नई दिल्ली:
हिजाब प्रतिबंध विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है. सोमवार को वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने कहा कि इस्लाम में अनिवार्य और गैर-अनिवार्य जैसी कोई बात नहीं है. कुरान में जो कुछ है वह अनिवार्य है और पैगंबर ने जो व्याख्या की है वह भी अनिवार्य है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
खुर्शीद ने बुर्का, हिजाब और जिलबाब की तस्वीरों को दिखाकर उनके बीच के अंतर को अदालत को बताया.
सलमान खुर्शीद ने कहा कि जब हम गुरुद्वारा जाते हैं तो लोग हमेशा अपना सिर ढक कर रखते हैं. यह संस्कृति है.
खुर्शीद ने कहा कि मैं निर्धारित वर्दी पहनूंगा. लेकिन सवाल यह है कि क्या मैं कुछ और पहन सकता हूं जो मेरी संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है.
अगर मैं सेना में हूं तो मुझे निर्धारित वर्दी पहननी होगी.अगर मैं बार काउंसिल का सदस्य हूं तो मुझे निर्धारित यूनिफार्म पहननी होगी. मैं निर्धारित यूनिफॉर्म पहनूंगा. लेकिन सवाल यह है कि क्या मैं कुछ और पहन सकता हूं जो मेरी संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है.
वरिष्ठ वकील ने पुट्टस्वामी फैसले का हवाला देते हुए कहा कि परिधान और दिखने की पसंद भी निजता का एक पहलू है. अबइस मामले पर सुनवाई बुधवार को होगी.