
Viswanathan anand on Divya Deshmukh: दिव्या देशमुख ने, जॉर्जिया के बातूमि में, FIDE वर्ल्ड कप 2025 का ख़िताब जीतकर कई मायने में इतिहास कायम कर दिया. 19 साल की नागपुर की दिव्या देशमुख अब महिलाओं में भारत की चौथी ग्रैंडमास्टर बन गई हैं. NDTV संवाददाता विमल मोहन से ख़ास बात करते हुए विश्वनाथन आनंद ने कहा कि GM दिव्या में लंबे समय तक डी गुकेश और आर.प्रज्ञानंद की तरह लंबे समय तक टॉप पर बने रहने का दम है. आप डिटेल से जानिए कि भारत के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक विश्वनाथन आनंद ने सवालों के क्या जवाब दिए.

सवाल: FIDE वर्ल्ड कप के फ़ौरन बाद बात करने का बेहद शुक्रिया विशी सर. कमाल का रिज़ल्ट आया है. दिव्या ने आखिरकार ब्लैक मोहरों से खेलते हुए कोनेरू को हराया और चैंपियन बनीं…थोड़ी हैरानी भी हो रही है. लेकिन आपने पहले ही कहा था कि मोमेन्टम दिव्या के साथ है..
विश्वनाथन आनंद: बिल्कुल, मोमेन्टम इस टूर्नामेंट से पहले से ही दिव्या के साथ था. वैसे, मुझे भी लग रहा था कि दूसरा गेम ड्रॉ होने वाला है. लेकिन (कोनेरू) हंपी ने 2-3 बड़ी ग़लतियां कीं और गेम बहुत जल्दी ही ख़त्म हो गया. दिव्या ने अपने नर्व (भावनाओं) को आज बेहतर कंट्रोल में रखा और इसलिए वो चैंपियन बनीं.
सवाल: क्या आपको लगता है कि दिव्या भी प्रज्ञानंद और डी गुकेश की तरह लंबे समय तक टॉप पर बनी रह सकती हैं.?
विश्वनाथन आनंद: बिल्कुल, अच्छी बात ये है कि एक युवा खिलाड़ी चैंपियन बनी हैं. जो काम पहले प्रज्ञानंद और गुकेश ने किया है, वही महिलाओं में दिव्या ने करके दिखाया है. उम्मीद करता हूं कि दिव्या अपनी इस जीत से प्रेरणा लेकर कई और बड़े टूर्नामेंट जीत सकेंगी और टॉप पर बनी रहने के लिए कोशिश करती रहेंगी.
सवाल: टूर्नामेंट में दिव्या ने चीन की 22 साल की ग्रैंडमास्टर झू जिनर के खिलाफ शानदार जीत हासिल की. भारत ने चाइनीज़ वॉल (चीन की दीवार) भी तोड़ा. क्या कह सकते हैं कि भारत ने बैडमिंटन की तरह शतरंज में भी चीन का दबदबा तोड़ दिया है?
विश्वनाथन आनंद: नहीं, महिलाओं में चीन अभी ज़्यादा मज़बूत टीम है. लेकिन इतना ज़रूर है कि इस टूर्नामेंट में कई चीनी खिलाड़ियों को हराकर भारतीय खिलाड़ियों ने अपने मज़बूत होने का अहसास करवा दिया है. अब और भी भारतीय लड़कियां ऐसा कर पाएंगी. अब शतरंज में भारत-चीनी राइवलरी (भारत-चीन के बीच संघर्ष) की कई कहानियां आपको देखने को मिलेंगी.
सवाल: इन सबका भारतीय चेस पर क्या असर पड़ता देख सकते हैं?
विश्वनाथन आनंद: दिव्या भारतीय महिला चेस की शानदार प्रतिनिधि बन सकती हैं. वो चैंपियन बनी हैं. उम्मीद करता हूं कि उनकी कामयाबी बहुत सारी भारतीय लड़कियों के लिए प्रेरणा बनेंगी. चेस की लोकप्रियता यकीनन बढ़ेगी. अब और भी लड़कियां चेस खेलेंगी और ये ‘गोल्डन जेनेरेशन' शतरंज को और आगे ले जाएगा.
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