वह अक्टूबर 2002 की बात है जब जम्मू कश्मीर के चौकीबल के अशांत इलाके में एक अप्रत्याशित विस्फोट ने हवलदार होकाटो होतोज़े सेमा का स्पेशल फोर्स में शामिल होने का सपना तोड़ दिया. आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान हुए बारूदी सुरंग विस्फोट के कारण उन्होंने अपने बाएं पैर के घुटने के नीचे का हिस्सा गंवा दिया, जिससे उन्हें अत्यधिक शारीरिक दर्द और मानसिक आघात पहुंचा. लोगों को लगा कि सेमा की दुनिया अंधकारमय हो गई, लेकिन इस जवान ने हिम्मत नहीं हारी. इसी का परिणाम है कि 40 वर्षीय सेमा ने पेरिस पैरालंपिक खेलों के गोला फेंक ( शॉट पुट) में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ 14.65 मीटर थ्रो करके पुरुषों की एफ57 श्रेणी में कांस्य पदक हासिल किया.
Nagaland's PowerRanger Hokato Hotozhe Sema makes India proud and Nagaland shine at the Paralympic Games 2024!
— Naga Hills (@Hillsnaga) September 7, 2024
He has made history as the first Paralympic athlete and medalist from Nagaland. (1/2)@narendramodi @abumetha @Neiphiu_Rio @MyGovNagaland @SPhangnon @AlongImna pic.twitter.com/p4FBqEWOQn
यह श्रेणी उन खिलाड़ियों के लिए है जिनका कोई अंग नहीं होता है या जिनकी मांसपेशियां कमजोर होती हैं. भारतीय खिलाड़ी सेमा ने खुद को इस श्रेणी के लिए तैयार किया. पुणे स्थित कृत्रिम अंग केंद्र मे सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने सेमा की फिटनेस को देखकर उन्हें शॉट पुट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया. इस तरह से उन्होंने 2016 में 32 साल की उम्र में इस खेल को अपनाया था.
सेमा ने उसी वर्ष राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया. उन्होंने 2022 में मोरक्को ग्रां प्री में रजत और हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक जीता. वह 2024 में विश्व चैंपियनशिप में मामूली अंतर से पदक से चूक गए और चौथे स्थान पर रहे। लेकिन सेमा का निश्चय कभी नहीं डिगा.
Hokato Hotozhe Sema has delivered an extraordinary performance in the Men's Shot Put F57 at #Paralympics2024, achieving a remarkable Bronze Medal!
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 6, 2024
Hailing from Nagaland, his unwavering spirit & determination continue to elevate the pride of our nation. A true celebration of… pic.twitter.com/Xwm9mKeR1Q
पैरालंपिक खेलों में सेमा ने अपने चौथे प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो करके कांस्य पदक जीता. ईरान के दो बार के पैरा विश्व चैंपियन यासीन खोसरावी ने 15.96 मीटर के पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया.जबकि ब्राजील के थियागो डॉस सैंटोस ने रजत पदक (15.06 मीटर) जीता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमा की अविश्वसनीय ताकत और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए उनकी जीत को देश के लिए गर्व का क्षण बताया. मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘‘हमारे देश के लिए यह गर्व का क्षण है. होकाटो होतोज़े सेमा ने पुरुषों के शॉट पुट एफ57 में कांस्य पदक जीता है. उनकी अविश्वसनीय ताकत और दृढ़ संकल्प असाधारण हैं. उन्हें बधाई और भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं.''
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