'स्वाभिमानी शेतकारी संगठन' के कार्यकर्ताओं ने मालेगांव में राजहंस मिल्क शॉप के ट्रक को आग लगा दी.
- स्वाभिमानी शेतकारी संगठन' कार्यकर्ताओं ने ट्रक में आग लगाई
- कार्यकर्ताओं ने मालेगांव में ट्रक को आग लगाई
- हादसे में ट्रक ड्राइवर बाल-बाल बच गया
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मुंबई:
दूध उत्पादकों के 'स्वाभिमानी शेतकारी संगठन' के कार्यकर्ताओं ने वाशिम के मालेगांव में राजहंस मिल्क शॉप के ट्रक को आग लगा दी. ट्रक ड्राइवर सुरक्षित बचने में कामयाब रहा. दूध उत्पादक किसानों के इस संगठन की मांग है कि उन्हें दी जाने वाली दूध की कीमत बढ़ाई जाए. किसान संगठन 'स्वाभिमानी शेतकारी संगठन' के कार्यकर्ताओं ने पुणे के निकट सोमवार तड़के वाहनों की आवाजाही रोक दी, जिससे आसपास के इलाकों में दूध की आपूर्ति नहीं हो पाई. दूध उत्पादक किसानों के इस संगठन की मांग है कि उन्हें दी जाने वाली दूध की कीमत बढ़ाई जाए.
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में किसानों का आज से दूध आंदोलन, इन जगहों पर हो सकती है दिक्कत
किसान संगठन 'स्वाभिमानी शेतकारी संगठन' के नेता तथा सांसद आर. शेट्टी ने कहा है, नागपुर की घटना की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार तथा पुलिस की है... हमारा विरोध प्रदर्शन रात 12 बजे शुरू होने वाला था, लेकिन पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रविवार सुबह से ही हिरासत में लेना शुरू कर दिया था, कार्यकर्ताओं के घरों में जाकर महिलाओं को गालियां भी दीं, तब प्रतिक्रिया हुई... हम शांतिपूर्वक विरोध करना चाहते हैं...
कार्यकर्ताओं ने वाशिम के मालेगांव में राजहंस मिल्क शॉप के ट्रक को आग लगा दी.
किसान संगठन 'स्वाभिमानी शेतकारी संगठन' के नेता तथा सांसद आर. शेट्टी ने कहा है, सरकार का कहना है कि वे अन्य राज्यों - गुजरात तथा कर्नाटक - से दूध ले आएगी... हम सत्याग्रह करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि बाहर से कोई दूध नहीं लाया जा सके... यह हमारा विरोध प्रदर्शन बाधित करने के लिए सरकार की रणनीति है..
VIDEO: महाराष्ट्र में दूध उत्पादक किसान उतरे सड़कों पर, न्यूनतम कीमत 27 रुपये प्रति लीटर करने की मांग
बता दें कि सरकार की ओर से एक लीटर दूध पर 27 रुपये देने की घोषणा पूरी न होने के विरोध में आंदोलन की घोषणा की गई है. किसान नेता अजीत नवले ने NDTV से कहा कि इस आंदोलन में हज़ारों किसान शामिल हैं जो 15 जुलाई से बिक्री के लिए दूध नहीं दे रहे हैं. आंदोलन कर रहे संगठनों का आरोप है कि राज्य सरकार ने गाय के दूध पर 27 रुपये प्रति लीटर क़ीमत देने का एलान किया है, लेकिन किसानों को सिर्फ़ 17 से 20 रुपये ही मिलते हैं, जबकि बाज़ार में यही दूध 40 से 45 रुपये की क़ीमत में बेचा जाता है.
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किसान संगठन 'स्वाभिमानी शेतकारी संगठन' के नेता तथा सांसद आर. शेट्टी ने कहा है, नागपुर की घटना की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार तथा पुलिस की है... हमारा विरोध प्रदर्शन रात 12 बजे शुरू होने वाला था, लेकिन पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रविवार सुबह से ही हिरासत में लेना शुरू कर दिया था, कार्यकर्ताओं के घरों में जाकर महिलाओं को गालियां भी दीं, तब प्रतिक्रिया हुई... हम शांतिपूर्वक विरोध करना चाहते हैं...
कार्यकर्ताओं ने वाशिम के मालेगांव में राजहंस मिल्क शॉप के ट्रक को आग लगा दी.
#WATCH: Workers of Swabhimani Shetkari Sangathna set ablaze a truck of Rajhans Milk Shop in Washim's Malegaon. Driver later escaped the fire without any injuries. The organisation is demanding price hike for milk farmers. #Maharashtra pic.twitter.com/LOSyim9oLj
— ANI (@ANI) July 16, 2018
किसान संगठन 'स्वाभिमानी शेतकारी संगठन' के नेता तथा सांसद आर. शेट्टी ने कहा है, सरकार का कहना है कि वे अन्य राज्यों - गुजरात तथा कर्नाटक - से दूध ले आएगी... हम सत्याग्रह करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि बाहर से कोई दूध नहीं लाया जा सके... यह हमारा विरोध प्रदर्शन बाधित करने के लिए सरकार की रणनीति है..
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बता दें कि सरकार की ओर से एक लीटर दूध पर 27 रुपये देने की घोषणा पूरी न होने के विरोध में आंदोलन की घोषणा की गई है. किसान नेता अजीत नवले ने NDTV से कहा कि इस आंदोलन में हज़ारों किसान शामिल हैं जो 15 जुलाई से बिक्री के लिए दूध नहीं दे रहे हैं. आंदोलन कर रहे संगठनों का आरोप है कि राज्य सरकार ने गाय के दूध पर 27 रुपये प्रति लीटर क़ीमत देने का एलान किया है, लेकिन किसानों को सिर्फ़ 17 से 20 रुपये ही मिलते हैं, जबकि बाज़ार में यही दूध 40 से 45 रुपये की क़ीमत में बेचा जाता है.
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