ओलिंपिक में डोपिंग का मामला समय-समय पर उठता रहा है (प्रतीकात्मक फोटो)
लुसाने:
अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने सोमवार को खंडन किया कि उसने बीजिंग ओलिंपिक 2008 में डोपिंग मामलों को छिपाया था. जर्मन टीवी के एक कार्यक्रम में खुलासा किया गया है कि जमैका के फर्राटा धावकों के परीक्षण पाजिटिव पाए गए थे लेकिन इसके लिए उन्हें सजा नहीं दी गई.
जर्मन वृत्तचित्र निर्माता हाजो सेपेल्ट ने कहा कि इस कैरेबियाई देश के कई एथलीटों के पेशाब के आठ साल पुराने नमूने का जब फिर से परीक्षण किया गया तो उसमें क्लेनबुटेरोल पाया गया जो कि मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और प्रतिबंधित है. किसी भी एथलीट की पहचान उजागर नहीं हुई है.
जमैका के फर्राटा धावक उसैन बोल्ट ने बीजिंग ओलिंपिक में विश्व रिकार्ड के साथ तीन स्वर्ण पदक जीते थे. आईओसी ने कहा कि विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के साथ परामर्श करने के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचा है कि संगठित धोखाधड़ी जैसा कोई मामला नहीं था. आईओसी ने बयान में कहा, ‘‘वाडा ने आईओसी को बताया कि इन मामलों में क्लेनबुटेरोल के उपयोग का कोई सुसंगत पैटर्न देखने को नहीं मिला है और इसलिए बेहतर होगा कि इन मामलों को आगे नहीं बढ़ाया जाए.’’
बयान में कहा गया है कि क्लेनबुटेरोल का स्तर काफी कम (एक मिग्रा) पाया गया जो कि मांस के जरिये खिलाड़ियों के शरीर में जा सकता है. चीन पशुओं की मांसपेशियों को बढ़ाने के लिये उन्हें क्लेनबुटेरोल का खिलाता है और ओलिंपिक खिलाड़ियों को चीन जाने से पहले इस तरह के जोखिम से भी आगाह करवाया गया था. आईओसी ने जमैका का नाम लिये बिना कहा कि पुन: परीक्षण में क्लेनबुटेरोल के कई मामले सामने आये हैं लेकिन इनमें क्लेनबुटेरोल की मात्रा बहुत कम पाई गई.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जर्मन वृत्तचित्र निर्माता हाजो सेपेल्ट ने कहा कि इस कैरेबियाई देश के कई एथलीटों के पेशाब के आठ साल पुराने नमूने का जब फिर से परीक्षण किया गया तो उसमें क्लेनबुटेरोल पाया गया जो कि मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और प्रतिबंधित है. किसी भी एथलीट की पहचान उजागर नहीं हुई है.
जमैका के फर्राटा धावक उसैन बोल्ट ने बीजिंग ओलिंपिक में विश्व रिकार्ड के साथ तीन स्वर्ण पदक जीते थे. आईओसी ने कहा कि विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के साथ परामर्श करने के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचा है कि संगठित धोखाधड़ी जैसा कोई मामला नहीं था. आईओसी ने बयान में कहा, ‘‘वाडा ने आईओसी को बताया कि इन मामलों में क्लेनबुटेरोल के उपयोग का कोई सुसंगत पैटर्न देखने को नहीं मिला है और इसलिए बेहतर होगा कि इन मामलों को आगे नहीं बढ़ाया जाए.’’
बयान में कहा गया है कि क्लेनबुटेरोल का स्तर काफी कम (एक मिग्रा) पाया गया जो कि मांस के जरिये खिलाड़ियों के शरीर में जा सकता है. चीन पशुओं की मांसपेशियों को बढ़ाने के लिये उन्हें क्लेनबुटेरोल का खिलाता है और ओलिंपिक खिलाड़ियों को चीन जाने से पहले इस तरह के जोखिम से भी आगाह करवाया गया था. आईओसी ने जमैका का नाम लिये बिना कहा कि पुन: परीक्षण में क्लेनबुटेरोल के कई मामले सामने आये हैं लेकिन इनमें क्लेनबुटेरोल की मात्रा बहुत कम पाई गई.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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