च (1931) को अंग्रेजों ने फांसी की सजा दी थी, जिसके बाद देश की आजादी के लिए उन्होंने हंसते-हंसते अपने प्राण देश पर न्योछावर कर दिए थे. शहीद दिवस के मौके पर देश आज अपने वीर सपूत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को दी श्रद्धांजलि दे रहा है.
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Shaheed Diwas 2021: भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को आज ही के दिन दी गई थी फांसी, जानिए इतिहास के पन्नों में दर्ज इस दिन की घटनाएं
- Tuesday March 23, 2021
- Reported by: भाषा
History of 23 March: देश और दुनिया के इतिहास में यूं तो कई महत्वपूर्ण घटनाएं 23 मार्च की तारीख पर दर्ज हैं. लेकिन भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज इस दिन की सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है. वर्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को ही फांसी दी गई थी.
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Shaheed Diwas 2021: क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस? जानिए भगत सिंह के जीवन से जुड़ी अहम बातें
- Tuesday March 23, 2021
- Written by: नेहा फरहीन
Shaheed Diwas: भगत सिंह (Bhagat Singh), शिवराम राजगुरु (Shivaram Rajguru) और सुखदेव थापर (Sukhdev Thapar) को आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ाया गया था और इन तीन देशभक्तों ने हंसते-हंसते शहादत को गले लगा लिया था. भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में ही हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाता है. भगत सिंह ने अंग्रेजों से लोहा लिया और असेंबली में बम फेंक कर उन्हें सोती नींद से जगाने का काम किया था, असेंबली में बम फेंकने के बाद वे भागे नहीं और जिसके नतीजतन उन्हें फांसी की सजा हो गई.
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कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने की भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को भारत रत्न दिए जाने की मांग
- Sunday October 27, 2019
- Reported by: भाषा
मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, '26 जनवरी 2020 को इन तीनों शहीदों को भारत रत्न दिया जाए. इनको आधिकारिक रूप से शहीद-ए-आजम घोषित किया जाए. चंडीगढ़ (मोहाली) स्थित हवाई अड्डे का नाम शहीद-ए-आजम भगत सिंह हवाई अड्डा किया जाए.'
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Shaheed Diwas 2019: जानिए Bhagat Singh से जुड़ी 10 खास बातें
- Saturday March 23, 2019
- Written by: रेणु चौहान
Shaheed Diwas: शहीद-ए-आजम भगत सिंह भगत सिंह (Bhagat Singh), Shivaram Rajguru (शिवराम राजगुरु) और Sukhdev Thapar सुखदेव थापर को आज फांसी दी गई थी. 23 मार्च 1931 के दिन इन तीनों देशभक्तों ने हसंते-हसंते लाहौर जेल में बलिदान दिया था.
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Bhagat Singh Quotes: 'जिंदगी अपने दम पर जी जाती है…दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं', भगत सिंह के 10 विचार
- Saturday March 23, 2019
- Written by: रेणु चौहान
Shaheed Diwas: 23 मार्च, 1931 के दिन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी Bhagat Singh (भगत सिंह), Shivaram Rajguru (शिवराम राजगुरु) और Sukhdev Thapar सुखदेव थापर को फांसी दी गई थी.
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शहीद दिवस : पढ़ें- फांसी के फंदे को चूमने से पहले भगत सिंह ने अपने आखिरी खत में क्या लिखा था
- Saturday March 23, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
र्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को ही फांसी दी गई थी. 23 मार्च को शहीद दिवस (Shahid Diwas) के रूप में भी जाना जाता है.
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Chandra Shekhar Azad Quotes: ''दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे''
- Wednesday February 27, 2019
- Written by: अर्चित गुप्ता
महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सैनानी चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) की आज पुण्यतिथि है. आज ही के दिन चंद्रशेखर आजाद ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी. 1931 में 27 फरवरी के दिन इलाहाबाद के एलफेड पार्क में अंग्रेजों से अकेले लोहा लेने के बाद उन्होंने खुद को गोली मार ली थी.
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पाकिस्तान में दिखा शहीद भगत सिंह के प्रति प्रेम, सर्वोच्च वीरता पदक ‘निशान-ए-हैदर’ देने की उठी आवाज
- Thursday January 18, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
भारत के वीर सपूत और शहीद-ए-आजम को पाकिस्तान में वहां का सर्वोच्च वीरता पदक देने की मांग जोर पकड़ने लगी है. पाकिस्तान के एक संगठन ने मांग की है कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह को देश का सर्वोच्च वीरता पदक ‘निशान ए हैदर’ दिया जाना चाहिए और लाहौर के शादमान चौक पर उनकी प्रतिमा लगाई जानी चाहिए. जहां 86 साल पहले उन्हें फांसी दी गई थी. मांग उठाने वाला संगठन अदालत में स्वतंत्रता सेनानियों को निर्दोष साबित करने के लिए काम कर रहा है. भगत सिंह और उनके दो साथियों-राजगुरु और सुखदेव को गोरी हुकूमत के खिलाफ षड्यंत्र और ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सांडर्स की हत्या के आरोप में 23 मार्च 1931 को लाहौर में फांसी दी गई थी.
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'शहीद ए आजम' भगत सिंह की ऐतिहासिक पिस्तौल को नए संग्रहालय में प्रदर्शित करेगा बीएसएफ
- Thursday March 23, 2017
- भाषा
बीएसएफ का इंदौर स्थित केंद्रीय आयुध और युद्ध कौशल विद्यालय (सीएसडब्ल्यूटी) शहीद क्रांतिकारी भगत सिंह की ऐतिहासिक महत्व की पिस्तौल को अपने नए हथियार संग्रहालय में खास तौर प्रदर्शित करने की योजना पर आगे बढ़ रहा है. यह वही पिस्तौल है जिसका इस्तेमाल करीब नौ दशक पहले तत्कालीन ब्रिटिश पुलिस अफसर जेपी सॉन्डर्स के वध में किया गया था.
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पाकिस्तान में भगत सिंह को न्याय दिलाने के लिए उनका मुकदमा दोबारा शुरू करने की मांग
- Sunday March 24, 2024
- Reported by: भाषा
ब्रिटिश शासकों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को हुकूमत के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में मुकदमा चलाने के बाद 23 मार्च, 1931 को यहां शादमान चौक पर फांसी दे दी थी.
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Shaheed Diwas 2023: जानिए क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस, क्या है इस दिन का इतिहास और महत्व
- Thursday March 23, 2023
- Written by: सीमा ठाकुर
Shaheed Diwas: हर साल 23 मार्च के दिन शहीद दिवस मनाया जाता है. जानिए इस दिन से जुड़ी जानकारी और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य यहां.
- ndtv.in
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Shaheed Diwas 2022: देश की आजादी में क्या है इस दिन का योगदान, जानें भगत सिंह से जुड़े कुछ अनसुने फैक्ट्स
- Wednesday March 23, 2022
- Written by: शालिनी सेंगर
Shaheed Diwas: भारत की आजादी की लड़ाई में अहम योगदान निभाने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को आज ही के दिन यानी 23 मार्च (1931) को अंग्रेजों ने फांसी की सजा दी थी, जिसके बाद देश की आजादी के लिए उन्होंने हंसते-हंसते अपने प्राण देश पर न्योछावर कर दिए थे. शहीद दिवस के मौके पर देश आज अपने वीर सपूत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को दी श्रद्धांजलि दे रहा है.
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Shaheed Diwas 2021: भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को आज ही के दिन दी गई थी फांसी, जानिए इतिहास के पन्नों में दर्ज इस दिन की घटनाएं
- Tuesday March 23, 2021
- Reported by: भाषा
History of 23 March: देश और दुनिया के इतिहास में यूं तो कई महत्वपूर्ण घटनाएं 23 मार्च की तारीख पर दर्ज हैं. लेकिन भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज इस दिन की सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है. वर्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को ही फांसी दी गई थी.
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Shaheed Diwas 2021: क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस? जानिए भगत सिंह के जीवन से जुड़ी अहम बातें
- Tuesday March 23, 2021
- Written by: नेहा फरहीन
Shaheed Diwas: भगत सिंह (Bhagat Singh), शिवराम राजगुरु (Shivaram Rajguru) और सुखदेव थापर (Sukhdev Thapar) को आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ाया गया था और इन तीन देशभक्तों ने हंसते-हंसते शहादत को गले लगा लिया था. भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में ही हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाता है. भगत सिंह ने अंग्रेजों से लोहा लिया और असेंबली में बम फेंक कर उन्हें सोती नींद से जगाने का काम किया था, असेंबली में बम फेंकने के बाद वे भागे नहीं और जिसके नतीजतन उन्हें फांसी की सजा हो गई.
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कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने की भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को भारत रत्न दिए जाने की मांग
- Sunday October 27, 2019
- Reported by: भाषा
मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, '26 जनवरी 2020 को इन तीनों शहीदों को भारत रत्न दिया जाए. इनको आधिकारिक रूप से शहीद-ए-आजम घोषित किया जाए. चंडीगढ़ (मोहाली) स्थित हवाई अड्डे का नाम शहीद-ए-आजम भगत सिंह हवाई अड्डा किया जाए.'
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Shaheed Diwas 2019: जानिए Bhagat Singh से जुड़ी 10 खास बातें
- Saturday March 23, 2019
- Written by: रेणु चौहान
Shaheed Diwas: शहीद-ए-आजम भगत सिंह भगत सिंह (Bhagat Singh), Shivaram Rajguru (शिवराम राजगुरु) और Sukhdev Thapar सुखदेव थापर को आज फांसी दी गई थी. 23 मार्च 1931 के दिन इन तीनों देशभक्तों ने हसंते-हसंते लाहौर जेल में बलिदान दिया था.
- ndtv.in
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Bhagat Singh Quotes: 'जिंदगी अपने दम पर जी जाती है…दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं', भगत सिंह के 10 विचार
- Saturday March 23, 2019
- Written by: रेणु चौहान
Shaheed Diwas: 23 मार्च, 1931 के दिन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी Bhagat Singh (भगत सिंह), Shivaram Rajguru (शिवराम राजगुरु) और Sukhdev Thapar सुखदेव थापर को फांसी दी गई थी.
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शहीद दिवस : पढ़ें- फांसी के फंदे को चूमने से पहले भगत सिंह ने अपने आखिरी खत में क्या लिखा था
- Saturday March 23, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
र्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को ही फांसी दी गई थी. 23 मार्च को शहीद दिवस (Shahid Diwas) के रूप में भी जाना जाता है.
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Chandra Shekhar Azad Quotes: ''दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे''
- Wednesday February 27, 2019
- Written by: अर्चित गुप्ता
महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सैनानी चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) की आज पुण्यतिथि है. आज ही के दिन चंद्रशेखर आजाद ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी. 1931 में 27 फरवरी के दिन इलाहाबाद के एलफेड पार्क में अंग्रेजों से अकेले लोहा लेने के बाद उन्होंने खुद को गोली मार ली थी.
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पाकिस्तान में दिखा शहीद भगत सिंह के प्रति प्रेम, सर्वोच्च वीरता पदक ‘निशान-ए-हैदर’ देने की उठी आवाज
- Thursday January 18, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
भारत के वीर सपूत और शहीद-ए-आजम को पाकिस्तान में वहां का सर्वोच्च वीरता पदक देने की मांग जोर पकड़ने लगी है. पाकिस्तान के एक संगठन ने मांग की है कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह को देश का सर्वोच्च वीरता पदक ‘निशान ए हैदर’ दिया जाना चाहिए और लाहौर के शादमान चौक पर उनकी प्रतिमा लगाई जानी चाहिए. जहां 86 साल पहले उन्हें फांसी दी गई थी. मांग उठाने वाला संगठन अदालत में स्वतंत्रता सेनानियों को निर्दोष साबित करने के लिए काम कर रहा है. भगत सिंह और उनके दो साथियों-राजगुरु और सुखदेव को गोरी हुकूमत के खिलाफ षड्यंत्र और ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सांडर्स की हत्या के आरोप में 23 मार्च 1931 को लाहौर में फांसी दी गई थी.
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'शहीद ए आजम' भगत सिंह की ऐतिहासिक पिस्तौल को नए संग्रहालय में प्रदर्शित करेगा बीएसएफ
- Thursday March 23, 2017
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बीएसएफ का इंदौर स्थित केंद्रीय आयुध और युद्ध कौशल विद्यालय (सीएसडब्ल्यूटी) शहीद क्रांतिकारी भगत सिंह की ऐतिहासिक महत्व की पिस्तौल को अपने नए हथियार संग्रहालय में खास तौर प्रदर्शित करने की योजना पर आगे बढ़ रहा है. यह वही पिस्तौल है जिसका इस्तेमाल करीब नौ दशक पहले तत्कालीन ब्रिटिश पुलिस अफसर जेपी सॉन्डर्स के वध में किया गया था.
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