सीताराम येचुरी (फाइल फोटो)
खास बातें
- सीताराम येचुरी ने ट्वीट करके की सरकार की आलोचना
- कॉरपोरेट द्वारा नहीं चुकाए गए बैंक कर्ज की वसूली प्राथमिकता होनी थी
- नोटबंदी ने सिर्फ गरीब को चोट पहुंचाई
नई दिल्ली: माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के कदम के लिए मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए आज कहा कि ग्रामीण भारत को चोट पहुंचाने के लिए शत्रु भी नोटबंदी से बेहतर योजना नहीं बना सकता था.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी की बजाय कॉरपोरेट द्वारा नहीं चुकाए गए बैंकों के कर्ज की वसूली प्राथमिकता होनी चाहिए थी. इसने सिर्फ गरीब को नुकसान पहुंचाया है.
येचुरी ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘‘अगर हमारा सबसे बुरा शत्रु भी लगातार दो साल सूखा पड़ने के बाद ग्रामीण भारत को चोट पहुंचाना चाहता तो वह नोटबंदी से बेहतर योजना नहीं बना सकता था.’’ येचुरी ने कहा, ‘‘नोटबंदी के बजाय अमीर कॉरपोरेट द्वारा नहीं चुकाए गए कर्ज की वसूली सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए थी. इसने सिर्फ गरीब को चोट पहुंचाई है.’’
देश को आश्चर्यचकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर की रात को 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)