
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा का कांस्य पदक अपने नाम करके इतिहास रच दिया है. मनु पहली भारतीय निशाबेबाज हैं, जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता है. मनु का यह पदक, 12 साल बाद भारत का ओलंपिक में निशानेबाजी में पदक है. मनु ने इस ऐतिहासिक कारनामें के बाद एनडीटीवी के स्पोर्ट्स एडिटर विमल मोहन से खास बातचीत की है. बता दें, यह पेरिस ओलंपिक का भारत का पहला पदक है. वहीं मनु अभी दो स्पर्धाओं में और हिस्सा लेंगी और देश को उनसे उम्मीद होगी कि वो दोनों ही स्पर्धाओं में पदक जीतें.
'और भी मेडल्स देखने को मिलें'
मनु ने टोक्यो ओलंपिक में भी शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन फाइनल में उनकी राइफल खराब हो गई थी, जिसके चलते वो उस दौरान मेडल से चूक गईं थी. 22 साल की मनु ने पेरिस की सफलता के बाद कहा,"मैं बहुत...मतलब मेरे अंदर इतना उत्साह है इस चीज को लेकर कि पहला कंपटीशन जो शूटिंग के लिए रहा है, वो इतना अच्छा रहा है, तो मैं आशा करती हूं कि आगे और भी मेडल्स हमको देखने को मिले...भारत के लिए बहुत सारे मेडल्स शूटर्स जीते और बाकी इवेंट्स में भी हमारे देश के लिए बहुत सारे मेडल्स आए."
मनु ने आगे कहा,"मेरे लिए यह जर्नी काफी अच्छी रही है...मुझे खुशी है कि मैंने कभी जब भी थोड़ा ऐसे मुश्किल समय था उस समय मैंने हार नहीं मानी, उस समय भी मैं मेहनत करती रही, करती रही, सो उसका ही रिजल्ट है ये. हम सबका ही मेडल है."
कोच को लेकर कही ये बात
मनु ने लगातार अपनी फॉर्म को बनाए रखा है. बीते कुछ समय से मनु लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं. इस इवेंट के क्वालीफिकेशन राउंड में मनु ने 27 बुल्स आई हिट किए थे. अपनी फॉर्म को लेकर मनु ने कहा,"वो दरअसल काम मेरे कोच का है...जसपाल सर का है... पीक कब करना है कब कैसा करना है वो सब बोर्ड डिसाइड करते हैं और उसी तरीके से फिर ट्रेनिंग को चेंज किया जाता है, मॉडिफाई किया जाता है, तो ट्रायल्स का दौर भी मेरे लिए काफी अच्छा रहा था टच वुड और आज क्वालिफिकेशन और फिर फाइनल दोनों ही बहुत अच्छे रहे, बेहतरीन रहे."

लॉस एंजलिस में पोडियम फिनिश पर निगांहे..
वहीं अपने माता-पिता के इमनोशन होने को लेकर मनु भाकर ने कहा,"मतलब थोड़े इमोशनल है मम्मी पापा दोनों, पर मैं शायद गिव अप नहीं करती और मैं इसके बाद भी गिव अप नहीं करूंगी, मेडल हो चाहे नहीं हो, मैं जितना अपनी तरफ से कर सकती हूं उतना तो मैं डेफिनेटली करूंगी और अगर मैं इंडिया में जीत सकती हूं तो मैं यहां पर भी जीत सकती हूं... तो चाहे मेडल नहीं भी आता तो भी मैं बिल्कुल गिव अप नहीं करती और मैं अगले आप मुझे लॉस एंजलिस में प्रोबेबली पोडियम पे देखते क्या बात है तो मेरे लिए ऐसा नहीं है..."
यूपीएससी का सपना
वहीं मंजु की माता अक्सर कहती हैं को शायद यूपीएससी की परीक्षा भी दे. इसको लेकर मनु ने कहा,"मैं वास्तव में, सब चीजें एंजॉय करती हूं...तो मैंने सोचा था कि मतलब इसके बाद मैं एक यूपीएससी का अटेम्प्ट दे दूंगी, बस मुझे मैं एंजॉय करती हूं सब कुछ सारी चीजें मैं बहुत सारी अलग-अलग चीजें करती हूं...तो मैं सबको एंजॉय करती हूं ऐसा कुछ नहीं लगता मुझे कि यह मुझे नहीं करना चाहिए या फिर यह मेरे बस की नहीं है तो जो जो मन करे बस करते रहो..."

भारत को उम्मीद है कि पेरिस ओलंपिक से वह कम से कम 10 मेडल जीते. ऐसे में दूसरे ही दिन मेडल आ जाने से एक टोन सेट हो चुकी है. मनु भाकर ने इसको लेकर कहा,"मैं वास्तव में बहुत खुश हूं कि यह बहुत अच्छी टोन सेट हुई है शुरुआत बहुत अच्छी रही है तो उम्मीद है कि आगे भी ऐसे ही बरकरार रहेगी...मेरे से या फिर और भी हमारे कितने सारे शूटर्स आए हैं...21 लोगों की टीम है और सारे बहुत ही अच्छे बहुत ही बेहतरीन शूटर्स है हमारे पास... तो मुझे लगता है कि ये सारा बरकरार रहना चाहिए और भगवान करे कि बहुत सारे मेडल्स हमारे शूटर्स, हमारे एथलीट्स जीते और दुआएं रही तो शायद मेरा एक और दो और कुछ मेडल आ जाएंगे..."
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