मणिपुर विधानसभा
ठाकुर विश्वजीत सिंह को बीजेपी ने थोंगजू विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. पिछले विधानसभा चुनावों में उन्होंने इसी सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार बिजोए कोएजम को हराया था. इस क्षेत्र में कुल 28258 मतदाता हैं जिनमें से 13546 पुरुष और 14712 महिला मतदाता है.
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव होना है. चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. थोंगजू विधानसभा सीट पर पहले चरण में ही चुनाव है.
मणिपुर विधानसभा की 38 सीटों पर चार मार्च को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए कुल 168 उम्मीदवार मैदान में हैं. भारतीय जनता पार्टी ने सभी 38 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस के 37 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. साथ ही 14 निर्दलीय उम्मीदवार विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
बीजेपी की कोशिश है कि वो कांग्रेस के खिलाफ पैदा हुए एंटी इंकंबेंसी का फायदा उठाए. मणिपुर में कुल 60 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें घाटी में हैं. जबकि पहाड़ पर विधानसभा की 20 सीटें हैं. बीजेपी भ्रष्टाचार मुक्त और सुशासन के वादे के साथ इस बार मणिपुर में एक पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा कर रही हैं.
प्रदेश की राजनीति में हमेशा मेतई समुदाय का ही दबदबा रहा है. मणिपुर की क़रीब 31 लाख जनसंख्या में 63 प्रतिशत मेतई है. मुख्यमंत्री इबोबी सिंह भी मेतई समुदाय से हैं.
बीजेपी यह कहती रही है कि कांग्रेस ने पहाड़ी क्षेत्र के विकास के लिए कोई काम नहीं किया.
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव होना है. चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. थोंगजू विधानसभा सीट पर पहले चरण में ही चुनाव है.
मणिपुर विधानसभा की 38 सीटों पर चार मार्च को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए कुल 168 उम्मीदवार मैदान में हैं. भारतीय जनता पार्टी ने सभी 38 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस के 37 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. साथ ही 14 निर्दलीय उम्मीदवार विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
बीजेपी की कोशिश है कि वो कांग्रेस के खिलाफ पैदा हुए एंटी इंकंबेंसी का फायदा उठाए. मणिपुर में कुल 60 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें घाटी में हैं. जबकि पहाड़ पर विधानसभा की 20 सीटें हैं. बीजेपी भ्रष्टाचार मुक्त और सुशासन के वादे के साथ इस बार मणिपुर में एक पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा कर रही हैं.
प्रदेश की राजनीति में हमेशा मेतई समुदाय का ही दबदबा रहा है. मणिपुर की क़रीब 31 लाख जनसंख्या में 63 प्रतिशत मेतई है. मुख्यमंत्री इबोबी सिंह भी मेतई समुदाय से हैं.
बीजेपी यह कहती रही है कि कांग्रेस ने पहाड़ी क्षेत्र के विकास के लिए कोई काम नहीं किया.
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