मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा जिले में एक रोचक मामला सामने आया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शासनकाल में एक पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल (Rajendra Shukla) के आश्वासन पर विस्थापितों ने एकीकृत आवास और मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आईएचएसडीपी) के तहत बनाए गए मकान पर कब्जा कर लिया, लेकिन मार्जिन मनी जमा नहीं करवाया. अब नगर निगम ने पूर्व मंत्री शुक्ल को चार करोड़ 94 लाख रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया है. नगर निगम के आयुक्त सभाजीत यादव द्वारा गुरुवार को पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक राजेंद्र शुक्ल को जारी नोटिस में कहा गया है, 'वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान रानी तालाब और चूना भट्ठा के विस्थापितों के लिए मुफ्त में आवास उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था.
इस बाबत पंपलेट भी बांटे गए थे, इसलिए ये विस्थापित रतहरा और रतहरी के 248 ईडब्ल्यूएस मकानों में रहने लगे.' नोटिस में आगे कहा गया है, 'आवास पाने वालों को मार्जिन मनी के तौर पर 15 हजार रुपये प्रति मकान जमा करना था. साथ ही शेष राशि बैंक के ऋण के जरिए जमा होनी थी. मार्जिन मनी की राशि भी आवास में निवास करने वाले परिवारों ने जमा नहीं की है. हितग्रहियों का कहना है कि आपने उन्हें नि:शुल्क आवास दिए जाने का आश्वासन दिया था और पंपलेट भी बांटे थे. इससे नगर निगम को चार करोड़ 94 लाख रुपये की क्षति हुई है. लिहाजा, नगर निगम के नियमानुसार यह राशि आप जमा कराएं."
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