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Manipur Candidate 2017

'Manipur Candidate 2017' - 8 News Result(s)
  • मणिपुर चुनाव: बीजेपी के लिए कितने फायदेमंद साबित होंगे राधाबिनोद कोइजाम

    मणिपुर चुनाव: बीजेपी के लिए कितने फायदेमंद साबित होंगे राधाबिनोद कोइजाम

    मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री राधाबिनोद कोईजाम इन विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पाले में हैं. सितंबर, 2015 में बीजेपी ज्वॉइन करने से पहले वह अन्य कई पार्टियों में रह चुके हैं. वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष भी रहे. 2007 में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर थंगमेबंद हिजम लेखई विधानसभा सीट से चुनाव जीता. 15 फरवरी, 2001 को उन्होंने मणिपुर के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. हालांकि उनकी सरकार बहुत छोटी अवधि (1 जून, 2001) के लिए रही. पीपुल्स डेमोक्रेटिक एलायंस की गठबंधन सरकार उसी वर्ष गिर गई. 

  • इस बार बीजेपी से चुनावी मैदान में हैं दिग्गज नेता ज्वॉय सिंह

    इस बार बीजेपी से चुनावी मैदान में हैं दिग्गज नेता ज्वॉय सिंह

    कई पार्टियों के टिकट पर कई मर्तबा लंगथाबल विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके ओकराम ज्वॉय सिंह (ओ. ज्वॉय सिंह) इस बार बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं. मणिपुर की सियासत में ओ. ज्वॉय सिंह विपक्ष में रहकर भी अहम भूमिका निभाते आए हैं. उनका ऊंचा राजनीतिक कद और लंबा-चौड़ा अनुभव बीजेपी के काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.  इस बार लंगथाबल विधानसभा सीट से ज्वॉय सिंह का मुकाबला कांग्रेस नेता एल. तिलोतमा देवी और मणिपुर नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एमएनडीएफ) के एम दिनेश से होगा.

  • मणिपुर: आसान नहीं होगा सुसिंद्रो मेती के लिए चुनाव जीतना

    मणिपुर: आसान नहीं होगा सुसिंद्रो मेती के लिए चुनाव जीतना

    बीजेपी ने मणिपुर विधानसभा चुनाव की खुरई सीट से इस बार भी एल सुसिंद्रो मेती पर भरोसा जताया है और उन्हें इसी सीट से टिकट दिया है. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस एन. बिजॉय सिंह ने 5089 मतों के अंतर से हरा दिया था. इस बार भी मेती के सामने बिजॉय सिंह ही हैं. पिछले कुछ समय में इस सीट से बीजेपी ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है, इसलिए इस बार मुकाबला कड़ा होगा. 

  • सूरजकुमार: क्या मां के त्याग की लाज रख पाएंगे मुख्यमंत्री के पुत्र?

    सूरजकुमार: क्या मां के त्याग की लाज रख पाएंगे मुख्यमंत्री के पुत्र?

    इस बार मणिपुर विधानसभा की खंगाबोक सीट के नतीजों पर सबकी नजरें होंगी. खंगाबोक सीट से मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के 29 वर्षीय पुत्र सूरजकुमार ओकराम अपनी मां ओकराम लंधोनी की जगह चुनाव लड़ रहे हैं. खंगाबोक सीट से लगातार दो बार से विधायक लंधोनी ने अपने बेटे के लिए यह सीट छोड़ी है.  कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे सूरजकुमार इस चुनाव के साथ ही अपनी सियासी पारी शुरू करने जा रहे हैं. वह अबकी बार मणिपुर के चुनाव में सबसे युवा प्रत्‍याशी भी हैं. गौरतलब है कि पूर्वोत्‍तर के इस राज्‍य में मुख्‍यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्‍व में कांग्रेस लगातार चौथी बार सत्‍ता में आने के लिए मैदान में है. 

  • ठाकुर विश्वजीत सिंह: क्या बीजेपी की उम्मीदों पर उतरेंगे खरे

    ठाकुर विश्वजीत सिंह: क्या बीजेपी की उम्मीदों पर उतरेंगे खरे

    ठाकुर विश्वजीत सिंह को बीजेपी ने थोंगजू विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. पिछले विधानसभा चुनावों में उन्होंने इसी सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार बिजोए कोएजम को हराया था. इस क्षेत्र में कुल  28258 मतदाता हैं जिनमें से 13546 पुरुष और 14712 महिला मतदाता है. 

  • नोंगथोमबम बिरेन सिंह: इस बार बीजेपी के टिकट पर इबोबी सिंह को जवाब देने के लिए तैयार

    नोंगथोमबम बिरेन सिंह: इस बार बीजेपी के टिकट पर इबोबी सिंह को जवाब देने के लिए तैयार

    नोंगथोमबम बिरेन सिंह के लिए यह मणिपुर विधानसभा चुनाव इसलिए अहम है क्योंकि इस बार वह कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल से पत्रकार और पत्रकार से राजनेता बने बिरेन सिंह को बीजेपी ने हेनगेंग विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े में उतारा है. 

  • ओकराम इबोबी सिंह: इस बार मिलेगी कड़ी चुनौती

    ओकराम इबोबी सिंह: इस बार मिलेगी कड़ी चुनौती

    मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के लिए इस बार अपनी सीट जितना आसान नहीं होगा. कांग्रेस के टिकट पर थउबल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे इबोबी सिंह के खिलाफ इस बार सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला खड़ी हो रही हैं. सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए- अफस्पा) के खिलाफ 16 वर्ष तक भूख हड़ताल पर रहीं शर्मिला को इबोबी सिंह का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी समझा जा रहा है. भाजपा ने इस सीट से एल बशंता सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. 

  • इरोम शर्मिला: क्या ओकराम इबोबी सिंह को दे पाएंगी मात?

    इरोम शर्मिला: क्या ओकराम इबोबी सिंह को दे पाएंगी मात?

    इस बार थउबल विधानसभा सीट का चुनाव बेहद दिलचस्प होगा. वजह है यहां से इरोम शर्मिला का खड़ा होना. सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने थउबल विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल किया है. पहली बार चुनाव लड़ रहीं शर्मिला ने पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस एलाइंस (पीआरजेए- (Peoples’ Resurgence and Justice Alliance)) की ओर से नामांकन पत्र दाखिल किया है. नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए इरोम ने अपने समर्थकों के साथ साइकिल पर इंफाल से 20 किलोमीटर की दूरी तय की और थाउबल पहुंचीं.

'Manipur Candidate 2017' - 8 News Result(s)
  • मणिपुर चुनाव: बीजेपी के लिए कितने फायदेमंद साबित होंगे राधाबिनोद कोइजाम

    मणिपुर चुनाव: बीजेपी के लिए कितने फायदेमंद साबित होंगे राधाबिनोद कोइजाम

    मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री राधाबिनोद कोईजाम इन विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पाले में हैं. सितंबर, 2015 में बीजेपी ज्वॉइन करने से पहले वह अन्य कई पार्टियों में रह चुके हैं. वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष भी रहे. 2007 में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर थंगमेबंद हिजम लेखई विधानसभा सीट से चुनाव जीता. 15 फरवरी, 2001 को उन्होंने मणिपुर के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. हालांकि उनकी सरकार बहुत छोटी अवधि (1 जून, 2001) के लिए रही. पीपुल्स डेमोक्रेटिक एलायंस की गठबंधन सरकार उसी वर्ष गिर गई. 

  • इस बार बीजेपी से चुनावी मैदान में हैं दिग्गज नेता ज्वॉय सिंह

    इस बार बीजेपी से चुनावी मैदान में हैं दिग्गज नेता ज्वॉय सिंह

    कई पार्टियों के टिकट पर कई मर्तबा लंगथाबल विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके ओकराम ज्वॉय सिंह (ओ. ज्वॉय सिंह) इस बार बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं. मणिपुर की सियासत में ओ. ज्वॉय सिंह विपक्ष में रहकर भी अहम भूमिका निभाते आए हैं. उनका ऊंचा राजनीतिक कद और लंबा-चौड़ा अनुभव बीजेपी के काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.  इस बार लंगथाबल विधानसभा सीट से ज्वॉय सिंह का मुकाबला कांग्रेस नेता एल. तिलोतमा देवी और मणिपुर नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एमएनडीएफ) के एम दिनेश से होगा.

  • मणिपुर: आसान नहीं होगा सुसिंद्रो मेती के लिए चुनाव जीतना

    मणिपुर: आसान नहीं होगा सुसिंद्रो मेती के लिए चुनाव जीतना

    बीजेपी ने मणिपुर विधानसभा चुनाव की खुरई सीट से इस बार भी एल सुसिंद्रो मेती पर भरोसा जताया है और उन्हें इसी सीट से टिकट दिया है. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस एन. बिजॉय सिंह ने 5089 मतों के अंतर से हरा दिया था. इस बार भी मेती के सामने बिजॉय सिंह ही हैं. पिछले कुछ समय में इस सीट से बीजेपी ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है, इसलिए इस बार मुकाबला कड़ा होगा. 

  • सूरजकुमार: क्या मां के त्याग की लाज रख पाएंगे मुख्यमंत्री के पुत्र?

    सूरजकुमार: क्या मां के त्याग की लाज रख पाएंगे मुख्यमंत्री के पुत्र?

    इस बार मणिपुर विधानसभा की खंगाबोक सीट के नतीजों पर सबकी नजरें होंगी. खंगाबोक सीट से मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के 29 वर्षीय पुत्र सूरजकुमार ओकराम अपनी मां ओकराम लंधोनी की जगह चुनाव लड़ रहे हैं. खंगाबोक सीट से लगातार दो बार से विधायक लंधोनी ने अपने बेटे के लिए यह सीट छोड़ी है.  कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे सूरजकुमार इस चुनाव के साथ ही अपनी सियासी पारी शुरू करने जा रहे हैं. वह अबकी बार मणिपुर के चुनाव में सबसे युवा प्रत्‍याशी भी हैं. गौरतलब है कि पूर्वोत्‍तर के इस राज्‍य में मुख्‍यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्‍व में कांग्रेस लगातार चौथी बार सत्‍ता में आने के लिए मैदान में है. 

  • ठाकुर विश्वजीत सिंह: क्या बीजेपी की उम्मीदों पर उतरेंगे खरे

    ठाकुर विश्वजीत सिंह: क्या बीजेपी की उम्मीदों पर उतरेंगे खरे

    ठाकुर विश्वजीत सिंह को बीजेपी ने थोंगजू विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. पिछले विधानसभा चुनावों में उन्होंने इसी सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार बिजोए कोएजम को हराया था. इस क्षेत्र में कुल  28258 मतदाता हैं जिनमें से 13546 पुरुष और 14712 महिला मतदाता है. 

  • नोंगथोमबम बिरेन सिंह: इस बार बीजेपी के टिकट पर इबोबी सिंह को जवाब देने के लिए तैयार

    नोंगथोमबम बिरेन सिंह: इस बार बीजेपी के टिकट पर इबोबी सिंह को जवाब देने के लिए तैयार

    नोंगथोमबम बिरेन सिंह के लिए यह मणिपुर विधानसभा चुनाव इसलिए अहम है क्योंकि इस बार वह कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल से पत्रकार और पत्रकार से राजनेता बने बिरेन सिंह को बीजेपी ने हेनगेंग विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े में उतारा है. 

  • ओकराम इबोबी सिंह: इस बार मिलेगी कड़ी चुनौती

    ओकराम इबोबी सिंह: इस बार मिलेगी कड़ी चुनौती

    मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के लिए इस बार अपनी सीट जितना आसान नहीं होगा. कांग्रेस के टिकट पर थउबल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे इबोबी सिंह के खिलाफ इस बार सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला खड़ी हो रही हैं. सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए- अफस्पा) के खिलाफ 16 वर्ष तक भूख हड़ताल पर रहीं शर्मिला को इबोबी सिंह का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी समझा जा रहा है. भाजपा ने इस सीट से एल बशंता सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. 

  • इरोम शर्मिला: क्या ओकराम इबोबी सिंह को दे पाएंगी मात?

    इरोम शर्मिला: क्या ओकराम इबोबी सिंह को दे पाएंगी मात?

    इस बार थउबल विधानसभा सीट का चुनाव बेहद दिलचस्प होगा. वजह है यहां से इरोम शर्मिला का खड़ा होना. सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने थउबल विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल किया है. पहली बार चुनाव लड़ रहीं शर्मिला ने पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस एलाइंस (पीआरजेए- (Peoples’ Resurgence and Justice Alliance)) की ओर से नामांकन पत्र दाखिल किया है. नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए इरोम ने अपने समर्थकों के साथ साइकिल पर इंफाल से 20 किलोमीटर की दूरी तय की और थाउबल पहुंचीं.