विज्ञापन

बिहार में SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा विपक्ष, कांग्रेस समेत 9 राजनीतिक दलों ने दाखिल की याचिका

तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बिहार के लोगों के पास वे 11 दस्तावेज नहीं हैं, जो चुनाव आयोग ने मांगे हैं; बल्कि उनके पास आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड और राशन कार्ड है. यही एकमात्र दस्तावेज है जो बिहार के गरीब लोगों के पास है. यह स्पष्ट है कि जिन लोगों के पास ये 11 दस्तावेज नहीं हैं, उनके नाम सूची से हटा दिए जाएंगे. 

बिहार में SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा विपक्ष, कांग्रेस समेत 9 राजनीतिक दलों ने दाखिल की याचिका
  • बिहार में SIR को लेकर विपक्ष की 9 राजनीतिक पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
  • याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस, एनसीपी, CPI, DMK, और अन्य दलों के नेता शामिल हैं
  • राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं
  • तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने 11 दस्तावेज मांगे हैं जो बिहार के गरीबों के पास नहीं हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

बिहार में SIR ( स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विपक्ष की  9 राजनीतिक पार्टियों ने याचिका दाखिल की है. कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, एनसीपी की सुप्रिया सुले, ⁠सीपीआई के डी राजा, ⁠डीएमके, हरिंदर मलिक (समाजवादी पार्टी), ⁠शिवसेना UBT के अरविंद सावंत, ⁠JMM के सरफराज अहमद और CPI  (ML ) के दीपांकर भट्टाचार्य याचिकाकर्ता हैं. बता दें कि विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है. 

राजद नेता तेजस्वी यादव ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि 5 जुलाई को हमने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी और उनके समक्ष अपने सवाल रखे थे. चिंता की बात यह है कि हमें अभी तक चुनाव आयोग से कोई स्पष्टता नहीं मिली है. आप सभी जानते हैं कि बिहार चुनाव आयोग केवल डाकघर के रूप में काम करता है और उसके पास जवाब देने का कोई अधिकार नहीं है. कल चुनाव आयोग ने तीन अलग-अलग निर्देश जारी किए. इससे साबित होता है कि चुनाव आयोग भ्रमित है.

तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बिहार के लोगों के पास वे 11 दस्तावेज नहीं हैं, जो चुनाव आयोग ने मांगे हैं; बल्कि उनके पास आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड और राशन कार्ड है. यही एकमात्र दस्तावेज है जो बिहार के गरीब लोगों के पास है. यह स्पष्ट है कि जिन लोगों के पास ये 11 दस्तावेज नहीं हैं, उनके नाम सूची से हटा दिए जाएंगे. 

वहीं इस पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने कहा था कि इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि सभी पात्र लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल हों. सीईसी ने कहा था कि कुछ लोगों की आशंकाओं के बावजूद एसआईआर यह सुनिश्चित करेगा कि सभी पात्र लोगों के नाम सूची में शामिल हों.

बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं, जबकि पांच राज्यों - असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 में होने हैं. बांग्लादेश और म्यांमा से आने वाले अवैध प्रवासियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में की जा रही कार्रवाई के मद्देनजर यह कवायद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com