कोरोना काल में किसान हर तरफ से परेशान हैं, पांच माह पहले थोक में 100 रुपए प्रतिकिलो बिकने वाला प्याज 2 रुपए से 6 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है. दाम इतने कम हो गए हैं कि किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है, मोल्याखेड़ी के जगदीश पाटीदार ने 10 बीघा में जमीन में प्याज लगाया था, लागत आई 2 लाख पहले तो ओले से फसल खराब हुई जो बची उसमें लॉकडाउन में कीमतें लॉक हो गईं. हमारा प्याज 2 रु किलो बिक रहा है, बीज महंगा मिलता है, सब महंगा हो गया है. सोचा था इसबार अच्छे पैसे मिल जाएंगे लेकिन लागत 8 रु किलो होती है 2 रु में क्या करेंगे. रोडमल मेघवाल छोटे किसान है, 2 बीघा में प्याज की उपज तो अच्छी आई है मगर भाव महज 2 रुपये किलो तक ही मिल पा रहा है, 6 सदस्यों का परिवार, कर्ज और बच्चों की पढ़ाई जैसी जिम्मेदारियों के चलते इन दिनों परेशान हैं क्योंकि खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है.
#प्याज जमीन पर है तो किसी की नज़र नहीं, 100 पार होता तो सुर्खियों में होता.. #किसान तब भी परेशान, आज तो है ही! @KisanSatyagrah @Devinder_Sharma @irvpaswan @nstomar @ChouhanShivraj @INCMP #childlabour #Covid_19india pic.twitter.com/bkgN4scpDI
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 12, 2020
प्याज का गणित कुछ ऐसा है, एक बीघा में प्याज रोपने रोपाई, खाद, डीएपी, कीटनाशक, मजदूरी, मंडी, हम्माली सब जोड़ लें तो लगभग 51,000 का खर्चा आता है.एक बीघे में लगभग 150 कट्टे प्याज उपजता है अगर क़ीमत 5 रु. प्रति किलो भी जोड़ें तो उसे एक बीघे में लगभग 45,000 मिलते हैं, यानी 6000 का सीधा नुकसान. बजरंग तेजरा जैसे किसान चाहते हैं सरकार समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदे, सरकार से गुजारिश करते हैं 8-10 रु समर्थन मूल्य पर खरीदे ताकी घर परिवार चल सके हमारे 5 व्यक्ति का परिवार है बच्चों की फीस नहीं भर पा रहे हैं. सरकार फिलहाल सपने दिखा रही है, वहीं विपक्ष ताने मार रहा है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा पीयूष गोयल से बात की है, निर्यातकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात कर रहे हैं हर जिले का सर्वे करा रहे हैं कि कितना प्याज कहां हुआ, मिर्ची कहां हुई, टमाटर कहां हुई. सरकार का दावा है कि बिचौलिये खत्म कर सीधे किसानों से 4-25 रु. किलो मिलेगा.
नये नवेले कृषिमंत्री @KamalPatelBJP सपने खूब दिखा रहे हैं, ये नहीं बता रहे 15 साल में #प्याज के भंडारण के लिये क्या. किया? @ndtvindia @Devinder_Sharma @KisanSatyagrah #Covid_19india #childlabourday pic.twitter.com/StP52zjZEk
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 12, 2020
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता शहरयार खान कहते हैं आज किसान 2 रुपये में भी मंडी में प्याज का खरीदार नहीं है, गेंहू, प्याज मंडी में खराब हो रहा है. शिवराज सिंह चौहान को राज्य की जनता को बताना चाहिये कि उनकी कथनी करनी में पहली की तरह फर्क नहीं है. एक और तथ्य ये है कि मध्यप्रदेश में प्याज का उत्पादन खपत से तीन गुना ज्यादा होता है, 2003 में 3 लाख मीट्रिक टन तो अब करीब 36 लाख मीट्रिक टन, बावजूद इसके प्याज भंडारण के लिये एक भी गोदाम नहीं बना. फसल सड़ ना जाए इसलिये किसान 2-3 रुपये किलो प्याज बेच रहा है, आप 15-20 रु किलो खरीद रहे हैं. कभी 100-115 भी, प्याज सौ पार करता है तो सुर्खियों बटोरता है, अभी जमीन पर है सो किसी की नजर नहीं.
Video: मध्यप्रदेश में किसानों ने शुरू किया सत्याग्रह
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