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This Article is From Mar 09, 2018

बिप्लब देव ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की ली शपथ, पीएम मोदी, अमित शाह और आडवाणी सहित कई नेता थे मौजूद

बिप्लब कुमार देब का जन्म 25 नवंबर 1969 को त्रिपुरा में गोमती जिले के राजधर नगर गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता हराधन देब जनसंघ के स्थानीय नेता थे. 

बिप्लब देव ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की ली शपथ, पीएम मोदी, अमित शाह और आडवाणी सहित कई नेता थे मौजूद
बिप्लब देब ने त्रिपुरा के नए सीएम के रूप में ली शपथ
अगरतला: त्रिपुरा में बिप्लब देव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे.  गौरतलब है कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई में प्रदेश में पहली सरकार बनी है. प्रदेश की सत्ता पर करीब ढाई दशक से काबिज वाम दलों के किले को ढहाकर भाजपा ने अपना परचम लहराया है. भाजपा-आईपीएफटी ने 18 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में 59 में से 43 सीटों पर कब्जा जमाया है. प्रदेश के 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है वहीं आईपीएफटी की झोली में आठ सीटें आई हैं.

कौन हैं त्रिपुरा के नए सीएम बिप्लब कुमार देव
बिप्लब कुमार देब का जन्म 25 नवंबर 1969 को त्रिपुरा में गोमती जिले के राजधर नगर गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता हराधन देब जनसंघ के स्थानीय नेता थे.  बिप्लब देब ने त्रिपुरा के उदयपुर कॉलेज से 1999 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए. मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर है कि शुरुआत में उन्होंने जिम इंस्ट्रक्टर का भी काम किया, लेकिन देब ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि वह जिम सिर्फ एक्सरसाइज करने जाते थे. दिल्ली में वह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े और 16 साल तक संघ के कार्यकर्ता बने रहे. उन्होंने संघ के दिग्गज नेताओं गोविंदाचार्य और कृष्णगोपाल शर्मा के संरक्षण में ट्रेनिंग ली. बिप्लब देब की पत्नी नीति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी हैं. बिप्लब देब के दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी है.

वाराणसी में किया था प्रचार 
2014 में बनारस में लोकसभा चुनाव की पीएम मोदी की कैंपेनिंग को मैनेज करने का श्रेय भी बिप्लब देब के नाम जाता है. इसके बाद ही बिप्लब देब त्रिपुरा भेजे गए थे. नॉर्थ-ईस्ट में पीएम मोदी की खासी दिलचस्पी थी. इसलिए साल 2014 में मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद बिप्लब देब को दिल्ली से त्रिपुरा भेजा गया, ताकि बीजेपी वहां अपनी पैठ जमा सके. 

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