मायावती ने कहा कि आरएसएस का आरक्षण विरोधी बयान, दृष्टिकोण, दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है.
लखनऊ:
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भाजपा के मार्गदर्शक संगठन आरएसएस के प्रवक्ता व प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य द्वारा दलितों व अन्य पिछड़ों को मिलने वाला आरक्षण खत्म करने की वकालत की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि संविधान व देशहित में आरएसएस को अपनी गलत व जातिवादी मानसिकता बदलने की सख्त जरूरत है.
मायावती ने अपने बयान में कहा कि बसपा आरएसएस की आरक्षण संबंधी गैर-संवैधानिक सोच को कभी सफल नहीं होने देगी.
आरएसएस के प्रचार प्रमुख वैद्य ने जयपुर में जारी लिटरेचर फेस्टिवेल के दौरान आरक्षण को खत्म करने पर जोर दिया और कहा, 'यह काम हमें ही करना है'.
मायावती ने कहा कि आरएसएस का आरक्षण विरोधी बयान, दृष्टिकोण, दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है, क्योंकि केंद्र की भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आरएसएस के ही इशारों पर चलती है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि दलितों व पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण की संवैधानिक सुविधा निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने के साथ-साथ इसे खत्म करने का प्रयास लगातार करती रहती है. मायावती ने कहा कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरक्षण की समीक्षा की आड़ में इस संवैधानिक व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास किया था, लेकिन देशभर में इसका जबरदस्त विरोध के कारण फिर उन्हें यह प्रयास रोकना पड़ा था. अब फिर इस मामले को छेड़ा गया है, जिसका खामियाजा भाजपा चुनाव में भुगतने को तैयार रहे.
दरअसल, उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी जोरों पर है. ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार विभाग के प्र्मुख मनमोहन वैद्य की ओर से आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर एक बार फिर ऐसा बयान आया है जिसकी वजह से इन चुनावों में भी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आरक्षण पर बोलते हुए कहा कि इतने सालों में इसका कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में इस पर विचार किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सभी को समान रूप से अधिकार मिलना चाहिए. (इनपुट एजेंसियों से)
मायावती ने अपने बयान में कहा कि बसपा आरएसएस की आरक्षण संबंधी गैर-संवैधानिक सोच को कभी सफल नहीं होने देगी.
आरएसएस के प्रचार प्रमुख वैद्य ने जयपुर में जारी लिटरेचर फेस्टिवेल के दौरान आरक्षण को खत्म करने पर जोर दिया और कहा, 'यह काम हमें ही करना है'.
मायावती ने कहा कि आरएसएस का आरक्षण विरोधी बयान, दृष्टिकोण, दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है, क्योंकि केंद्र की भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आरएसएस के ही इशारों पर चलती है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि दलितों व पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण की संवैधानिक सुविधा निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने के साथ-साथ इसे खत्म करने का प्रयास लगातार करती रहती है. मायावती ने कहा कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरक्षण की समीक्षा की आड़ में इस संवैधानिक व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास किया था, लेकिन देशभर में इसका जबरदस्त विरोध के कारण फिर उन्हें यह प्रयास रोकना पड़ा था. अब फिर इस मामले को छेड़ा गया है, जिसका खामियाजा भाजपा चुनाव में भुगतने को तैयार रहे.
दरअसल, उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी जोरों पर है. ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार विभाग के प्र्मुख मनमोहन वैद्य की ओर से आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर एक बार फिर ऐसा बयान आया है जिसकी वजह से इन चुनावों में भी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आरक्षण पर बोलते हुए कहा कि इतने सालों में इसका कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में इस पर विचार किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सभी को समान रूप से अधिकार मिलना चाहिए. (इनपुट एजेंसियों से)
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