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भारत पर CAATSA प्रतिबंध लगाना 'बहुत बड़ी मूर्खता' होगी : अमेरिकी सीनेटर क्रूज
- Tuesday March 8, 2022
- Reported by: भाषा
क्रूज ने पिछले सप्ताह कहा था कि बाडइन प्रशासन में भारत और अमेरिका के संबंध खराब हुए हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘भारत कई क्षेत्रों में एक अहम साझेदार है और हाल के कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका का गठबंधन और गहरा एवं मजबूत हुआ है, लेकिन बाइडन प्रशासन में यह पीछे की ओर जा रहा है.’’
- ndtv.in
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अमेरिका : मिसाइल प्रणाली खरीद को लेकर भारत पर प्रतिबंध नहीं लगाने का राष्ट्रपति बाइडन से आग्रह
- Wednesday October 27, 2021
- Reported by: भाषा
बाइडन को लिखे पत्र में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति बाइडन से आग्रह किया कि सीएएटीएसए के तहत राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए भारत को इसके प्रावधानों से छूट दी जानी चाहिए.
- ndtv.in
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अमेरिका की धमकी के बाद भी भारत क्यों रूस से खरीदने जा रहा है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार S-400 Triumf, 10 खास बातें
- Friday October 5, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
अमेरिका की धमकियों और नाराजगी के बीच भी भारत रूस से S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका ने कहा है कि रूस के साथ एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता एक ‘महत्वपूर्ण’ व्यापार समझौता माना जाएगा. अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है. अमेरिकी सरकार ‘ अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम’ (सीएएटीएसए) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ ‘महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन’ करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है. लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिका की इस चेतावनी के बाद भी इस रक्षा प्रणाली के लिए कदम बढ़ाने की इच्छुक है. इस सिस्टम को खरीदने के लिए भारत को पांच अरब डॉलर तक खर्च करने पड़ सकते हैं. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए.
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भारत पर CAATSA प्रतिबंध लगाना 'बहुत बड़ी मूर्खता' होगी : अमेरिकी सीनेटर क्रूज
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क्रूज ने पिछले सप्ताह कहा था कि बाडइन प्रशासन में भारत और अमेरिका के संबंध खराब हुए हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘भारत कई क्षेत्रों में एक अहम साझेदार है और हाल के कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका का गठबंधन और गहरा एवं मजबूत हुआ है, लेकिन बाइडन प्रशासन में यह पीछे की ओर जा रहा है.’’
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- Wednesday October 27, 2021
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बाइडन को लिखे पत्र में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति बाइडन से आग्रह किया कि सीएएटीएसए के तहत राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए भारत को इसके प्रावधानों से छूट दी जानी चाहिए.
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अमेरिका की धमकी के बाद भी भारत क्यों रूस से खरीदने जा रहा है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार S-400 Triumf, 10 खास बातें
- Friday October 5, 2018
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अमेरिका की धमकियों और नाराजगी के बीच भी भारत रूस से S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका ने कहा है कि रूस के साथ एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता एक ‘महत्वपूर्ण’ व्यापार समझौता माना जाएगा. अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है. अमेरिकी सरकार ‘ अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम’ (सीएएटीएसए) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ ‘महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन’ करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है. लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिका की इस चेतावनी के बाद भी इस रक्षा प्रणाली के लिए कदम बढ़ाने की इच्छुक है. इस सिस्टम को खरीदने के लिए भारत को पांच अरब डॉलर तक खर्च करने पड़ सकते हैं. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए.
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