
प्रतीकात्मक चित्र
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झारखंड में बदहाल हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था का नमूना तब सामने आया
मृतक के परिजनों को अस्पताल ने एंबुलेंस मुहैया कराने से इनकार किया
प्रशासन ने आनन-फानन में दो चिकित्सकों को निलंबित किया
मृतक के परिजनों ने अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया कराने की मांग की, लेकिन इनकार कर दिया गया. इसके बाद मृतक के भाई तथा भाभी दोनों मिलकर हाथों से पकड़कर शव को घर ले गए. इस घटना को देखकर स्थानीय लोगों की आंखों में आंसू आ गए. उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले चिकित्सा सुविधा से इनकार करने के बाद एक महिला को सड़क के किनारे बच्चे को जन्म देना पड़ा था.
दो डॉक्टर निलंबित
उधर, मामला मीडिया में आने के बाद प्रशासन की नींद खुली. आनन-फानन में दो चिकित्सकों को निलंबित किया गया. इस मामले में जांच के आदेश भी दिए गए कि आखिर क्या कारण था कि एंबुलेंस अस्पताल द्वारा नहीं उपलब्ध कराई गई. चतरा जिला प्रशासन ने सरदार हॉस्पिटल के व्यवस्थापक निशांत कुमार और उनके सहायक कृष्णा कुमार को निलंबित कर दिया है.
कई मामले आ चुके हैं सामने
केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा बहुप्रचारित एम्बुलेंस सेवा के बावजूद हाल के दिनों में पात्रों को इसका लाभ नहीं मिलने की घटनाएं सामने आयी हैं. पिछले महीने कौशाम्बी में कथित रूप में एम्बुलेंस नहीं मिलने पर एक व्यक्ति को सात साल की अपनी रिश्तेदार बच्ची का शव साइकिल से ले जाना पड़ा था.
(इनपुट आईएएनएस एजेंसी भी)
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