
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
भोपाल:
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पुलिस मुख्यालय में मंगलवार को उस वक्त अजीबो-गरीब स्थिति बन गई, जब एक महिला हंगामा करने लगी. वजह पुलिस अफसर द्वारा उसका यौन उत्पीड़न थी. उस वक्त मुख्यालय में महिला सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पुलिस के बड़े अफसरों की बैठक कर रहे थे. मुख्यालय में एक तरफ मुख्यमंत्री चौहान महिला अपराध सहित अन्य मामलों की समीक्षा कर रहे थे तो दूसरी ओर एक महिला अपनी आपबीती उन्हें बताना चाहती थी. वहां तैनात अमले ने उस महिला को मुख्यमंत्री तक जाने ही नहीं दिया.
महिला का आरोप है कि इंदौर में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर पदस्थ एक पुलिस अधिकारी बीते 12 सालों से उसका दैहिक शोषण कर रहा है. उसने विधिवत शादी भी की है. एक बेटा है, उसके विद्यालय में पिता के तौर पर पुलिस अधिकारी का नाम दर्ज है. अब उसे पुलिस अफसर की पत्नी व साले लगातार धमका रहे हैं.
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महिला का आरोप है कि वह अपनी समस्या को पुलिस महानिदेशक से लेकर थाने तक में बता चुकी है, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. लिहाजा, वह पुलिस मुख्यालय में मुख्यमंत्री चौहान के आने की सूचना पर यहां पहुंची, मगर यह पुलिसकर्मी आगे ही नहीं जाने दे रहे.
पुलिस मुख्यालय में पदस्थ एक महिलाकर्मी ने भी पिछले दिनों वरिष्ठ पुलिस अफसर पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. उसकी शिकायत पर भी प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है. इन मामलों को लेकर मुख्यमंत्री चौहान से संवाददाताओं ने पूछा तो उनका जवाब था, 'इन मामलों को गृहमंत्री देखेंगे, जो भी मुझसे मिलना चाहता है, वह आकर अपनी बात कह सकता है.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महिला का आरोप है कि इंदौर में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर पदस्थ एक पुलिस अधिकारी बीते 12 सालों से उसका दैहिक शोषण कर रहा है. उसने विधिवत शादी भी की है. एक बेटा है, उसके विद्यालय में पिता के तौर पर पुलिस अधिकारी का नाम दर्ज है. अब उसे पुलिस अफसर की पत्नी व साले लगातार धमका रहे हैं.
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महिला का आरोप है कि वह अपनी समस्या को पुलिस महानिदेशक से लेकर थाने तक में बता चुकी है, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. लिहाजा, वह पुलिस मुख्यालय में मुख्यमंत्री चौहान के आने की सूचना पर यहां पहुंची, मगर यह पुलिसकर्मी आगे ही नहीं जाने दे रहे.
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