दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आम आदमी पार्टी से नेताओं के रिश्ता तोड़ने का सिलिसिला खत्म नहीं हो रहा है. आम आदमी पार्टी के पंजाब के जैतो से विधायक मास्टर बलदेव ने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. विधायक मास्टर बलदेव ने ई-मेल के जरिये अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा भेजा है. मास्टर बलदेव का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल सिर्फ दलित कार्ड का केवल इस्तेमाल करते हैं. बता दें कि कुछ दिन पहले नेता विपक्ष रहे और विधायक सुखपाल खैरा ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
पंजाब: MLA सुखपाल सिंह खैरा ने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, लगाया यह आरोप
जैतो से आम आदमी पार्टी से विधायक मास्टर बलदेव सिंह ने अरविंद केजरीवाल को ई-मेल के जरिए भेजे पत्र में लिखा है कि वह काफी दुखी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि पार्टी ने मूल विचारधार और सिद्धातों को पूरी तरह छोड़ दिया है.
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उन्होंने आगे लिखा- अन्ना हज़ारे द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से मैं काफी प्रेरित हुआ और इस तरह AAP का हिस्सा बनने का फैसला किया था. हमारे देश की विशेष रूप से हमारे राज्य पंजाब की सामाजिक-राजनीतिक स्थिति को सुधारने के लिए मैं प्रधान शिक्षक के तौर पर सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला किया था. हालांकि, मेरी चार साल की नौकरी बची थी. मेरे इस कदम से न केवल मेरे परिवार में खलबली मच गई थी, बल्कि मेरे भविष्य को भी अंधेरे में छोड़ गया था. मगर फिर भी मैंने आपके और AAP द्वारा किए गए बुलंद वादों के कारण जोखिम उठाना पसंद किया.
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इससे पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी से निलंबित चल रहे विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. खैरा ने अपना इस्तीफा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर दी थी और कई आरोप भी लगाए थे. बता दें कि बीते कुछ समय पहले सुखपाल खैरा आप नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी और उनको पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, सुखपाल खैरा कुछ विधायकों को साथ लेकर केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ बवागत तेज कर दी थी. हालांकि, एचएस फुल्का के बाद सुखपाल खैरा का इस्तीफा, लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के लिहाज से सही नहीं है.
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सुखपाल सिंह खैरा ने भी आरोप लगाया था कि पार्टी उस विचारधारा एवं सिद्धांतों से “पूरी तरह भटक चुकी” है जिनके आधार पर अन्ना हजारे आंदोलन के बाद उसका गठन हुआ था. पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते पिछले साल नवंबर में पार्टी से निलंबित किए गए खैरा ने अपना त्यागपत्र आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेज दिया है. बोलाथ से विधायक ने अपने त्यागपत्र में कहा, “देश की पांरपरिक पार्टियों की वर्तमान राजनीतिक संस्कृति बुरी तरह बिगड़ चुकी है जिसके चलते आप के गठन से बहुत उम्मीदें जगीं थीं.” खैरा ने कहा, “दुर्भाग्य से पार्टी में शामिल होने के बाद मैंने महसूस किया कि आप का पदक्रम भी पारंपरिक केंद्रीकृत राजनीतिक पार्टियों से अलग नहीं है.” पिछले साल जुलाई में पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाए जाने के बाद से वह आप नेतृत्व के मुखर आलोचक रहे हैं.
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