शिवराज सिंह चौहान.
भोपाल:
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भोपाल की विशेष अदालत में पेश किए गए आरोप-पत्र में हार्ड डिस्क से किसी तरह की छेड़छाड़ न होने और 'सीएम' शब्द का जिक्र न होने का खुलासा होने को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है. वहीं, चौहान ने कहा है कि वह तो पहले से ही राहत में हैं.
शिवराज ने स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के बाद बुधवार को संवाददाताओं से कहा, "सार्वजनिक जीवन में काम करते हुए अगर कोई किसी पर आरोप लगाए तो उसे तथ्यों के आधार पर लगाए, झूठे आरोपों की चक्की में पीसना कदापि उचित नहीं है. राजनीति के लिए भी यह स्वस्थ्य परंपरा नहीं कही जा सकती."
चौहान से जब सीबीआई के आरोप-पत्र में उनका नाम न होने का सवाल किया गया तो वह बोले, "विपक्ष को अधिकार है आरोप लगाने का, मगर आरापों में तथ्य होना चाहिए, केवल किसी को बदनाम करना है, अगर मैदान में मुकाबला नहीं कर पा रहे तो आरोपों की झड़ी लगा दी, छवि धूमिल करने का प्रयास किया जाए, यह उचित नहीं है. लिहाजा जो सत्य होता है, वही प्रकट होता है."
चौहान ने आगे कहा, "मैं तो पहले से ही राहत में था, कभी परेशानी में इसलिए नहीं रहा, क्योंकि जब कोई चीज थी ही नहीं तो जो सच होगा सामने आएगा."
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर व्यापमं की हार्ड डिस्क से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया था.
वहीं एक अन्य निजी याचिका के साथ पैन ड्राइव भी पेश की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने इंदौर पुलिस द्वारा 2013 में जब्त की गई हार्ड डिस्क की हैदराबाद की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से परीक्षण कराया था, जिसमें पाया गया है कि हार्ड डिस्क से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. वहीं निजी व्यक्ति द्वारा पेश पैन ड्राइव में कई बातें झूठी हैं.
शिवराज ने स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के बाद बुधवार को संवाददाताओं से कहा, "सार्वजनिक जीवन में काम करते हुए अगर कोई किसी पर आरोप लगाए तो उसे तथ्यों के आधार पर लगाए, झूठे आरोपों की चक्की में पीसना कदापि उचित नहीं है. राजनीति के लिए भी यह स्वस्थ्य परंपरा नहीं कही जा सकती."
चौहान से जब सीबीआई के आरोप-पत्र में उनका नाम न होने का सवाल किया गया तो वह बोले, "विपक्ष को अधिकार है आरोप लगाने का, मगर आरापों में तथ्य होना चाहिए, केवल किसी को बदनाम करना है, अगर मैदान में मुकाबला नहीं कर पा रहे तो आरोपों की झड़ी लगा दी, छवि धूमिल करने का प्रयास किया जाए, यह उचित नहीं है. लिहाजा जो सत्य होता है, वही प्रकट होता है."
चौहान ने आगे कहा, "मैं तो पहले से ही राहत में था, कभी परेशानी में इसलिए नहीं रहा, क्योंकि जब कोई चीज थी ही नहीं तो जो सच होगा सामने आएगा."
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर व्यापमं की हार्ड डिस्क से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया था.
वहीं एक अन्य निजी याचिका के साथ पैन ड्राइव भी पेश की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने इंदौर पुलिस द्वारा 2013 में जब्त की गई हार्ड डिस्क की हैदराबाद की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से परीक्षण कराया था, जिसमें पाया गया है कि हार्ड डिस्क से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. वहीं निजी व्यक्ति द्वारा पेश पैन ड्राइव में कई बातें झूठी हैं.
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