मध्यप्रदेश की राजनीति में होली के दिन ही उबाल आ गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया है. आज गृहमंत्री अमित शाह के साथ वो प्रधानमंत्री से मिले और एक घंटे की मुलाकात के बाद अपना इस्तीफ़ा सोनिया गांधी को भेज दिया. सूत्रों के मुताबिक मंगलवार शाम 6 बजे वो बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. सिंधिया के अलावा 21 विधायकों ने भी इस्तीफ़ा दे दिया है. इस बीच सूत्रों के हवाले ये ये खबर आ रही है कि कांग्रेस के 6 और विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. इधर दिल्ली में आज शाम बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक होने जा रही है जिसमें शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार गठन को मंज़ूरी दी जा सकती है. इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया, सिर्फ़ हैप्पी होली बोलकर चले गए.
मध्यप्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं और सामान्य हालात में सरकार बनने के लिए 116 सीटों की जरूरत है. लेकिन वर्तमान में दो विधायकों के निधन से उनकी सीटें खाली हैं जबकि एक बसपा विधायक निलंबित हैं. इस तरह अभी सदन में विधायकों की कुल संख्या 227 है. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटें जीती थीं और बीजेपी के खाते में 109 सीटें आई थीं. बहुजन समाज पार्टी के 2, समाजवादी पार्टी के एक और 4 निर्दलीय विधायकों की मदद से राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हुई थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे. उस वक्त भी सीएम पद को लेकर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच एक तरह से जबरदस्त खींचतान देखने को मिली थी लेकिन अंत में सीएम की कुर्सी कमलनाथ के पाले में ही गई थी.
अब जबकि कांग्रेस के 21 विधायकों ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है तो सदन में आंकड़े अब कांग्रेस के पक्ष में नहीं रह गए हैं.
मध्यप्रदेश विधानसभा (इस्तीफ़ों से पहले)
कुल- 227 विधायक (2 का निधन और एक BSP विधायक सस्पेंड)
कांग्रेस 114+6 सहयोगी= 120
BJP = 107
मध्यप्रदेश विधानसभा (20 इस्तीफ़ों के बाद)
कुल विधायक= 227-21 = 206
बहुमत का नया आंकड़ा = 104
कांग्रेस+ सहयोगी= 120-21= 99 (बहुमत से 5 कम)
BJP = 107 (बहुमत से 3 ज़्यादा)
कांग्रेस मध्यप्रदेश सरकार पर आए संकट से इनकार कर रही है लेकिन इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को खत लिखकर 6 मंत्रियों को हटाने की सिफ़ारिश की है. ये 6 मंत्री हैं इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर और प्रभुराम चौधरी. वहीं मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री और कमलनाथ के करीबी नेता बहुमत का दावा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार विधानसभा में बहुमत साबित कर देगी.
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