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This Article is From Sep 28, 2016

बिहार में 559 थानों में महिला पुलिसकर्मियों के लिए टॉयलेट बनाए गए

बिहार में 559 थानों में महिला पुलिसकर्मियों के लिए टॉयलेट बनाए गए
प्रतीकात्मक चित्र
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि प्रदेश के 559 थानों में महिला पुलिसकर्मियों के लिए शौचालय का निर्माण किया गया है और अब मात्र आठ थानों में भूमि विवाद के कारण इसका निर्माण नहीं हो पाया है. वहां बाजार में उपलब्ध मॉड्यूलर शौचालय लगाये जाएंगे.

मुख्यमंत्री पुलिस मुख्यालय द्वारा संचालित आधुनिक पुलिस नियंत्रण कक्ष (हेल्प लाइन) का उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि महिलाओं को पुलिस सेवा में 35 प्रतिशत का आरक्षण पहले से ही दे दिया गया था. उन्होंने कहा कि सात निश्चय के द्वारा महिलाओं को बाकी सभी सरकारी सेवाओं में 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया.

नीतीश ने कहा कि आज काफी संख्या में पुलिस बल में महिलायें आ गयी हैं. उनकी पोस्टिंग विभिन्न थानों में की जा रही है. थाना में महिलाओं के लिये आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पड़ेगी. इसलिये सभी थानों में महिलाओं के लिये शौचालय बनाने की योजना बनायी गयी.

उन्होंने कहा कि पुलिस थाना में शौचालय निर्माण योजना सात निश्चय से पहले ही बनायी जा चुकी थी. भूमि उपलब्धता के अनुसार शौचालय के सात मॉडल उपलब्ध कराए गए थे. आज 559 थानों में यह काम हो गया है, आठ थाना बच गये हैं, जहां भूमि विवाद था. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बचे हुये आठ थानों में बाजार में उपलब्ध मॉडयूलर शौचालय लगा देंगे. उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा काम हुआ है. आज पहले से पुलिस थानों की हालत बदली है. थानों को कार्य करने के लिये राशि दी गयी है. आज के दौर में पुलिस विभाग का विस्तार हो रहा है. ज्यादा से ज्यादा आधारभूत ढांचे की मांग बढ़ी है.

पटना के गांधी मैदान थाने के बारे में उन्होंने कहा कि लिफ्ट की व्यवस्था वाला यह देश में पहला थाना भवन है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में गृह विभाग के समीक्षा के दौरान एक महत्वपूर्ण बात जो आयी थी, वह भी पुलिस नियंत्रण कक्ष या हेल्प लाइन की. बिहार के किसी कोने से कोई भी व्यक्ति क्राइम पुलिस के व्यवहार एवं अन्य से संबंधित जो भी शिकायत हो उसे दर्ज करा सके, इसके लिये एकत्रित नियंत्रण कक्ष हेल्प लाइन की आवश्यकता थी, इसे देखते हुये पुलिस नियंत्रण कक्ष (हेल्प लाइन) की स्थापना की गयी है. उन्होंने कहा कि आधुनिक तंत्र से संचालित नियंत्रण कक्ष सीधा पुलिस महानिदेशक के नीचे होगा. नियंत्रण कक्ष में शिकायतकर्ता के साथ की जा रही सभी वार्तालाप रिकॉर्डेड होगी. साथ ही प्राप्त शिकायत पर संबंधित पुलिस अधीक्षक एवं थाना को कार्रवाई के लिये संदेश भी वहीं से जायेगा.

नियंत्रण कक्ष में आठ घंटों के पाली में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति होगी. सभी को प्रशिक्षण दिया जायेगा. नीतीश ने कहा कि नियंत्रण कक्ष के लिये दो ई-मेल आइडी है. दो मोबाइल नंबर एसएमएस के लिये हैं, साथ-साथ एक लैंडलाइन नंबर की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि नियंत्रण कक्ष में आने वाली शिकायतों की संख्या के अनुसार इसे बढ़ाया जायेगा. यह अपने आप में एक अभिनव प्रयोग है. लोगों को इससे लाभ मिलेगा, काफी सहुलियत होगी. पुलिस कार्य प्रणाली में बेहतरी आयेगी साथ ही साथ पूर्ण पारदर्शिता आयेगी.

नीतीश कहा कि आधुनिक पुलिस नियंत्रण कक्ष विकसित करने की कोशिश की गयी है, इसके सही संचालन एवं कार्यान्वयन से लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास एवं भरोसा बढ़ जायेगा. यहां पर हर चीज रिकॉर्डेड रहेगा, यह एक बहुत बड़े कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है. उन्होंने कहा कि यह एक बहुआयामी कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि गवर्नेंस के दृष्टिकोण से कानून के राज को पुख्ता करने के लिये यह काम किया जा रहा है. बिहार इस मामले में उदाहरण बन सकता है. नीतीश ने कहा, ‘कुछ लोग बिहार का मजाक उड़ाने की कसम खा चुके हैं. मैं काम से हर चीज का जवाब देता हूं.’ उन्होंने कहा कि कानून सबके लिये है, इससे लोगों का भरोसा बढ़ेगा. हमारे सुशासन का मूल बिन्दू है ‘कानून का राज’.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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