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गोटमार मेले में एक व्यक्ति की मौत
इस मेले में 450 लोग घायल हो गए
15 लोग गंभीर रूप से घायल हैं
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इस गोटमार मेले में सात साल बाद किसी व्यक्ति की मौत हुई है. वर्ष 2011 में भी एक व्यक्ति की मौत हुई थी. दोनों अधिकारियों ने बताया कि दोनों गांवों के लोगों के बीच समझौता कर शान्तिपूर्ण तरीके से मेले का समापन हो गया है. इस मेले को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. यह गोटमार खेल सुबह से शाम तक खेला जाता है. विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेले की परंपरा निभाने के पीछे किंवदन्तियां और कहानियां जुड़़ी हैं. किंवदन्ती के अनुसार पांढुर्ना के युवक और सावरगांव की युवती के बीच प्रेम संबंध था. एक दिन प्रेमी युवक ने सांवरगांव पहुंचकर युवती को भगाकर पांढुर्ना लाना चाहा.
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जैसे ही दोनों जाम नदी के बीच पहुंचे तो सांवरगांव के लोगों को खबर लगी. प्रेमी युगल को रोकने के लिए पत्थर बरसाए, जिससे प्रेमी युगल की मौत हो गई. इस किंवदन्ती को गोटमार मेला आयोजन से जोड़ा जाता है.
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