मध्य प्रदेश के देवास में गेहूं खरीद केंद्र में अपनी उपज बेचने पहुंचे एक किसान की मौत हो गई है. मौत की वजह हार्ट अटैक (cardiac arrest) बताई जा रही है. मध्यप्रदेश में अपनी उपज बेचने के इंतजार में 7 दिनों के अंदर दूसरे किसान की मौत हुई है. 65 वर्षीय जयराम मंडलोई देवास में अपना गेहूं बेचने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. उसी वक्त उन्हें दिल का दौरा आ गया. देवास के ज़िला अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
जयराम मंडलोई को 29 मई को खरीद केंद्र से एक एसएमएस आया था, 30 और 31 मई को सिया गांव के खरीदी केन्द्र के पास वो इंतजार करते रहे. उनके परिवार के सदस्यों का कहना है कि उन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी. उनके भाई रामचंद्र मंडलोई ने कहा, " खरीदी केन्द्र में कोई टोकन व्यवस्था नहीं थी, किसानों से 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर अनुमति दी गई है. अगर टोकन की व्यवस्था होती तो हम निर्धारित समय पर पहुंच सकते थे."
जयराम के बेटे सचिन मंडलोई ने कहा "ट्रैक्टर ट्रॉली लाने वाले ड्राइवर ने हमें सूचित किया कि मेरे पिता को दिल का दौरा पड़ा है, और वे उन्हें देवास अस्पताल ले जा रहे हैं. जब मैं उज्जैन से देवास आया, तो उन्होंने मुझे उनकी मृत्यु के बारे में बताया. मैं उस दिन दोपहर में गया था, पापा को खाना देकर आया था. मेरे पिता को पहले से कोई बीमारी या टेंशन नहीं थी. जब उनके बेटे से खरीदी केन्द्र में अव्यवस्था के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा मेरे पिता चले गये इससे ज्यादा मैं क्या कुछ नहीं कहना चाहूंगा.
देवास एसडीएम प्रवीण सोनी ने कहा कि रविवार रात दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें देवास जिला अस्पताल ले जाया गया, और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उनका निधन दुर्भाग्यपूर्ण है. हम कृषक कल्याण योजना के तहत उनके परिजनों को 4 लाख रुपये देने के लिए औपचारिकताओं को पूरा कर रहे हैं.
इस मामले में जब हमने कृषि मंत्री कमल पटेल से सवाल पूछा तो फिर उन्होंने कहा "किसी को भी दिल का दौरा पड़ सकता है, जब एनडीटीवी ने दोबारा उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि ये नेगेटिव सोच ठीक नहीं है, आप पत्रकार हैं जब दस पत्रकार इकठ्ठा होते हैं तब लॉकडाउन का पालन नहीं करते, जब लाखों लोग इकठ्ठा होते हैं... आप ये नहीं देख रहे हैं कि 122 लाख मीट्रिक टन गेंहू हमने खरीद लिया. चना हम खरीद रहे हैं, गेंहू हम खरीद रहे हैं जो कांग्रेस बिल्कुल नहीं खरीद रही थी. इतने बड़े काम में कभी कुछ होता है. हम शादी में जाते हैं तो कैसी लाइन लगती है गिद्ध जैसा भोजन पर लोग टूट पड़ते हैं लेकिन फिर भी एक एक दाना किसान का खरीदेंगे.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीतू पटवारी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "यह सरकार किसानों से बदला लेना चाहती है, उन्होंने ऋण माफी योजना को पाप घोषित किया. अब बोरियों की कमी और खरीदी केन्द्रों में अनियमितता एक प्रक्रिया सी बन गई है, पहले आगर में अब देवास में किसान की मौत हो गई, शिवराज भाषण से शासन चला रहे हैं. शिवराज सिंह को जल्द से जल्द कृषि मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए.
इससे पहले 25 मई को, 45 वर्षीय किसान प्रेम सिंह की छह दिनों तक कतार में रहने के बाद आगर मालवा जिले में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी. खरीदी केन्द्रों में भीड़ को देखते हुए सरकार ने खरीद को 5 जून तक बढ़ा दिया है.
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