तस्वीर : AFP
- वरुण सिंह भाटी ने ऊंची कूद में कांस्य पदक अपने नाम किया
- भाटी को बचपन में ही पोलियो हो गया था
- पैरालिम्पिक्स से पहले भी भाटी का प्रदर्शन बेहतरीन रहा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
रियो ओलंपिक्स में सिर्फ दो पदक लाने के बाद दो अच्छी खबरें पैरालिम्पिक्स से आई है. हाई जंप इवेंट में भारत ने गोल्ड और ब्रॉन्ज पदक पर कब्ज़ा जमाया है. जहां स्वर्ण जीतने वाले मरियप्पन थांगावेलू तमिनलाडु के सालेम जिले से ताल्लुक रखते हैं और काफी कठिन परिस्थितियों में पले बढ़े हैं, वहीं दिल्ली के करीब ग्रेटर नोएडा से आए वरुण सिंह भाटी ने 1.86 मीटर कूद कर इसी इवेंट में कांस्य पदक अपने नाम किया.
पढ़ें - एक संघर्षरत परिवार से आए हैं मरियप्पन
21 साल के भाटी को बचपन में ही पोलियो हो गया था लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. वह स्कूल के दिनों से ही एक अच्छे एथलीट के रूप में जाने जाते थे. वैसे तो किशोरावस्था में ही वह हाय जम्प करने लगे थे लेकिन पिछले दो साल से ही उन्होंने अपना पूरा वक्त इस खेल को देना शुरू किया था. महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बढ़िया प्रदर्शन के बाद भाटी ने आईपीसी एथलेटिक्स एशिया-ओशेनिया चैंपियनशिप में स्वर्ण पर कब्ज़ा जमाया और एक नया एशियाई रिकॉर्ड कायम किया.
पढ़ें - तमिलनाडु सरकार की ओर से 2 करोड़ के ईनाम की घोषणा
रियो पैरालिम्पिक्स जाने से पहले वरुण सिंह भाटी को मेडल का पक्का दावेदार समझा जा रहा था, इसकी वजह थी उनका हालिया प्रदर्शन. भाटी ने निराश भी नहीं किया क्योंकि इस सबसे बड़ी प्रतियोगिता में वह कांस्य लेकर आए हैं. भाटी की उम्र अभी उनके साथ है इसलिए यहां से आगे उनसे कामयाबी और बेहतरीन प्रदर्शन की ही उम्मीद की जा रही है. रियो में सफलता के बाद भाटी पर उनके प्रशंसकों और खेल प्रेमियों की कड़ी नजर रहेगी.
पढ़ें - एक संघर्षरत परिवार से आए हैं मरियप्पन
21 साल के भाटी को बचपन में ही पोलियो हो गया था लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. वह स्कूल के दिनों से ही एक अच्छे एथलीट के रूप में जाने जाते थे. वैसे तो किशोरावस्था में ही वह हाय जम्प करने लगे थे लेकिन पिछले दो साल से ही उन्होंने अपना पूरा वक्त इस खेल को देना शुरू किया था. महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बढ़िया प्रदर्शन के बाद भाटी ने आईपीसी एथलेटिक्स एशिया-ओशेनिया चैंपियनशिप में स्वर्ण पर कब्ज़ा जमाया और एक नया एशियाई रिकॉर्ड कायम किया.
पढ़ें - तमिलनाडु सरकार की ओर से 2 करोड़ के ईनाम की घोषणा
रियो पैरालिम्पिक्स जाने से पहले वरुण सिंह भाटी को मेडल का पक्का दावेदार समझा जा रहा था, इसकी वजह थी उनका हालिया प्रदर्शन. भाटी ने निराश भी नहीं किया क्योंकि इस सबसे बड़ी प्रतियोगिता में वह कांस्य लेकर आए हैं. भाटी की उम्र अभी उनके साथ है इसलिए यहां से आगे उनसे कामयाबी और बेहतरीन प्रदर्शन की ही उम्मीद की जा रही है. रियो में सफलता के बाद भाटी पर उनके प्रशंसकों और खेल प्रेमियों की कड़ी नजर रहेगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
वरुण सिंह भाटी, मरियप्पन थांगावेलू, एथलीट, पैरालिम्पिक 2016, पैरालिम्पिक्स, Varun Singh Bhati, Mariyappan Thangavelu, Paralympics 2016