पार्टी में फूट रहे बगावती सुर कांग्रेस के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं
पटियाला:
पंजाब में बग़ावत के डर से उम्मीदवारों के ऐलान में देरी के बावजूद कांग्रेस पार्टी को बाग़ियों से जूझना पड़ सकता है. लगभग 30 सीटों पर पार्टी के नेता टिकट बंटवारे पर नाराज़गी जताते हुए पार्टी उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने का ऐलान करने की तैयारी में हैं.
टिकट बंटवारे को लेकर उपजा विरोध कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर तक भी पहुंच गया. कुछ नाराज़ कार्यकर्ता विरोध जताने के लिए सोमवार सुबह उनके मोती बाग़ महल पहुंच गए. एक सीट पर 10-10 दावेदारों के चलते कैप्टन अमरिंदर सिंह को प्रचार से दूर रहना पड़ा जो पार्टी को महंगा पड़ सकता है.
इस बारे में जब उनसे पूछा तो कैप्टन ने कहा,' 1600 कैंडिडेट थे..काफ़ी मुश्किल था..लेकिन अब सब ठीक है.'
2012 का चुनाव बाग़ियों की वजह से हारने के बाद इस दफ़ा पार्टी द्वारा ठोक बजा कर टिकट बांटेने का दावा किया जा रहा है, लेकिन फिर भी क़रीब दो दर्जन सीटों पर कांग्रेस के बाग़ी नेता टाल ठोकने की तैयारी में हैं. इन सीटों पर बाग़ी उम्मीदवार से पार्टी को ज़्यादा नुक़सान हो सकता है.
जिन सीटों पर सबसे ज्यादा विवाद है उनमें रोपड़, पठानकोट, अमलोह, फज़िल्का, आदमपुर, शाहकोट, भोआ, सूजानपुर आदि शामिल हैं.
टिकट नहीं मिलने से नाराज़ फज़िल्का से कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉक्टर मोहिंदर रिणवा भी बाग़ी हो गए हैं और पार्टी के अधिकारिक उम्मीदवार अकाली सांसद के बेटे देविंदर घुबाया के ख़िलाफ़ आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं.
अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी छोड़कर हाल ही में कांग्रेस का दामन थमने वालों को पुराने वफ़ादारों पर तरजीह भी कुछ हलकों में बग़ावत की वजह बनी है. अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह की जालंधर कैंट से उम्मीदवारी भी बग़ावत के डर से आख़री तक अटकी रही.
टिकट बंटवारे को लेकर उपजा विरोध कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर तक भी पहुंच गया. कुछ नाराज़ कार्यकर्ता विरोध जताने के लिए सोमवार सुबह उनके मोती बाग़ महल पहुंच गए. एक सीट पर 10-10 दावेदारों के चलते कैप्टन अमरिंदर सिंह को प्रचार से दूर रहना पड़ा जो पार्टी को महंगा पड़ सकता है.
इस बारे में जब उनसे पूछा तो कैप्टन ने कहा,' 1600 कैंडिडेट थे..काफ़ी मुश्किल था..लेकिन अब सब ठीक है.'
2012 का चुनाव बाग़ियों की वजह से हारने के बाद इस दफ़ा पार्टी द्वारा ठोक बजा कर टिकट बांटेने का दावा किया जा रहा है, लेकिन फिर भी क़रीब दो दर्जन सीटों पर कांग्रेस के बाग़ी नेता टाल ठोकने की तैयारी में हैं. इन सीटों पर बाग़ी उम्मीदवार से पार्टी को ज़्यादा नुक़सान हो सकता है.
जिन सीटों पर सबसे ज्यादा विवाद है उनमें रोपड़, पठानकोट, अमलोह, फज़िल्का, आदमपुर, शाहकोट, भोआ, सूजानपुर आदि शामिल हैं.
टिकट नहीं मिलने से नाराज़ फज़िल्का से कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉक्टर मोहिंदर रिणवा भी बाग़ी हो गए हैं और पार्टी के अधिकारिक उम्मीदवार अकाली सांसद के बेटे देविंदर घुबाया के ख़िलाफ़ आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं.
अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी छोड़कर हाल ही में कांग्रेस का दामन थमने वालों को पुराने वफ़ादारों पर तरजीह भी कुछ हलकों में बग़ावत की वजह बनी है. अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह की जालंधर कैंट से उम्मीदवारी भी बग़ावत के डर से आख़री तक अटकी रही.
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