
Who is Nishant Dev: पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) में 23 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज निशांत देव (Nishant Dev) पुरुषों की 71 किग्रा मुक्केबाजी स्पर्धा में देश के लिए पदक लाने वाले संभावित एथलीटों में से एक बनकर उबरे हैं. देव क्वार्टर फाइनल में मैक्सिको के मार्को वर्डे से भिड़ेंगे और पेरिस 2024 खेलों में पदक हासिल करने से केवल एक जीत दूर हैं.
कौन हैं निशांत देव?
23 दिसंबर, 2000 को हरियाणा के करनाल में जन्मे, एक युवा भारतीय मुक्केबाज हैं, जो पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुषों की मुक्केबाजी स्पर्धा में 71 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा ओपीएस विद्या मंदिर से की और कौल में बाबू अनंत राम जनता से कॉलेज की पढ़ाई की. मुक्केबाजी में उतरने से पहले, वह एक राष्ट्रीय स्केटर थे. निशांत ने अपने चाचा को देखकर प्रेरणा पाकर वर्ष 2012 में मुक्केबाजी शुरू की, जो एक पेशेवर मुक्केबाज भी थे. वह कोच सुरेंदर चौहान के तहत करनाल के करण स्टेडियम में प्रशिक्षण लेते थे. निशांत के पिता उनको अपने साथ ट्रेनिंग के लिए जाते थे और सुनिश्चित करते थे कि उन्हें अच्छी तरह से ट्रेन किया जाए, उन्हें सुबह 4 बजे जगाते थे और शाम को भी अभ्यास के लिए ले जाते थे. बाद में, उन्होंने कर्नाटक के विजयनगर में इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (ISS) में प्रशिक्षण लिया.
निशांत देव का शुरुआती करियर
19 साल की उम्र में, उन्होंने साल 2019 में बद्दी में अपनी पहली सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन क्वार्टर फाइनल में हार गए. हालांकि उन्होंने भारतीय मुक्केबाजी के तत्कालीन उच्च प्रदर्शन निदेशक सैंटियागो नीवा को प्रभावित किया, जो उन्हें भारतीय शिविर में ले गए, जहां उन्होंने देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षण लिया. साल 2021 में, उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता, जिसने उन्हें विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने कभी भी इंटरनेशनल स्तर पर जूनियर या युवा स्तर पर प्रतिस्पर्धा नहीं की है.
इंटरनेशनल करियर की शुरुआत
साल 2021 में एलीट वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप उनका पहला इंटरनेशनल टूर्नामेंट था, जहां वे क्वार्टर फ़ाइनल में बाहर हो गए, लेकिन उन्होंने अपनी निडर मुक्केबाजी से सभी को प्रभावित किया, उन्होंने पहले दौर में हंगरी के नौ बार के राष्ट्रीय चैंपियन लास्ज़लो कोज़ाक को और दूसरे दौर में मॉरीशस के दो बार के ओलंपियन मर्वेन क्लेयर को हराया. उन्होंने मैक्सिको के मार्को अल्वारेज़ वर्डे को भी हराया, जिनसे उनका सामना पेरिस 2024 ओलंपिक के क्वार्टर फ़ाइनल इवेंट में 71 किग्रा वर्ग में फिर से होगा.
निशांत देव ने चोट के बाद की वापसी की
निशांत का दाहिना कंधा 2010 में 10 साल की उम्र में सीढ़ियों से गिरने के कारण उखड़ गया था, साल 2022 की शुरुआत में उनकी पुरानी चोट फिर से उभर आई, क्योंकि 12 साल पहले उनके कंधे में रॉड लगाई गई थी, जिससे उनका बोन मैरो संक्रमित हो गया, इस चोट के पहले लक्षण दिखने के बावजूद उन्होंने टूर्नामेंट में भाग लेना जारी रखा था. निशांत ने एक इंटरव्यू में कहा था, "2021 में मैंने उस साल नेशनल्स में जीत हासिल की और वर्ल्ड चैंपियनशिप से भी लौटा, लेकिन 2022 में, जब मैं एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रेनिंग कर रहा था, तो दर्द फिर से उभर आया.. मैं दिन में लगभग पांच से छह दर्द निवारक दवाएं ले रहा था, हर कुछ घंटों में गर्म सेंक दे रहा था, लेकिन कुछ भी नहीं बदला."
मार्च 2022 में उनकी सर्जरी हुई और वे साल के अधिकांश समय रिहैब में रहे, जिसके कारण उन्हें उस साल कॉमनवेल्थ गेम्स भी मिस करना पड़ा. सीमित प्रशिक्षण के बावजूद, उन्होंने जनवरी 2023 में हिसार में राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना खिताब बरकरार रखने के लिए मजबूती से वापसी की, अपनी वापसी पर निशांत ने कहा, "मैं चोट के कारण कई टूर्नामेंट हार गया, लेकिन मुझे विश्वास था कि मैं यह कर सकता हूं, क्योंकि मेरे मुक्केबाजी कौशल और मानसिकता अलग हैं। मेरे परिवार ने मुझे प्रेरित किया और मुझे सकारात्मक रखा. जब मैंने छह महीने तक IIS (इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट) में पुनर्वास किया, तो मैंने अपने कंधे पर काम किया. इससे मेरी ताकत में सुधार हुआ.
निशांत देव ने विश्व चैंपियनशिप 2023 में कांस्य पदक जीता
मई 2023 में ताशकंद में IBA पुरुष विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में, निशांत ने कांस्य पदक जीता, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका पहला पदक था. निशांत मार्च 2024 में इटली के बस्टो अर्सिज़ियो में पहले विश्व मुक्केबाजी क्वालीफायर के दौरान पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए कोटा हासिल करने के करीब पहुँच गए थे, लेकिन क्वार्टर फाइनल में वह यूएसए के ओमारी जोन्स से 1-4 से हार गए.
निशांत देव - पेरिस ओलंपिक तक का सफर
निशांत मार्च 2024 में इटली के बुस्टो अर्सिज़ियो में पहले विश्व मुक्केबाजी क्वालीफायर के दौरान पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए कोटा हासिल करने के करीब पहुंच गए थे, लेकिन क्वार्टर फाइनल में वह यूएसए के ओमारी जोन्स से 1-4 से हार गए. इससे वह ओलंपिक खेलों में अपनी जगह पक्की करने से चूक गए, हालांकि, तीन महीने बाद उन्हें पेरिस में विश्व प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपनी जगह पक्की करने का एक और मौका मिला. मई 2024 में थाईलैंड के बैंकॉक में दूसरे मुक्केबाजी क्वालीफायर के दौरान, जहां उन्होंने चार मुकाबले जीते, जिससे उन्हें जुलाई 2024 में ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने में मदद मिली. वह पेरिस खेलों में जगह पक्की करने वाले पहले पुरुष भारतीय मुक्केबाज थे.
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