प्रतीकात्मक तस्वीर
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में होने वाले उपचुनाव में इस बार नोटों का चलन बंद होना मुख्य चुनावी मुद्दा बन सकता है. कूच बिहार जिले के कूचबिहार संसदीय क्षेत्र और पूर्वी मेदिनीपुर जिले के तमलुक संसदीय क्षेत्र के साथ ही मोंटेश्वर विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव 19 नवंबर को होने वाले हैं. चुनाव परिणामों की घोषणा 21 नवंबर को होगी.
कूचबिहार से तृणमूल कांग्रेस की सांसद रेणुका सिन्हा की मृत्यु के बाद यहां चुनाव कराया जा रहा है. तमलुक लोकसभा सीट से तृणमूल के सांसद सुवेन्दु अधिकारी के त्यागपत्र देने और परिवहन मंत्री के तौर पर राज्य मंत्रिमंडल में शामिल होने से यह सीट खाली हो गई थी. मोंटेश्वर से तृणमूल के विधायक सजल पंजा की मृत्यु से वहां भी विधानसभा चुनाव जरूरी हो गए हैं.
सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों सीपीआई (एम), कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने बताया कि पुरानी नकदी का चलन बंद करना अचानक मुख्य मुद्दा बन गया है, क्योंकि केंद्र सरकार के इस निर्णय से आम आदमी के साथ साथ राजनीतिक पार्टियां भी प्रभावित हुई हैं.
टीएमसी के विधायक और तमलुक सीट से पार्टी के प्रत्याशी दिबयेन्दु अधिकारी ने कहा, 'पुराने नोट बंद करने के जनविरोधी निर्णय से देश का प्रत्येक नागरिक प्रभावित हुआ है. आम आदमी को परेशानी हो रही है. नोट बंद होने से हमारा चुनाव अभियान भी प्रभावित हुआ है, क्योंकि हमारे पास मंच सजाने वाले और लाउडस्पीकर वालों को देने के लिए पैसे नहीं हैं. तमलुक के अनेक ग्रामीण इलाकों में अभी भी ठीक से बैंकिंग सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में गरीब किसान क्या करेगा?'
सीपीएम और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि नोटो का चलन बंद होना अचानक से चुनाव का बड़ा मुद्दा बन गया है. उन्होंने बताया कि लोग सरकार के इस निर्णय से हताश हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि लोगों के लिए यह चुनाव एक कड़ी परीक्षा है काले धन को सामने लाने के लिए लोग बीजेपी के इस प्रकार का निर्भीक निर्णय लेने का समर्थन करेंगे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कूचबिहार से तृणमूल कांग्रेस की सांसद रेणुका सिन्हा की मृत्यु के बाद यहां चुनाव कराया जा रहा है. तमलुक लोकसभा सीट से तृणमूल के सांसद सुवेन्दु अधिकारी के त्यागपत्र देने और परिवहन मंत्री के तौर पर राज्य मंत्रिमंडल में शामिल होने से यह सीट खाली हो गई थी. मोंटेश्वर से तृणमूल के विधायक सजल पंजा की मृत्यु से वहां भी विधानसभा चुनाव जरूरी हो गए हैं.
सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों सीपीआई (एम), कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने बताया कि पुरानी नकदी का चलन बंद करना अचानक मुख्य मुद्दा बन गया है, क्योंकि केंद्र सरकार के इस निर्णय से आम आदमी के साथ साथ राजनीतिक पार्टियां भी प्रभावित हुई हैं.
टीएमसी के विधायक और तमलुक सीट से पार्टी के प्रत्याशी दिबयेन्दु अधिकारी ने कहा, 'पुराने नोट बंद करने के जनविरोधी निर्णय से देश का प्रत्येक नागरिक प्रभावित हुआ है. आम आदमी को परेशानी हो रही है. नोट बंद होने से हमारा चुनाव अभियान भी प्रभावित हुआ है, क्योंकि हमारे पास मंच सजाने वाले और लाउडस्पीकर वालों को देने के लिए पैसे नहीं हैं. तमलुक के अनेक ग्रामीण इलाकों में अभी भी ठीक से बैंकिंग सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में गरीब किसान क्या करेगा?'
सीपीएम और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि नोटो का चलन बंद होना अचानक से चुनाव का बड़ा मुद्दा बन गया है. उन्होंने बताया कि लोग सरकार के इस निर्णय से हताश हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि लोगों के लिए यह चुनाव एक कड़ी परीक्षा है काले धन को सामने लाने के लिए लोग बीजेपी के इस प्रकार का निर्भीक निर्णय लेने का समर्थन करेंगे.
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