भारत को खेलों का पहला पदक दिलाने वाले गुरुराजा
- 'पिताजी से भी बात हुई वो बहुत खुश हैं'
- 'इस जीत से मेरा हौसला बढ़ा'
- एनडीटीवी से खास बातचीत
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गोल्ड कोस्ट:
ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में शुरू हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पहली कामयाबी वेटलिफ़्टिंग के जरिए. कर्नाटक के गुरुराजा ने भारत को पहला मेडल दिलवाया. गुरू राजा ने 56 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता. जीतने के फ़ौरन बाद गुरुराजा ने NDTV संवाददाता विमल मोहन से फ़ोन पर बाततीच की. गुरुराजा ने खुलासा करते हुए बताया कि कैसे और क्यों वह कुश्ती से वेटलिफ्टिंग में आ गए.
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रजत पदक विजेता वेटलिफ्टर ने कहा कि साल 2010 कॉमनवेल्थ खेलों में मैंने सुशील कुमार को जीतते देखा तो बहुत अच्छा लगा. मैंने कुश्ती से ही खेलों की शुरुआत की. मैं उनकी तरह ही पदक जीतना चाहता था. वेटलिफ़्टिंग से तो मुझे गुस्सा आता था. मैं तब 42 किलोग्राम का था और 20 किलोग्राम उठाना भी मुश्किल लगता था. लेकिन धीरे-धीरे मेरा रुझान इस खेल की तरफ बढ़ता गया और अब तो मैं ढाई सौ किलोग्राम वज़न तक उठा लेता हूं. अब वेटलिफ़्टिंग ही मुझे बहुत अच्छा लगता है.
VIDEO: भारतीय महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल ने एनडीटीवी से बात की थी.
गुरुराजा ने कहा कि मैं सुशील कुमार से उनसे मिलना चाहता हूं. उम्मीद करता हूं कि इस खेल से भारत को और भी मेडल मिलेंगे.
एक सवाल के जवाब में गुरुराजा ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं. मैं जब तीसरी बार वेट उठा रहा था तो थोड़ी मुश्किल हुई. कर्नाटक में घर पर मेरे पिताजी मुझे टीवी पर देख रहे थे. उन्हें लग रहा था कि मैं ये उठा नहीं पाऊंगा. लेकिन मैंने कर दिखाया, मैं बहुत खुश हूं. पिताजी से भी बात हुई वो बहुत खुश हैं. घर में सब बेहद खुश हैं. उन्होंन कहा कि मेरे पिताजी ड्राइवर हैं. मैं अब एयर फ़ोर्स में नौकरी करता हूं. लेकिन घर में पैसों की दिक्कत रही है. लेकिन इस जीत से मेरा हौसला बढ़ा है. मुझे वेटलिफ्टिंग ने जीवन दिया है. मैंने पिछली चार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड और कांस्य भी जीते हैं. मैं अब भविष्य में आगे और अच्छा करूंगाCommonWealth Games: Good news to start off the day folks as India has opened its account; Gururaja Poojari wins Silver medal in Weightlifting (Men's 56kg) #CWG2018 pic.twitter.com/abslsvjmUv
— India@Sports (@India_AllSports) April 5, 2018
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रजत पदक विजेता वेटलिफ्टर ने कहा कि साल 2010 कॉमनवेल्थ खेलों में मैंने सुशील कुमार को जीतते देखा तो बहुत अच्छा लगा. मैंने कुश्ती से ही खेलों की शुरुआत की. मैं उनकी तरह ही पदक जीतना चाहता था. वेटलिफ़्टिंग से तो मुझे गुस्सा आता था. मैं तब 42 किलोग्राम का था और 20 किलोग्राम उठाना भी मुश्किल लगता था. लेकिन धीरे-धीरे मेरा रुझान इस खेल की तरफ बढ़ता गया और अब तो मैं ढाई सौ किलोग्राम वज़न तक उठा लेता हूं. अब वेटलिफ़्टिंग ही मुझे बहुत अच्छा लगता है.
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गुरुराजा ने कहा कि मैं सुशील कुमार से उनसे मिलना चाहता हूं. उम्मीद करता हूं कि इस खेल से भारत को और भी मेडल मिलेंगे.