प्रतीकात्मक तस्वीर
कानपुर:
कानपुर की जिला जेल में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) द्वारा जेल में एचआईवी संक्रमित कैदियों का पता लगाने के लिए चलाए गए अभियान के दौरान एक महिला सहित 14 नए कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाये गये हैं। इन्हें मिला कर जेल में अब एचआईवी पॉजिटिव कैदियों की कुल संख्या 25 हो गई है।
इन सभी 25 एचआईवी पॉजिटिव कैदियों की काउंसलिंग और इलाज शुरू हो गया है।
जिला जेल के अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि जेल में कैदियों में एचआईवी संक्रमण की जांच के लिये हर साल समय समय पर अभियान चलाया जाता है। इस साल भी नाको ने कानपुर सहित सभी जेलों में एचआईवी संक्रमित रोगियों की जांच के लिये 26 फरवरी से 2 मार्च 2016 तक अभियान चलाया गया जिसमें जेल में बंद सभी 2518 कैदियों का परीक्षण किया गया।
उन्होंने बताया कि जांच में पिछले साल एचआईवी पॉजिटिव पाए गए 11 कैदी शामिल नहीं थे। इस बार की जांच में 13 पुरूष और 1 महिला कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाये गये ।
मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर के काउंसलर ने इन एचआईवी संक्रमित कैदियों की काउसंलिग शुरू कर दी। इन कैदियों का इलाज भी शुरू कर दिया गया। इन कैदियों से यह भी कहा गया कि वह अपनी पत्नी और बच्चों की भी एचआईवी जांच कराने को कहें ताकि अगर वह एचआईवी संक्रमित हों तो उनका समय रहते इलाज शुरू हो सके।
जेल अधीक्षक मिश्रा ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव कैदी सजायाफ्ता और विचाराधीन दोनों ही हैं। जेल में आने वाले हर कैदी के स्वास्थ्य की जांच तो की जाती है लेकिन एचआईवी जांच नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि इन कैदियों को अन्य सामान्य कैदियों के साथ ही रखा जा रहा है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इन सभी 25 एचआईवी पॉजिटिव कैदियों की काउंसलिंग और इलाज शुरू हो गया है।
जिला जेल के अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि जेल में कैदियों में एचआईवी संक्रमण की जांच के लिये हर साल समय समय पर अभियान चलाया जाता है। इस साल भी नाको ने कानपुर सहित सभी जेलों में एचआईवी संक्रमित रोगियों की जांच के लिये 26 फरवरी से 2 मार्च 2016 तक अभियान चलाया गया जिसमें जेल में बंद सभी 2518 कैदियों का परीक्षण किया गया।
उन्होंने बताया कि जांच में पिछले साल एचआईवी पॉजिटिव पाए गए 11 कैदी शामिल नहीं थे। इस बार की जांच में 13 पुरूष और 1 महिला कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाये गये ।
मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर के काउंसलर ने इन एचआईवी संक्रमित कैदियों की काउसंलिग शुरू कर दी। इन कैदियों का इलाज भी शुरू कर दिया गया। इन कैदियों से यह भी कहा गया कि वह अपनी पत्नी और बच्चों की भी एचआईवी जांच कराने को कहें ताकि अगर वह एचआईवी संक्रमित हों तो उनका समय रहते इलाज शुरू हो सके।
जेल अधीक्षक मिश्रा ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव कैदी सजायाफ्ता और विचाराधीन दोनों ही हैं। जेल में आने वाले हर कैदी के स्वास्थ्य की जांच तो की जाती है लेकिन एचआईवी जांच नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि इन कैदियों को अन्य सामान्य कैदियों के साथ ही रखा जा रहा है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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